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जमशेदपुर के इस बाग में हैं 72 से ज्यादा किस्म के फूल, कई राज्यों में भेजे जाते हैं यहां से पौधे - Garden of Flowers

जमशेदपुर में पर्यावरण दिवस पर लोग फूल और पैधों को खरीदकर अपने घर की शोभा बढ़ा रहे है. शहर में स्थित फूलों के बगीचों में आज लोगों का लगातार भीड़ लगा हुआ है.

72 से ज्यादा किस्म के फूल है उपल्बध
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Published : Jun 5, 2019, 9:19 PM IST

Updated : Jun 6, 2019, 4:19 PM IST

जमशेदपुर: जिले में एक ऐसा बगीचा है जहां 72 किस्म के सिजनेबल फूल हैं. यहीं नहीं इस बगीचे में कई औषधीय पौधे भी हैं जिसका इस्तेमाल घरेलू चिकित्सा या फिर सौंदर्य बढ़ाने के लिए किया जाता है. इसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं

देखें स्पेशल स्टोरी

लौहनगरी में साकची के जुबली पार्क स्थित नर्सरी दास प्लांट बगीचा में पांच हजार से अधिक प्रकार के फूल और पौधे हैं. इनमें से कुछ पौधे बीमारियों के लिए भी फायदेमंद है तो, कुछ पौधे घरों की शोभा बढ़ा रही हैं. इस बगीचे में 72 किस्म के सिजनेबल फूल जैसे- डालिया, मेरिगो, पेन्जी, रोज मेरी है तो साथ ही विदेशी फूल भी आकर्षण का केंद्र बना है.

हर दिन सैंकड़ों लोग इन फूलों को देखने आते हैं. यहां 20 से अधिक औषधीय पौधे हैं जो स्वास्थ्य के लिए काफी भी लाभकारी होता है. औषधीय पौधों का इस्तेमाल घरेलू चिकित्सा और सौंदर्य में भी खूब इस्तेमाल होता है. इसलिए जड़ी बूटियों को उगाकर प्राकृतिक वातावरण के साथ उनका औषधि इस्तेमाल भी किया जा रहा है. बाजार में इसकी कीमत 100 रुपए से लेकर 200 रुपए तक की होती है.

ये पौधे सिर्फ लौहनगरी के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी भेजे जाते हैं. ओडिशा, उत्तर प्रदेश, रायपुर में भी इन पौधों की मांग है. पिछले 10 सालों से इन पौधों का बगीचा खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है. प्रदूषण से निपटने के लिए वर्तमान समय में फूल-पौधे बेहद जरूरी है. फूल-पौधों से ही प्राकृतिक वातारण की शोभा बढ़ती है. यहां प्रकृति प्रेमी के अलाव अन्य लोग भी पौधों की खरीदारी के लिए आते हैं.

जमशेदपुर: जिले में एक ऐसा बगीचा है जहां 72 किस्म के सिजनेबल फूल हैं. यहीं नहीं इस बगीचे में कई औषधीय पौधे भी हैं जिसका इस्तेमाल घरेलू चिकित्सा या फिर सौंदर्य बढ़ाने के लिए किया जाता है. इसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं

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लौहनगरी में साकची के जुबली पार्क स्थित नर्सरी दास प्लांट बगीचा में पांच हजार से अधिक प्रकार के फूल और पौधे हैं. इनमें से कुछ पौधे बीमारियों के लिए भी फायदेमंद है तो, कुछ पौधे घरों की शोभा बढ़ा रही हैं. इस बगीचे में 72 किस्म के सिजनेबल फूल जैसे- डालिया, मेरिगो, पेन्जी, रोज मेरी है तो साथ ही विदेशी फूल भी आकर्षण का केंद्र बना है.

हर दिन सैंकड़ों लोग इन फूलों को देखने आते हैं. यहां 20 से अधिक औषधीय पौधे हैं जो स्वास्थ्य के लिए काफी भी लाभकारी होता है. औषधीय पौधों का इस्तेमाल घरेलू चिकित्सा और सौंदर्य में भी खूब इस्तेमाल होता है. इसलिए जड़ी बूटियों को उगाकर प्राकृतिक वातावरण के साथ उनका औषधि इस्तेमाल भी किया जा रहा है. बाजार में इसकी कीमत 100 रुपए से लेकर 200 रुपए तक की होती है.

ये पौधे सिर्फ लौहनगरी के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी भेजे जाते हैं. ओडिशा, उत्तर प्रदेश, रायपुर में भी इन पौधों की मांग है. पिछले 10 सालों से इन पौधों का बगीचा खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है. प्रदूषण से निपटने के लिए वर्तमान समय में फूल-पौधे बेहद जरूरी है. फूल-पौधों से ही प्राकृतिक वातारण की शोभा बढ़ती है. यहां प्रकृति प्रेमी के अलाव अन्य लोग भी पौधों की खरीदारी के लिए आते हैं.

Intro:एंकर-- कहते हैं मनुष्य का प्रकृति से संबंध पृथ्वी के जन्म के समय से रहा है बिना प्रकृति और पर्यावरण की धरती पर प्राणियों का जीवित रहना संभव नहीं है. शास्त्र में भी पेड़ पौधों और मनुष्य के संबंधों पर विस्तार से चर्चा की गई है।पर्यावरण दिवस पर देखिए एक रिपोर्ट


Body:वीओ1--लौहनगरी का एक ऐसा बगीचा जहाँ पाँच हज़ार से अधिक प्रकार के फूल पौधे हैं। कुछ पौधे बीमारियों के लिए भी फायदेमंद है। तो वहीं कुछ पौधे घरों की शोभा बढ़ा रहे हैं।
सिजनेबल फूल--72 किस्म के सिजनेबल फूल यहाँ उपलब्ध है.डालिया, मेरिगो,पेन्जी, लाइन्थस,रोज मेरी,गैजेनिया,सालविया, ये सभी एक निश्चित माह में ही रहते हैं. अकटुबर से लेकर मई तक कि इनकी अवधि होती है।
विदेशी पौधे--एजेलिया, कैमेलिया,जरबेरा,सायप्रस, पालम,एंथोरियम, ये सभी विदेशी पौधे हैं।इनकी बाज़ार में कीमत छः सौ रुपए से लेकर पंद्रह सौ रुपए तक होती है।
हर दिन सैंकड़ों लोग इन फूलों को देखने आते हैं।
औसधीय पौधे 20 से ज़्यादा: जड़ी बूटियों से स्वास्थ्य के साथ सेहत भी लाभकारी होता है।औसधीय पौधों का इस्तेमाल घरेलू चिकित्सा व सौंदर्य में भी खूब होता है। इसलिए जड़ी बूटियों को उगाकर प्राकृतिक वातावरण के साथ उनका औषधि इस्तेमाल भी किया जा रहा है।बाज़ार में इसकी कीमत ₹100 से लेकर ₹200 तक की होती है।
बाइट--सुषमा कुमारी(संचालिका)
वीओ2--ये पौधे सिर्फ लौहनगरी के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी भेजे जाते हैं। उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, रायपुर में भी इन पौधों की मांग है पिछले 10 सालों से इन पौधों का बगीचा खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है।प्रदूषण से निपटने के लिए वर्तमान समय में फूल-पौधे बेहद जरूरी है।फूल-पौधों से ही प्राकृतिक वातारण होती है।फूल बेहद ही जरूरी है।यहाँ प्रकृति प्रेमी के अलाव अन्य लोग भी पौधों की खरीदारी के लिए आते हैं।
बाइट--आर०एन० दास(खरीदार)


Conclusion:
Last Updated : Jun 6, 2019, 4:19 PM IST
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