रांची: राज्य में उच्च शिक्षा इन दिनों काफी खस्ता हालत में है. राज्यभर के 6 विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की भारी कमी है. इन विश्वविद्यालयों में 1118 रिक्त पद हैं और इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है. इस दिशा में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने पहल की है, लेकिन दिल्ली अभी दूर है.
विद्यार्थियों का कहना है कि जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्ति हो नहीं तो स्थिति और भयावह हो जाएगी. रांची विश्वविद्यालय के अलावे राज्य भर के तमाम विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की नियुक्ति अगर समय रहते नहीं होती है, तो इसका असर उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों पर पड़ेगा.
गौरतलब है कि राज्यभर में कुल आठ विश्वविद्यालय संचालित हैं. जिसमें से 6 विश्वविद्यालयों की हालत काफी खराब है.
- रांची विवि में कुल 268 पद रिक्त हैं. इसमें 120 नियमित हैं और बैकलॉग के 148 पद हैं.
- विनोबा भावे में 10 नियमित पद और बैकलॉग में 145 पद रिक्त पड़े हैं.
- सिदो-कान्हू विश्वविद्यालय में 188 पद खाली हैं. जिसमें 72 नियमित हैं और 116 बैकलॉग के हैं.
- नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय की 161 पद रिक्त हैं, जिसमें 111 नियमित हैं और 50 बैकलॉग के पद हैं.
- कोल्हान विश्वविद्यालय में 239 नियमित है और 107 पद रिक्त हैं. कुल मिलाकर 346 इस विश्वविद्यालय में रिक्त पद पड़े हैं.
राज्यभर के विश्वविद्यालयों में 1118 पद रिक्त पड़े हैं. इधर कुलाधिपति सह राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के निर्देश पर राज्य के विश्वविद्यालयों ने झारखंड लोक सेवा आयोग को विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अनुरोध पत्र भेजा है.
जानकारी के मुताबिक विवि का पत्र मिलने के बाद जेपीएससी ने नियुक्ति प्रक्रिया करने की कवायद शुरू की है. 566 बैकलॉग के पद हैं और नियमित में 552 पद रिक्त हैं. आयोग नियुक्ति के लिए साक्षात्कार दस्तावेज जांच की तिथि शीघ्र जारी करेगी. वहीं बैकलॉग पद में नियुक्ति के लिए आयोग ने पहले ही आवेदन मांग लिया है.