बोकारो: अगर आप महिला समूह से लोन लेकर किसी दूसरो को दे रहे हैं तो, आपको इसकी कीमत जान देकर भी चुकानी पड़ सकती है. ऐसा ही एक मामला हरला थाना क्षेत्र के लेवाटाड़ गांव में सामने आया है. लेवाटाड़ गांव में पड़ोसियों की पिटाई से घायल 50 वर्षीय महिला सुकुरमुनी देवी की मौत (Woman Dies of Beating in Bokaro) हो गई. परिजनों का कहना है कि लोन की वजह से ही उसकी जान गई.
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क्या है मामला : बताया जा रहा है कि जगेश्वर मांझी की पत्नी सुकुरमुनी ने 80 हजार रुपये महिला समिति से लोन उठा कर पड़ोस में रहने वाली सुनीता को दी थी. इस दौरान लोन भुगतान करने का दबाव लगातार महिला समिति और माइक्रोफाइनेंस के लोग बना रहे थे. महिला के परिजनों का कहना है कि सुनीता लोन की राशि का भुगतान भी कर रही थी. बावजूद इसके इसको लेकर पड़ोसी सुनीता समेत अन्य ने विवाद शुरू कर दिया. इसी को लेकर सुकुरमुनी की सभी ने पिटाई कर दी. महिला इसके बाद घर आ गई. दो दिनों के बाद महिला की घर में ही मौत हो गई.
बताते चलें कि माइक्रो फाइनेंस कंपनी के लोग ग्रामीण क्षेत्र में महिला समूह को तैयार कर लोन देने का काम करते हैं. साथ ही महिला समूह से ही लोन वसूली का भी काम करते हैं. लोन वसूल नहीं होने पर समूह पर दबाव बनाते हैं. ऐसे में वर्तमान समय में पूरा ग्रामीण इलाका माइक्रो फाइनेंस की जद में आ चुका है.
पुलिस जांच में जुटी: हरला थाना पुलिस मामला दर्ज करते हुए मामले की जांच में जुट गई है. महिला समिति समूह के द्वारा लोन उपलब्ध कराए जाने की भी जांच करने की बात कही है. पुलिस ने इस मामले में मृतका के पड़ोसी सुनीता और रोहन बेसरा समेत अन्य पर गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है.