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क्या ईएसएल वेदांता बिकेगी, चर्चा का बाजार गर्म

बोकारो में वेदांता ग्रुप की स्टील कंपनी, चंदनक्यारी स्थित इलेक्ट्रोस्टील स्टील लिमिटेड (Electrosteel Steel Limited) की बिक्री की चर्चा का बाजार गर्म है. यह अटकल आम लोग भी लगा रहे हैं. बोकारो में यह चर्चा सरगर्म है कि ईएसएल इस्पात व्यवसाय से बाहर निकलना चाहती है.

Will Vedanta sell ESL chandankiyari talk in public that Vedanta Group exiting steel business
बोकारो में वेदांता ग्रुप की स्टील कंपनी
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Published : Nov 15, 2022, 10:20 PM IST

बोकारो: जिले के चंदनक्यारी ब्लॉक में स्थित इलेक्ट्रोस्टील स्टील लिमिटेड (Electrosteel Steel Limited) को वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) बेचना चाह रहा है. इसकी चर्चा का बाजार गर्म है. जानकारों की मानें तो उद्योगपति अनिल अग्रवाल की वेदांता इंडस्ट्रीज अपनी सहायक कंपनी ईएसएल (ESL) को बेचकर इस्पात व्यवसाय से बाहर निकलना चाहती है. खरीदारों की तलाश में वेदांता समूह ने आर्सेलर मित्तल, निप्पॉन स्टील, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू और जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड जैसी स्टील कंपनियों और इन्वेस्टर्स के साथ संपर्क साधा है.

ये भी पढ़ें-झारखंड राज्य स्थापना विशेष: जानिए, 22 साल बाद क्या है रिम्स अस्पताल का हाल


आदित्य मित्तल ने किया था प्लांट का दौराः सूत्रों का कहना है कि आर्सेलर मित्तल के सीईओ आदित्य मित्तल जैसे शीर्ष अधिकारियों ने भी हाल के महीनों में वेदांता के अधिकारियों के साथ प्लांट का दौरा किया था. ईएसएल (ESL) से जुड़ी ऐसी खबरें आने के बाद बोकारो और चंदनक्यारी के लोगों के बीच ईएसएल प्लांट को लेकर तरह-तरह की बातें हो रहीं हैं.

चार साल में दूसरी बार हो रही है बिक्री की चर्चाः चार साल में यह दूसरी बार है, जिसमें वेदांता समूह की कंपनी ईएसएल की बिक्री की चर्चा का बाजार गर्म है. बता दें कि ईएसएल 31 मार्च 2018 को तब अस्तित्व में आई थी, जब वेदांता ने 2018 में टाटा स्टील को पछाड़कर इलेक्ट्रोस्टील को 5,320 करोड़ रुपये में खरीदा था. वेदांता ग्रुप के पास इलेक्ट्रोस्टील की 95.5% हिस्सेदारी है.

हजारों लोगों को मिला रोजगारः ईएसएल में चंदनक्यारी और आसपास के हजारों लोग काम करते हैं. सियालजोरी में ग्रामीणों ने अपनी हजारों एकड़ पुस्तैनी जमीन कंपनी को ईएसएल प्लांट लगाने के लिए दी है. कई लोगों का रोजगार ईएसएल से जुड़ा है. इधर, प्लांट बिकने की खबरों से लोग ऊहापोह में हैं.



एक तरफ विस्तारीकरण की योजना और दूसरी ओर बेचने की चर्चाः लोग इस बात से भी हतप्रभ हैं कि एक तरफ वेदांता ग्रुप ईएसएल प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण कर विस्तार करने की बात कर रहा है, पर्यावरण मंजूरी के लिए पब्लिक हियरिंग करा रहा है. वहीं दूसरी ओर बेचने की चर्चा चल रही है. 26 मार्च को वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited) के निदेशक मंडल ने बोकारो के चंदनक्यारी ब्लॉक स्थित ईएसएल स्टील लिमिटेड (ESL Steel Limited) के विस्तारीकरण सहित तीन परियोजनाओं में निवेश को मंजूरी दी थी. इसमें ईएसएल की वर्तमान उत्पादन क्षमता 1.5 एमटीपीए से बढ़ाकर 3 एमटीपीए करने के लिए वेदांता 324 मिलियन डॉलर का निवेश करने का ऐलान किया था पर अब इसके बेचने की बात हो रही है.



टिप्पणी करने से बच रहे हैं अधिकारीः वेदांता समूह के सीईओ सुनील दुग्गल सोमवार को चंदनक्यारी के ईएसएल प्लांट का विजिट किया था. वेदांता ग्रुप ने इस बारे में कहा कि वह बाजार की अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. आर्सेलर मित्तल और जेएसडब्ल्यू ने भी टिप्पणी करने से इनकार किया है. टाटा स्टील के सीएफओ कौशिक चटर्जी ने कहा कि कंपनी के पास अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.



मजदूरों और कर्मियों के हित को ध्यान रखे कंपनीः इधर, चंदनक्यारी विधायक अमर बाउरी ने कहा कि वेदांता ईएसएल प्लांट के बेचे जाने की चर्चा जोरों पर है. उन्होंने कहा कि कंपनी रैयतों, मजदूरों और कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए कोई फैसला ले, लोगों के रोजगार में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए.

बोकारो: जिले के चंदनक्यारी ब्लॉक में स्थित इलेक्ट्रोस्टील स्टील लिमिटेड (Electrosteel Steel Limited) को वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) बेचना चाह रहा है. इसकी चर्चा का बाजार गर्म है. जानकारों की मानें तो उद्योगपति अनिल अग्रवाल की वेदांता इंडस्ट्रीज अपनी सहायक कंपनी ईएसएल (ESL) को बेचकर इस्पात व्यवसाय से बाहर निकलना चाहती है. खरीदारों की तलाश में वेदांता समूह ने आर्सेलर मित्तल, निप्पॉन स्टील, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू और जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड जैसी स्टील कंपनियों और इन्वेस्टर्स के साथ संपर्क साधा है.

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आदित्य मित्तल ने किया था प्लांट का दौराः सूत्रों का कहना है कि आर्सेलर मित्तल के सीईओ आदित्य मित्तल जैसे शीर्ष अधिकारियों ने भी हाल के महीनों में वेदांता के अधिकारियों के साथ प्लांट का दौरा किया था. ईएसएल (ESL) से जुड़ी ऐसी खबरें आने के बाद बोकारो और चंदनक्यारी के लोगों के बीच ईएसएल प्लांट को लेकर तरह-तरह की बातें हो रहीं हैं.

चार साल में दूसरी बार हो रही है बिक्री की चर्चाः चार साल में यह दूसरी बार है, जिसमें वेदांता समूह की कंपनी ईएसएल की बिक्री की चर्चा का बाजार गर्म है. बता दें कि ईएसएल 31 मार्च 2018 को तब अस्तित्व में आई थी, जब वेदांता ने 2018 में टाटा स्टील को पछाड़कर इलेक्ट्रोस्टील को 5,320 करोड़ रुपये में खरीदा था. वेदांता ग्रुप के पास इलेक्ट्रोस्टील की 95.5% हिस्सेदारी है.

हजारों लोगों को मिला रोजगारः ईएसएल में चंदनक्यारी और आसपास के हजारों लोग काम करते हैं. सियालजोरी में ग्रामीणों ने अपनी हजारों एकड़ पुस्तैनी जमीन कंपनी को ईएसएल प्लांट लगाने के लिए दी है. कई लोगों का रोजगार ईएसएल से जुड़ा है. इधर, प्लांट बिकने की खबरों से लोग ऊहापोह में हैं.



एक तरफ विस्तारीकरण की योजना और दूसरी ओर बेचने की चर्चाः लोग इस बात से भी हतप्रभ हैं कि एक तरफ वेदांता ग्रुप ईएसएल प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण कर विस्तार करने की बात कर रहा है, पर्यावरण मंजूरी के लिए पब्लिक हियरिंग करा रहा है. वहीं दूसरी ओर बेचने की चर्चा चल रही है. 26 मार्च को वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited) के निदेशक मंडल ने बोकारो के चंदनक्यारी ब्लॉक स्थित ईएसएल स्टील लिमिटेड (ESL Steel Limited) के विस्तारीकरण सहित तीन परियोजनाओं में निवेश को मंजूरी दी थी. इसमें ईएसएल की वर्तमान उत्पादन क्षमता 1.5 एमटीपीए से बढ़ाकर 3 एमटीपीए करने के लिए वेदांता 324 मिलियन डॉलर का निवेश करने का ऐलान किया था पर अब इसके बेचने की बात हो रही है.



टिप्पणी करने से बच रहे हैं अधिकारीः वेदांता समूह के सीईओ सुनील दुग्गल सोमवार को चंदनक्यारी के ईएसएल प्लांट का विजिट किया था. वेदांता ग्रुप ने इस बारे में कहा कि वह बाजार की अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. आर्सेलर मित्तल और जेएसडब्ल्यू ने भी टिप्पणी करने से इनकार किया है. टाटा स्टील के सीएफओ कौशिक चटर्जी ने कहा कि कंपनी के पास अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.



मजदूरों और कर्मियों के हित को ध्यान रखे कंपनीः इधर, चंदनक्यारी विधायक अमर बाउरी ने कहा कि वेदांता ईएसएल प्लांट के बेचे जाने की चर्चा जोरों पर है. उन्होंने कहा कि कंपनी रैयतों, मजदूरों और कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए कोई फैसला ले, लोगों के रोजगार में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए.

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