बोकारो: गोविंदपुर एफ पंचायत अंतर्गत राजाबाजार नीचे टोला की रहने वाली 70 वर्षीय सीता देवी, उसकी 23 साल की नातिन और 18 साल के नाती की शुक्रवार को अज्ञात लोगों ने पश्चिम बंगाल में हत्या कर दी. इसके बाद अब तीनों का शव बोकारो लाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि तीनों की पश्चिम बंगाल में स्पेशल परमिशन के बाद पोस्टमार्टम किया गया और फिर शव उनके हवाले कर दिया गया. शनिवार शाम तक शव बोकारो आने का अनुमान लगाया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: पत्नी से छेड़खानी पर दोस्त को आया गुस्सा, पीट-पीटकर उतारा मौत के घाट
जानकारी के अनुसार, सीता देवी अपनी बेटी के पास गई थी. पश्चिम बंगाल में उसकी नातिन सिमरन और उसके पति में कुछ तनाव चल रहा था और तलाक तक बात पहुंच गई थी. इस हत्या को दोनों के बीच विवाद के एंगल से भी देखा जा रहा है. महिला की बेटी प्रतिमा देवी और दामाद धनंजय विश्वकर्मा पश्चिम बंगाल के पानागढ़ स्थित शारदा पल्ली गांव में रहते थे. यहीं पर हत्यारे ने सीता देवी के अलावा धनंजय विश्वकर्मा की 23 वर्षीय पुत्री सिमरन और 18 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार की भी हत्या कर डाली. सीता देवी और सिमरन की हत्या गला दबाकर की गई है. जबकि सोनू की हत्या चाकू मारकर की गयी.
सीता देवी 3 नवंबर को अपनी बेटी के पानागढ़ स्थित घर गयी थी. मां के पानागढ़ आ जाने के बाद धनंजय और प्रतिमा अपनी बड़ी बेटी की डिलीवरी होने के बाद उसकी मदद के लिए असम चले गये थे. सीता देवी अपनी नतिनी और नाती के साथ रह रही थी. बताया जाता है कि शुक्रवार की सुबह नौ बजे एक हेलमेट लगाया हुआ व्यक्ति धनंजय के आवास पर आया. उस व्यक्ति के आने पर घर में मौजूद पालतू कुत्ते ने भौंका भी नहीं.
आशंका व्यक्त की जा रही है कि घर आने वाला व्यक्ति परिचित रहा होगा. उस व्यक्ति के चले जाने पर जब पड़ोसी उनके घर पर गये तो कमरे में तीनों के शव पड़े हुए थे. धनंजय की छोटी बेटी सिमरन का अपने पति से तलाक होने वाला था. हत्या की सूचना के बाद बोकारो थर्मल से महावीर विश्वकर्मा, विशाल सहित पूरा परिवार पानागढ़ चला गया है.