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AITUC Conference in Bokaro: एटक के राज्य स्तरीय सम्मेलन में बोले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से भारत का लोकतंत्र खतरे में - मजदूरों के सामने आ रही समस्याओं पर भी चर्चा

झारखंड राज्य एटक के तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन का आयोजन बोकारो में किया गया है. सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विद्यासागर गिरी ने केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण भारत का लोकतंत्र खतरे में है. सरकार गंगा-जमुनी तहजीब को तहस-नहस करना चाहती है.

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State Level AITUC Conference Organized In Bokaro
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Published : Mar 18, 2023, 5:34 PM IST

बोकारो: अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विद्यासागर गिरी बोकारो में जमकर केंद्र सरकार पर बरसे. उन्होंने बोकारो के सेक्टर दो डी स्थित कला केंद्र में झारखंड राज्य एटक के तीन दिवसीय छठा राज्य सम्मेलन के दौरान अपनी बात रखते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है. मोदी सरकार देश की गंगा-जमुनी तहजीब को खत्म करने में लगी है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि देश का सबसे बड़ा घोटाला मोदी सरकार के कार्यकाल में हुआ है. इसका खुलासा हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में भी हुआ है, लेकिन सरकार चुप्पी साधे हुए हैं. केंद्र सरकार द्वारा मामले में ना किसी सांसद को और ना ही किसी नेता को बोलने दिया जा रहा है. बीजेपी सरकार लोकतंत्र के लिए खतरा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में मोदी सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है.

ये भी पढे़ं-Bokaro Worker Died: बोकारो में सीमेंट फैक्ट्री में हादसा, इमारत से गिरकर मजदूर की मौत

मजदूरों की समस्या पर चर्चा कर सदस्यों ने संघर्ष करने का लिया निर्णयः वहीं सम्मेलन में देश के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा कर आगे संघर्ष की रणनीति पर सदस्यों ने विचार-विमर्श किया. इस सम्मेलन में मजदूरों के साथ हो रहे शोषण और मजदूरों के सामने आ रही समस्याओं पर भी चर्चा की गई. इस सम्मेलन में राष्ट्रीय महासचिव के साथ उपाध्यक्ष ने भी शिरकत की. सम्मेलन में प्रदेश के सभी डेलीगेट्स मौजूद थे.

गैर बीजीपी शासित राज्यों में सरकार को अस्थिर करने का लगाया आरोपः एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विद्यासागर गिरी ने कहा कि वर्तमान में गैर बीजेपी शासित राज्यों के राज्यपाल चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करना चाहते हैं. ऐसे में एटक ने वर्ष 2023 को संघर्ष का वर्ष घोषित कर रखा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में एटक संघर्ष करेगी.

सम्मेलन में 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने लिया हिस्साः बताते चलें कि एटक के तीन दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन में एटक के कई दिग्गज नेता शामिल हुए हैं. ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) का छठा राज्य सम्मेलन 17 मार्च से शुरू हुआ था, जो 19 मार्च तक चलेगा. इसमें राज्य के कोने-कोने से लगभग 300 प्रतिनिधियों ने भाग लिया है.

विभिन्न ट्रेड के मजदूरों ने भी सम्मेलन में बढ़-चढ़ कर लिया भागः सम्मेलन में कोयला, लोहा, बिजली, लौह अयस्क, हैवी इंजीनियरिंग, असंगठित क्षेत्र, निर्माण मजदूर, आंगनबाड़ी, स्कीम वर्कर्स, इस्पात मजदूर, बीड़ी मजदूर, सीमेंट मजदूर, पत्थर तोड़ मजदूर, दिहाड़ी मजदूर, लोडिंग अनलोडिंग मजदूर, झमाडा मजदूर, फुटपाथ मजदूर, मोटर कामगार, अराजपत्रित कर्मचारी सहित कई उद्योगों के मजदूर भाग ले रहे हैं.

बोकारो: अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विद्यासागर गिरी बोकारो में जमकर केंद्र सरकार पर बरसे. उन्होंने बोकारो के सेक्टर दो डी स्थित कला केंद्र में झारखंड राज्य एटक के तीन दिवसीय छठा राज्य सम्मेलन के दौरान अपनी बात रखते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है. मोदी सरकार देश की गंगा-जमुनी तहजीब को खत्म करने में लगी है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि देश का सबसे बड़ा घोटाला मोदी सरकार के कार्यकाल में हुआ है. इसका खुलासा हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में भी हुआ है, लेकिन सरकार चुप्पी साधे हुए हैं. केंद्र सरकार द्वारा मामले में ना किसी सांसद को और ना ही किसी नेता को बोलने दिया जा रहा है. बीजेपी सरकार लोकतंत्र के लिए खतरा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में मोदी सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है.

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मजदूरों की समस्या पर चर्चा कर सदस्यों ने संघर्ष करने का लिया निर्णयः वहीं सम्मेलन में देश के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा कर आगे संघर्ष की रणनीति पर सदस्यों ने विचार-विमर्श किया. इस सम्मेलन में मजदूरों के साथ हो रहे शोषण और मजदूरों के सामने आ रही समस्याओं पर भी चर्चा की गई. इस सम्मेलन में राष्ट्रीय महासचिव के साथ उपाध्यक्ष ने भी शिरकत की. सम्मेलन में प्रदेश के सभी डेलीगेट्स मौजूद थे.

गैर बीजीपी शासित राज्यों में सरकार को अस्थिर करने का लगाया आरोपः एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विद्यासागर गिरी ने कहा कि वर्तमान में गैर बीजेपी शासित राज्यों के राज्यपाल चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करना चाहते हैं. ऐसे में एटक ने वर्ष 2023 को संघर्ष का वर्ष घोषित कर रखा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में एटक संघर्ष करेगी.

सम्मेलन में 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने लिया हिस्साः बताते चलें कि एटक के तीन दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन में एटक के कई दिग्गज नेता शामिल हुए हैं. ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) का छठा राज्य सम्मेलन 17 मार्च से शुरू हुआ था, जो 19 मार्च तक चलेगा. इसमें राज्य के कोने-कोने से लगभग 300 प्रतिनिधियों ने भाग लिया है.

विभिन्न ट्रेड के मजदूरों ने भी सम्मेलन में बढ़-चढ़ कर लिया भागः सम्मेलन में कोयला, लोहा, बिजली, लौह अयस्क, हैवी इंजीनियरिंग, असंगठित क्षेत्र, निर्माण मजदूर, आंगनबाड़ी, स्कीम वर्कर्स, इस्पात मजदूर, बीड़ी मजदूर, सीमेंट मजदूर, पत्थर तोड़ मजदूर, दिहाड़ी मजदूर, लोडिंग अनलोडिंग मजदूर, झमाडा मजदूर, फुटपाथ मजदूर, मोटर कामगार, अराजपत्रित कर्मचारी सहित कई उद्योगों के मजदूर भाग ले रहे हैं.

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