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Bokaro Software Technology Park: 06 साल से फाइल में लटका है बोकारो में बनने वाला एसटीपीआई, फिर से बन रहा है डीपीआर - बोकारो में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क निर्माण

बोकारो में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क बनने का काम 6 साल बाद भी अधर में ही लटका है. पांच महीने पहले नया डीपीआर बनाने की स्वीकृति मिली थी लेकिन अभी तक डीपीआर नहीं बन सका है.

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Published : Mar 11, 2023, 10:38 AM IST

रांची: 06 वर्ष बाद भी बोकारो में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) की स्थापना अभी तक फाइल में लटकी हुई है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो एसटीपीआई 2025 तक बोकारो में बनकर तैयार होगा. पीछले वर्ष सीएमओ की स्वीकृति के बाद अभी पांच माह से नया डीपीआर ही तैयार किया जा रहा है. जबकि एसटीपीआई के लिए 6 वर्ष पूर्व ही भूमि आवंटित की जा चुकी है. भूमि हस्तांतरित की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.

ये भी पढ़ें- सरायकेला आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में बनेगा पूर्वी जोन का पहला डाटा सेंटर, लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार

दो सदस्यीय समिति का गठन: राज्य सरकार ने नवंबर 2022 में संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति का गठन किया था, जो निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगी. जिसमें एसटीपीआई के अतिरिक्त निदेशक सिद्धार्थ कुमार राय और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सचिव संजय बिहारी समिति के सदस्य हैं. लेकिन अभी तक डीपीआर नहीं बना सका है. बताते चलें कि 2018 में बोकारो में एसटीपीआई निर्माण के लिए डीपीआर बना था, लेकिन चार वर्षों तक निर्माण कार्य नहीं होने कारण फिर से नए डीपीआर बनाने की जरूरत पड़ गई है.

डीपीआर तैयार होने के बाद शुरू होगा काम: एसटीपीआइ के अतिरिक्त निदेशक के अनुसार एसटीपीआई का डीपीआर पूरा होने के बाद टेंडर की प्रक्रिया होगी उसके बाद बालीडीह में स्थापित करने के लिए निर्माण कार्य शुरू होगा. इस काम में लगभग दो साल का समय लगेगा. बताते चलें कि झारखंड में पांच एसटीपीआई परियोजनाएं हैं. एसटीपीआई रांची, धनबाद और देवघर चालू हैं. जमशेदपुर परियोजना पूरी हो चुकी है और बोकारो में अभी तक इसे स्थापित नहीं किया जा सका है.

100 करोड़ के निवेश को संभावना: एसटीपीआई के अधिकारी के सिद्धार्थ कुमार अनुसार कई बहुराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कंपनियां बोकारो में अपनी इकाई स्थापित करने की इच्छुक हैं. लगभग 100 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होने का अनुमान है. प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से 3000 लोगों को रोजगार मिलेगा. कई सॉफ्टवेयर, बीपीओ और कॉल सेंटर कंपनियां भी हैं जो झारखंड के बोकारो को एक निवेशक-अनुकूल स्थान के रूप में देख रही हैं.

एनएच पर 1.45 एकड़ भूमि है आवंटित: जमीन पाने के लिए एसटीपीआई को काफी संघर्ष करना पड़ा है. सालों पहले जमीन की तलाश शुरू हो गई थी. एसटीपीआई को जियाडा को ओर से जमीन आवंटित की गई. 1.45 एकड़ का प्लॉट राष्ट्रीय राजमार्ग-23 (रांची-बोकारो) पर प्राइम लोकेशन पर है. 2017 में ही जियाडा के साथ भूमि हस्तांतरण संबंधी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. एसटीपीआई में 55,000 वर्ग फूट का सॉफ्टवेयर पार्क बनेगा, जिसकी लागत 25 करोड़ होने की संभावना है.

रांची: 06 वर्ष बाद भी बोकारो में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) की स्थापना अभी तक फाइल में लटकी हुई है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो एसटीपीआई 2025 तक बोकारो में बनकर तैयार होगा. पीछले वर्ष सीएमओ की स्वीकृति के बाद अभी पांच माह से नया डीपीआर ही तैयार किया जा रहा है. जबकि एसटीपीआई के लिए 6 वर्ष पूर्व ही भूमि आवंटित की जा चुकी है. भूमि हस्तांतरित की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.

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दो सदस्यीय समिति का गठन: राज्य सरकार ने नवंबर 2022 में संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति का गठन किया था, जो निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगी. जिसमें एसटीपीआई के अतिरिक्त निदेशक सिद्धार्थ कुमार राय और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सचिव संजय बिहारी समिति के सदस्य हैं. लेकिन अभी तक डीपीआर नहीं बना सका है. बताते चलें कि 2018 में बोकारो में एसटीपीआई निर्माण के लिए डीपीआर बना था, लेकिन चार वर्षों तक निर्माण कार्य नहीं होने कारण फिर से नए डीपीआर बनाने की जरूरत पड़ गई है.

डीपीआर तैयार होने के बाद शुरू होगा काम: एसटीपीआइ के अतिरिक्त निदेशक के अनुसार एसटीपीआई का डीपीआर पूरा होने के बाद टेंडर की प्रक्रिया होगी उसके बाद बालीडीह में स्थापित करने के लिए निर्माण कार्य शुरू होगा. इस काम में लगभग दो साल का समय लगेगा. बताते चलें कि झारखंड में पांच एसटीपीआई परियोजनाएं हैं. एसटीपीआई रांची, धनबाद और देवघर चालू हैं. जमशेदपुर परियोजना पूरी हो चुकी है और बोकारो में अभी तक इसे स्थापित नहीं किया जा सका है.

100 करोड़ के निवेश को संभावना: एसटीपीआई के अधिकारी के सिद्धार्थ कुमार अनुसार कई बहुराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कंपनियां बोकारो में अपनी इकाई स्थापित करने की इच्छुक हैं. लगभग 100 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होने का अनुमान है. प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से 3000 लोगों को रोजगार मिलेगा. कई सॉफ्टवेयर, बीपीओ और कॉल सेंटर कंपनियां भी हैं जो झारखंड के बोकारो को एक निवेशक-अनुकूल स्थान के रूप में देख रही हैं.

एनएच पर 1.45 एकड़ भूमि है आवंटित: जमीन पाने के लिए एसटीपीआई को काफी संघर्ष करना पड़ा है. सालों पहले जमीन की तलाश शुरू हो गई थी. एसटीपीआई को जियाडा को ओर से जमीन आवंटित की गई. 1.45 एकड़ का प्लॉट राष्ट्रीय राजमार्ग-23 (रांची-बोकारो) पर प्राइम लोकेशन पर है. 2017 में ही जियाडा के साथ भूमि हस्तांतरण संबंधी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. एसटीपीआई में 55,000 वर्ग फूट का सॉफ्टवेयर पार्क बनेगा, जिसकी लागत 25 करोड़ होने की संभावना है.

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