बोकारो: रविवार की सुबह बोकारो इस्पात संयंत्र (BSL) के ब्लास्ट फर्नेस 1 में आग लग गई. इससे उत्पादन ठप हो गया है. हालांकि इस घटना में कोई भी कामगार हताहत नहीं हुआ है. जानकारी के मुताबिक, ब्लास्ट फर्नेस 1 के टुयर में आग लगने के पहले धमाका हुआ था. ब्लास्ट से चिंगारी निकली और फिर उस चिंगारी से निकली आग ने फर्नेस को अपनी चपेट में ले लिया. इस अचानक हुए हादसे से कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई. बीएसएल के संचार प्रमुख मणिकांत धान ने इसकी पुष्टि की है.
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उन्होंने बताया कि ब्लास्ट फर्नेस 1 में रविवार से रात्रि पाली बहाल हो जाएगी. चार भट्ठियों से दैनिक उत्पादन लगभग 13500 टन है. बीएफ 1 घटना के कारण, लगभग 1500 टन की कुछ कमी होने की संभावना है. जिसे बाद में एडजस्ट किया जाएगा. घटना कैसे घटी प्रबंधन इसकी जानकारी हासिल करने में लगा हुआ है. बीएसएल टीम की प्राथमिकता जल्द से जल्द फिर से उत्पादन शुरू करने की है.
बताया जा रहा है कि ब्लास्ट फर्नेस 01 के टुयर संख्या 17 में रविवार सुबह लगभग 10:30 बजे अचानक आग लग गई. घटना की जानकारी सीआईएसएफ फायर ब्रिगेड को तुरंत दी गई. जिसके बाद फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची. जिसके बाद आग पर काबू पा लिया गया है. घटना में टुयर के केबल जले हैं.
तीन ही ब्लास्ट फर्नेस से हो रहा बीएसएल में उत्पादन: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीएसएल में पांच ब्लास्ट फर्नेस है. जिसमे 3 नंबर ब्लास्ट फर्नेस पहले से कैपिटल रिपेयर में है. 1 नंबर ब्लास्ट फर्नेस में हुए इस घटना के बाद, बीएसएल में इस्पात उत्पादन सिमट कर कुल तीन ही ब्लास्ट फर्नेस से हो रहा है. इससे स्टील उत्पादन में लगे दूसरे यूनिट में भी उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है. इस घटना से बीएसएल को उत्पादन के साथ-साथ आर्थिक नुक्सान भी उठाना पड़ सकता है.
ब्लास्ट फर्नेस 1 से करीब 3500 टन इस्पात का उत्पादन होता था. ब्लास्ट फर्नेस 01 में करीब 24 टुयर है. जिसमें 17 नंबर में ब्लास्ट के साथ आग लगी है. बताते चलें कि 58 दिनों में बीएसएल प्लांट की यह दूसरी घटना है. 29 जून को रात करीब 11 बजे बीएसएल में एसएमएस-2 के कैस्टर-2 में आग लग गई थी, जिससे कुछ बिजली के केबल और हाइड्रोलिक होसेस क्षतिग्रस्त हो गए थे.