बोकारोः निजी स्कूलों की मनमानी कोई नई बात नहीं है. जिसका खामियाजा स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को उठाना पड़ता है. कुछ ऐसा ही हुआ बोकारो में, जहां एक बच्चा फीस समय पर नहीं दे पाने की वजह से परीक्षा नहीं दे पाया. हालांकि मामले के सामने आने पर अधिकारियों ने कार्रवाई की बात कही है.
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दरअसल मामला बोकारो के चीरा चास स्थित पांडा इंटरनेशनल स्कूल का है. यहां बच्चे को वक्त पर फी नहीं जमा करने पर परीक्षा देने से वंचित होना पड़ा. हद तो तब हो गई जब स्टूडेंट्स के अभिभावक ने कर्ज लेकर फी जमा कर दी. उसके बाद भी उसे परीक्षा में सम्मिलित नहीं होने दिया गया. मामले की जानकारी के बाद डीएसई नूर आलम ने स्कूल के विरुद्ध करवाई करने की बात कही है.
क्या है मामलाः चास के भर्रा के रहने वाला मोहम्मद फैज अख्तर चीरा चास स्थित पांडा इंटरनेशनल स्कूल में आठवीं क्लास में पढ़ता है. दिसंबर महीने की फीस जमा नहीं होने के कारण गुरुवार को पहली परीक्षा से स्कूल के द्वारा उसे वंचित करा दिया गया. उसे दिन भर स्कूल में खड़ा रखा गया. स्कूल की प्रिंसिपल ने छात्र को कहा कि तुम्हारे पिता फी जमा करने के बजाय अधिकारियों से सिफारिश करा रहे हैं, तुम्हें परीक्षा नहीं देने देंगे.
छात्र के पिता नसीम अख्तर ने बताया कि बच्चे के कारण कर्ज लेकर सुबह फीस जमा किया. स्कूल प्रबंधन ने फीस ले भी लिया. लेकिन उसे परीक्षा देने के लिए स्कूल के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया और स्कूल से भगा दिया गया. डीएसई ने कहा कि आरटीई के तहत किसी बच्चे को परीक्षा में बैठने से वंचित नहीं किया जा सकता है. डीएसई नूर आलम ने स्कूल की प्रिंसिपल को फोन से फटकार लगाई और कहा कि अगर छात्र को परीक्षा देने से वंचित रखा गया तो प्रबंधन पर कार्रवाई की जाएगी.