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बोकारो सदर अस्पताल बना दलालों का अड्डा, गरीब मरीजों को निजी क्लिनिक भेज वसूल रहे हैं मोटी रकम - deputy superintendent of hospital

बोकारो सदर अस्पताल के उपाधीक्षक संजय कुमार पर अपने निजी अस्पताल में इलाज के लिए मरीजों को मजबूर करने का आरोप लगा है. उपाधीक्षक ने जहां आरोपों से इंकार किया है वहीं 20 सूत्री क्रियान्वयन समिति के सदस्य ने इस गंभीर मामला बताया है.

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बोकारो सदर अस्पताल
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Published : Jul 9, 2022, 10:19 AM IST

Updated : Jul 9, 2022, 2:35 PM IST

बोकारो: जिले में इलाज के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आया है. वसूली का ये गोरखधंधा कहीं और नहीं बल्कि बोकारो सदर अस्पताल में धड़ल्ले से चल रहा है. बीमारी और पैसे की तंगी से परेशान मरीज जब अस्पताल पहुंचते हैं तो मौके पर मौजूद दलाल, अस्पताल उपाधीक्षक के निजी क्लिनिक में ले जाकर उनसे पैसे की वसूली कर रहे हैं.

फेफड़े के मरीज से वसूले गए हजारों रुपये: अवैध वसूली की पूरे खेल का तब पता चला जब अस्पताल में फेफड़े में पानी भरने के कारण अस्पताल पहुंची महिला मरीज सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया. महिला से इलाज के नाम पर 8 हजार रुपये की वसूली के बाद उसे सदर अस्पताल में लाकर भर्ती करा दिया गया. इलाज के बाद अभी भी महिला मरीज सदर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है.

देखें वीडियो

20 सूत्री क्रियान्वयन समिति के सदस्य ने की निंदा: वहीं पूरा मामला सामने आने के बाद 20 सूत्री क्रियान्वयन समिति के सदस्य कन्हैया पांडे ने कहा कि गरीब मरीज इलाज के लिए सदर अस्पताल आते हैं. लेकिन अस्पताल में उनका इलाज नहीं कर प्राइवेट क्लिनिक में इलाज के बहाने वसूली की जा रही है. उन्होंने कहा कि ये गंभीर मामला है इस पर कार्रवाई होनी चाहिए.

उपाध्यक्ष ने किया इंकार: वहीं पूरे मामले में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने आरोपों से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि वह अस्पताल में भर्ती मरीजों को चेहरे से नहीं जानते हैं. मेरे निजी अस्पताल में कोई भी मरीज आएगा तो इसका इलाज कराना मेरा फर्ज है. मामला चाहे जो भी हो जिस तरह से गरीब मरीजों के साथ इलाज के नाम पर वसूली की जा रही है वो गलत है.

बोकारो: जिले में इलाज के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आया है. वसूली का ये गोरखधंधा कहीं और नहीं बल्कि बोकारो सदर अस्पताल में धड़ल्ले से चल रहा है. बीमारी और पैसे की तंगी से परेशान मरीज जब अस्पताल पहुंचते हैं तो मौके पर मौजूद दलाल, अस्पताल उपाधीक्षक के निजी क्लिनिक में ले जाकर उनसे पैसे की वसूली कर रहे हैं.

फेफड़े के मरीज से वसूले गए हजारों रुपये: अवैध वसूली की पूरे खेल का तब पता चला जब अस्पताल में फेफड़े में पानी भरने के कारण अस्पताल पहुंची महिला मरीज सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया. महिला से इलाज के नाम पर 8 हजार रुपये की वसूली के बाद उसे सदर अस्पताल में लाकर भर्ती करा दिया गया. इलाज के बाद अभी भी महिला मरीज सदर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है.

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20 सूत्री क्रियान्वयन समिति के सदस्य ने की निंदा: वहीं पूरा मामला सामने आने के बाद 20 सूत्री क्रियान्वयन समिति के सदस्य कन्हैया पांडे ने कहा कि गरीब मरीज इलाज के लिए सदर अस्पताल आते हैं. लेकिन अस्पताल में उनका इलाज नहीं कर प्राइवेट क्लिनिक में इलाज के बहाने वसूली की जा रही है. उन्होंने कहा कि ये गंभीर मामला है इस पर कार्रवाई होनी चाहिए.

उपाध्यक्ष ने किया इंकार: वहीं पूरे मामले में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने आरोपों से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि वह अस्पताल में भर्ती मरीजों को चेहरे से नहीं जानते हैं. मेरे निजी अस्पताल में कोई भी मरीज आएगा तो इसका इलाज कराना मेरा फर्ज है. मामला चाहे जो भी हो जिस तरह से गरीब मरीजों के साथ इलाज के नाम पर वसूली की जा रही है वो गलत है.

Last Updated : Jul 9, 2022, 2:35 PM IST
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