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बोकारो: क्वॉरेंटाइन सेंटर में सुविधा का अभाव, ढिबरी की रोशनी में रात बिताने को मजबूर

राज्य सरकार दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को बेहतर सुविधा देने का दावे कर रही है लेकिन मानपुर के इस क्वॉरेंटाइन न सेंटर का बुरा हाल है. जिस कारण वहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रवासी मजदूर
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Published : May 20, 2020, 11:00 AM IST

बोकारो: चंदनकियारी प्रखंड में मानपुर के लगभग आधा दर्जन मजदूरों को मुंबई से लौटने पर मानपुर स्थित पंचायत भवन में क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. लेकिन यहां मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें न तो वहां ठीक से खाना मिला रहा हैं और न ही चिकित्सीय सुविधा. यहां तक कि उक्त स्थान पर रहने के लिए बिजली की भी सुविधा नहीं है. जिस कारण वे ढिबरी की रोशनी में वक्त बिताने को मजबूर हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- मंगलवार को राज्य में पाए गए 17 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज, कुल संक्रमितों की संख्या हुई 248

जिस जगह में क्वॉरेंटाइन किया गया हैं, वो गांव से लगभग दो किलोमीटर दूर घने जंगल के बीच मे हैं. वहां जाने के लिए रास्ता भी नहीं है. पगडंडी के सहारे रात के अंधेरे में महिलाएं भोजन पंहुचाने को विवश हैं.

मजदूरों ने बताया कि उन्हें यह डर सताने लगा है कि इस जंगल मे कहीं सांप बिच्छू न काट ले. इसलिए अपने-अपने बच्चों को ताबीज बांध रहे हैं. ताकि उनका बच्चा सुरक्षित रहे.

मुखिया पर लगाया आरोप

मानपुर गांव के राजेश बाउरी, युधिष्ठिर बाउरी, फुचा बाउरी, जितन बाउरी, भीम बाउरी, कुबेर बाउरी का कहना है कि दो दिन में बेहाल कर दिया है तो अगले 12 दिन कैसे रहा जाएगा. मजदूरों के परिजन पंचायत के मुखिया पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यदि मुखिया चाहते तो सभी सुविधा दिला सकते थे, लेकिन उनकी तरफ से किसी भी तरीके की सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही.

बोकारो: चंदनकियारी प्रखंड में मानपुर के लगभग आधा दर्जन मजदूरों को मुंबई से लौटने पर मानपुर स्थित पंचायत भवन में क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. लेकिन यहां मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें न तो वहां ठीक से खाना मिला रहा हैं और न ही चिकित्सीय सुविधा. यहां तक कि उक्त स्थान पर रहने के लिए बिजली की भी सुविधा नहीं है. जिस कारण वे ढिबरी की रोशनी में वक्त बिताने को मजबूर हैं.

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जिस जगह में क्वॉरेंटाइन किया गया हैं, वो गांव से लगभग दो किलोमीटर दूर घने जंगल के बीच मे हैं. वहां जाने के लिए रास्ता भी नहीं है. पगडंडी के सहारे रात के अंधेरे में महिलाएं भोजन पंहुचाने को विवश हैं.

मजदूरों ने बताया कि उन्हें यह डर सताने लगा है कि इस जंगल मे कहीं सांप बिच्छू न काट ले. इसलिए अपने-अपने बच्चों को ताबीज बांध रहे हैं. ताकि उनका बच्चा सुरक्षित रहे.

मुखिया पर लगाया आरोप

मानपुर गांव के राजेश बाउरी, युधिष्ठिर बाउरी, फुचा बाउरी, जितन बाउरी, भीम बाउरी, कुबेर बाउरी का कहना है कि दो दिन में बेहाल कर दिया है तो अगले 12 दिन कैसे रहा जाएगा. मजदूरों के परिजन पंचायत के मुखिया पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यदि मुखिया चाहते तो सभी सुविधा दिला सकते थे, लेकिन उनकी तरफ से किसी भी तरीके की सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही.

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