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लॉकडाउन ने लोगों का बदल दिया रोजगार, लोग बेच रहे है आलू-प्याज

कोरोना लॉकडाउन को लेकर कई लोगों का रोजगार छीन गया है. पहले जो लोग चाय, गोलगप्पा, मिठाई, फोटो फ्रेमिंग, जैसे रोजगार कर रहे थे, वह अब सब्जी बेच कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं.

people employment changed due to Lockdown  in bokaro
आलू-प्याज बेचते हुए दुकानदार
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Published : May 8, 2020, 8:27 PM IST

बोकारो: कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन की वजह से लोगों से जहां सालों से पुराना रोजगार छीन गया लेकिन अपने और अपने बच्चों का पेट भरने के लिए लोगों ने वही नए रोजगार को अपना कर अपने परिवार का पहिया खिंच रहे है लेकिन सरकार से कोई मदद नहीं ले रहे है.

देखें पूरी खबर

इस बारे में पूर्व गोलगप्पा विक्रेता और वर्तमान मे सब्जी विक्रेता बिनोद कुमार नायक ने बतया की लॉकडाउन की वजह से पुराना बिजनस बंद हो गया और परिवार के पास रोजी रोजगार की समस्या उतपन्न हो गई तब सब्जी का व्यापार करने को ठान लिया और आज अपने मोटर साइकिल से घूम-घूम कर सब्जी बेच कर परिवार पाल रहा है. इसी प्रकार पूरन कुमार साव जो पहले चाय और मिठाई की दुकान चलाते थे. आज आलू, प्याज, लहसुन बेच कर अपना और परिवार का जीवन चला रहे है.

इसी प्रकार रोहित कुमार भी पूर्व मे फोटो फ्रेमिंग का काम किया करते थे. लॉकडाउन के कारण से दुकाने बंद होने के बाद से सब्जी बेच कर अमदनी जुटा रहे है. ऐसे ही कई घरेलू काम करने वाली महिलाओं के समक्ष रोजी रोजगार का समस्या उत्पन्न हो गया लेकिन उन लोगों नेअपना पुराना काम बंद कर सरकार के भरोसे रहना उचित नहीं समझा और अपना नया रोजगार तलाश कर जीवन यापन कर रहे हैं.

ये भी देखें- चलती कार में लगी आग, स्थानीय लोगों की मदद से बची चालक की जान

इन लोगों का माने तो इनका कहना है कि ये लोग नए रोजगार से जुड़कर अपने परिवार को भुखमरी और बेरोजगारी की समस्या से दूर कर सरकार को सहयोग करने का काम कर रहे हैं ताकि इस विकट परिस्थिति में सरकार पर कोई अतिरिक्त भार न पड़े.

बोकारो: कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन की वजह से लोगों से जहां सालों से पुराना रोजगार छीन गया लेकिन अपने और अपने बच्चों का पेट भरने के लिए लोगों ने वही नए रोजगार को अपना कर अपने परिवार का पहिया खिंच रहे है लेकिन सरकार से कोई मदद नहीं ले रहे है.

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इस बारे में पूर्व गोलगप्पा विक्रेता और वर्तमान मे सब्जी विक्रेता बिनोद कुमार नायक ने बतया की लॉकडाउन की वजह से पुराना बिजनस बंद हो गया और परिवार के पास रोजी रोजगार की समस्या उतपन्न हो गई तब सब्जी का व्यापार करने को ठान लिया और आज अपने मोटर साइकिल से घूम-घूम कर सब्जी बेच कर परिवार पाल रहा है. इसी प्रकार पूरन कुमार साव जो पहले चाय और मिठाई की दुकान चलाते थे. आज आलू, प्याज, लहसुन बेच कर अपना और परिवार का जीवन चला रहे है.

इसी प्रकार रोहित कुमार भी पूर्व मे फोटो फ्रेमिंग का काम किया करते थे. लॉकडाउन के कारण से दुकाने बंद होने के बाद से सब्जी बेच कर अमदनी जुटा रहे है. ऐसे ही कई घरेलू काम करने वाली महिलाओं के समक्ष रोजी रोजगार का समस्या उत्पन्न हो गया लेकिन उन लोगों नेअपना पुराना काम बंद कर सरकार के भरोसे रहना उचित नहीं समझा और अपना नया रोजगार तलाश कर जीवन यापन कर रहे हैं.

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इन लोगों का माने तो इनका कहना है कि ये लोग नए रोजगार से जुड़कर अपने परिवार को भुखमरी और बेरोजगारी की समस्या से दूर कर सरकार को सहयोग करने का काम कर रहे हैं ताकि इस विकट परिस्थिति में सरकार पर कोई अतिरिक्त भार न पड़े.

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