बोकारोः झारखंड का बोकारो शहर कोरोना का हॉटस्पॉट बना है. यहां बड़ी संख्या में कोरोना मरीज पाए गए हैं. अब तक यहां कुल 8 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें एक की मौत हो गई है. कोरोना पॉजिटिव मरीज के इलाज के लिए बोकारो का एकमात्र कोविड 19 हॉस्पिटल बीजीएच की हालात बद से बदतर हो गए हैं. इसके बाद भी प्रशासन गंभीर नहीं हो रहा है, जिससे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है.
बोकारो जनरल अस्पताल में प्राइवेट स्वास्थ्यकर्मी के बाद अब बीएसएल की नर्सेज और ट्रेनिंग करने आईं नर्स भी काम से हट गई हैं. उनका कहना है कि जिस सीसीयू में कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत हो गई थी, उस जगह को अभी तक सेनेटाइज नहीं किया गया है और न ही साफ-सफाई की गई है.
वहां मैजूद नर्सों ने बताया कि प्राइवेटकर्मी काम पर नहीं आ रहे थे. हॉस्पिटल के अंदर साफ-सफाई नहीं हो रही है. साथ ही कोई डॉक्टर भी नहीं आ रहे है. नर्सों को दिन रात ड्यूटी में लगाया जा रहा है.
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वहीं, एक सीनियर नर्स ने बताया कि हम सभी को डायपर पहनाकर ड्यूटी करायी जा रही है पीने को पानी भी नहीं दिया जा रहा है और न ही बाथरूम जाने दिया जा रहा है. ऐसे हालात में जब ड्यूटी करने से मना करते हैं तो हमारे रजिस्ट्रेशन को कैंसिल कर लेने की धमकी दी जाती है. यही नहीं नर्सों का आरोप है कि जिस बेड पर कोरोना से झारखंड के पहले मरीज की मौत हुई थी उस बेड को अभी तक साफ नहीं किया गया है और न ही सेनेटाइज किया गया है.
उस वार्ड में कुल 7 मरीज थे, जिनमें 1 कोरोना से बाकी दूसरी बीमारियों के. अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में यह मांग करते हैं कि सबसे पहले यहां साफ-सफाई कराई जाए और जो सुविधा मिलनी चाहिए वह मिले. वहीं कोविड-19 में काम करने वाली नर्सों को होम कोरेनटाइन की जगह अन्य जगह पर को कोरेनटाइन किया जाए, क्योंकि उन सभी के घर में अन्य परिजन हैं, जिससे हमेश खतरा बना रहता है.