बोकारोः सरकार अस्पतालों में इलाज में लापरवाही कोई नई बात नहीं है. बोकारो सदर अस्पताल में लापरवाही की बात सामने आई (Negligence in Bokaro Sadar Hospital) है. प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला को अस्पताल आने के करीब सात घंटे बाद इलाज मिला. इस घटना से ऐसा लगता है कि सरकारी अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से राम भरोसे ही है.
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एक फिर सदर अस्पताल अपनी कार्यप्रणाली के कारण चर्चा में है. शुक्रवार को दिन के 3 बजे अस्पताल पहुंची गर्भवती महिला को रात 10 बजे तक चिकित्सक का इंतजार करना पड़ा. इस दौरान महिला प्रसव कक्ष में महिला करीब 7 घंटे तड़पती रही लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली. जब सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ बीपी गुप्ता को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने चिकित्सकों से बात करते हुए रात में उसका ऑपरेशन कराकर प्रसव कराया (women got treatment after seven hours in Bokaro) गया. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने भी इसे कर्मियों की लापरवाही माना है
जानकारी के मुताबिक चास प्रखंड के कुम्हडी गांव के टोला तुरीडीह की रहने वाली 26 वर्षीय महिला सीतला मोदी प्रसव कराने के लिए शुक्रवार दिन के तीन बजे अपने परिजनों के साथ सदर अस्पताल पहुंची थी. इस दौरान वह प्रसव कक्ष में स्ट्रेचर में लेट कर तड़पती और चिल्लाती रही लेकिन किसी स्वास्थ्यकर्मी ने उसकी सुध नहीं ली. जानकारी के मुताबिक प्रसव कराने वाली महिला चिकित्सक अपनी ड्यूटी करके घर जा चुकी थी. दूसरे चिकित्सक के आने की बात कहकर मरीज के परिजनों को इंतजार करने की बात करते रहे. इसी दौरान रात 10:00 बज गया यानी 7 घंटे तक महिला मरीज तड़पती रही. जब इसकी जानकारी सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को हुई तब उन्होंने चिकित्सकों से संपर्क साधा और रात 11 बजे के करीब महिला का ऑपरेशन के माध्यम से प्रसव कराया गया. इसको लेकर सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ बीपी गुप्ता ने इसे कर्मियों की लापरवाही माना है और कहा कि आपसी समन्वय नहीं होने के कारण महिला को इतना इंतजार करना पड़ा.