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सरकार को प्रखंडवार नियोजन नीति लानी जाहिए- पूर्व सांसद सलखान मुर्मू - प्रखंडवार नियोजन नीति

आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सलखान मुर्मू ने कहा कि सरकार जिले के अनुसार जो नियोजन नीति लाने जा रही है वह कानूनी पचड़े में फंस सकती है. सरकार को प्रखंडवार नियोजन नीति लानी जाहिए जिससे झारखंड के मूलवासियों का भला होगा.

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Published : Mar 20, 2023, 8:36 PM IST

बोकारो: राज्य सरकार को प्रखंडवार नियोजन नीति लाकर बेरोजगारों का रोजगार उपलब्ध कराना चाहिए. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही झारखंड की जनता को धोखा देने का काम कर रही है. उक्त बातें आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सलखान मुर्मू ने सोमवार को बोकारो में बातचीत करते हुए कही.

ये भी पढ़ें- VIDEO: 'राज्य के एकमात्र स्वघोषित ईमानदार हरिश्चंद्र हैं, लोगों को डराकर करना चाहते हैं राजनीति'

पूर्व सांसद सलखान मुर्मू ने कहा कि राज्य के लिए अभी नियोजन सबसे बड़ा मुद्दा है. राज्य सरकार में लगभग 05 पद पर बहाली होनी है. ऐसे में कोई और नियोजन नीति लाकर मूलवासी आदिवासी को ठगने का काम नहीं किया जाए. नियोजन नीति में त्रुटि रहेगी तो मामला कोर्ट में जायेगा जिससे जरूरतमंद ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल सकेगा.

मुर्मू सोमवार को बोकारो के नया मोड़ में स्थित बिरसा आश्रम में झारखंड बचाओ अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में सभी लोगों ने झारखंड को बचाने के लिए अपनी अपनी बातों को रखा और सभी ने एक स्वर में प्रखंड वार नियोजन नीति लाकर रोजगार देने की बात कही.

पूर्व सांसद ने कहा कि राज्य सरकार ने जो जिलावार नियोजन नीति के लिए आरक्षण तय किया है. वह भी न्यायालय में पचड़े में फंस सकता है, क्योंकि 10% कमजोर वर्ग को आरक्षण दिया गया है, उसका आधार सरकार के पास है ही नहीं कि सरकार किस आधार पर 10% आरक्षण दे रही है.

उन्होंने कहा कि प्रखंड में रहने वाले ग्रामीणों को 90% नियोजन में आरक्षण देने का काम किया जाए और 10 परसेंट शहर में रहने वाले लोगों को दिया जाएगा इससे नहीं कोई राजनीतिक मुद्दा बनेगा और ना ही मामला कोर्ट में जाकर फसेगा. झारखंड के मूलवासियों के हित को लेकर सरकार को इस बात को सोचना चाहिए.

बोकारो: राज्य सरकार को प्रखंडवार नियोजन नीति लाकर बेरोजगारों का रोजगार उपलब्ध कराना चाहिए. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही झारखंड की जनता को धोखा देने का काम कर रही है. उक्त बातें आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सलखान मुर्मू ने सोमवार को बोकारो में बातचीत करते हुए कही.

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पूर्व सांसद सलखान मुर्मू ने कहा कि राज्य के लिए अभी नियोजन सबसे बड़ा मुद्दा है. राज्य सरकार में लगभग 05 पद पर बहाली होनी है. ऐसे में कोई और नियोजन नीति लाकर मूलवासी आदिवासी को ठगने का काम नहीं किया जाए. नियोजन नीति में त्रुटि रहेगी तो मामला कोर्ट में जायेगा जिससे जरूरतमंद ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल सकेगा.

मुर्मू सोमवार को बोकारो के नया मोड़ में स्थित बिरसा आश्रम में झारखंड बचाओ अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में सभी लोगों ने झारखंड को बचाने के लिए अपनी अपनी बातों को रखा और सभी ने एक स्वर में प्रखंड वार नियोजन नीति लाकर रोजगार देने की बात कही.

पूर्व सांसद ने कहा कि राज्य सरकार ने जो जिलावार नियोजन नीति के लिए आरक्षण तय किया है. वह भी न्यायालय में पचड़े में फंस सकता है, क्योंकि 10% कमजोर वर्ग को आरक्षण दिया गया है, उसका आधार सरकार के पास है ही नहीं कि सरकार किस आधार पर 10% आरक्षण दे रही है.

उन्होंने कहा कि प्रखंड में रहने वाले ग्रामीणों को 90% नियोजन में आरक्षण देने का काम किया जाए और 10 परसेंट शहर में रहने वाले लोगों को दिया जाएगा इससे नहीं कोई राजनीतिक मुद्दा बनेगा और ना ही मामला कोर्ट में जाकर फसेगा. झारखंड के मूलवासियों के हित को लेकर सरकार को इस बात को सोचना चाहिए.

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