बोकारोः विधायक बिरंची नारायण की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही. बीएसएल के एजीएम की कथित पिटाई के मामले के बाद विपक्ष उनसे जुड़े कई मामलों का लगातार खुलासा कर रहा है. ताजा मामले में विधायक पर अपनी पत्नी के ट्रस्ट के जरिए बीएसएल का पानी चोरी कर बेचने का आरोप लगा है. ये आरोप जेवीएम नेता डॉ. प्रकाश सिंह ने लगाया है.
पहले भी पानी चोरी का लगा है आरोप
बता दें कि इससे पहले विधायक बिरंची नारायण पर कांग्रेस के जिला महासचिव ने भी बीएसएल का पानी बेचने का आरोप लगाया था. इसके जवाब में विधायक ने आरोप से इंकार किया था. उन्होंने आरोप सिद्ध होने पर राजनीति से संन्यास लेने की बात भी कही थी. जिसके बाद झारखंड विकास मोर्चा के नेता प्रकाश सिंह सबूत लेकर मीडिया के सामने में आए हैं. उन्होंने कहा कि विधायक बीएसएल का पानी बेचने का काम कर रहे हैं. वह इसकी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे रहे हैं और पत्र लिखकर विधायक की शिकायत कर रहे हैं. इसके साथ ही झारखंड के सीएम रघुवर दास, बीएसएल के सीइओ, वरिष्ठ अधिकारियों और बीएसएल की सतर्कता टीम को यह सबूत भेजा जा रहा है.
सबूत के तौर पर पेश किया रसीद
प्रकाश सिंह ने एक रसीद दिखाई, जिसमें एक महिला ने बोकारो फाउंडेशन के नाम पर 1 हजार रूपए में पानी खरीदा था. रसीद पर बारी कोऑपरेटिव कॉलोनी बोकारो का पता है. इसके साथ ही प्रकाश सिंह ने विधायक आवास से पानी भरने वाली तस्वीर भी मीडिया को दिखाई. उन्होंने कहा कि बोकारो फाउंडेशन जो कि विधायक बिरंची नारायण की पत्नी का एनजीओ है, उसके नाम पर बोकारो विधायक बीएसएल आवास से पानी बेच रहे हैं. इस पानी को घर की ढलाई के नाम पर 2500 रूपए और समारोह कार्यक्रम के नाम पर 1 हजार में बेचा जा रहा है.
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विधायक की पत्नी के एनजीओ पर भी लगाए आरोप
प्रकाश सिंह ने आरोप लगाया यह एनजीओ जो विधायक की पत्नी के नाम से चलता है, उसका कोई ऑडिट नहीं होता. इस एनजीओ के नाम पर दो अकाउंट है. जिसमें एक अकाउंट से एटीएम के माध्यम से पैसे की निकासी की जा रही है. उन्होंने कहा कि विधायक हो या कोई और कानून से बड़ा कोई नहीं है. वह इसकी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे रहे हैं. पत्र लिखकर विधायक की शिकायत कर रहे हैं. इसके साथ ही झारखंड के सीएम रघुवर दास, बीएसएल के सीईओ, वरिष्ठ अधिकारियों और बीएसएल की सतर्कता टीम को यह सबूत भेजा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि विधायक की स्थिति की जानकारी देने पर अगर 15 दिनों के अंदर कोई कार्यवाही नहीं होती है, तो झारखंड विकास मोर्चा के विधायक इस कृत्य को हाईकोर्ट में पीआईएल के माध्यम से चुनौती देने का काम करेंगे.