बोकारो: चंदनकियारी विधायक सह पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी अपने आवास पर एक दिवसीय उपवास पर बैठे हैं. उन्होंने झारखंड सरकार पर प्रदेश के बाहर फंसे बच्चों और मजदूरों को वापस लाने के लिए किसी भी तरह का उचित कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक टीसीडीसी बिल माफ नहीं किया है, जिस कारण से मजदूरों को मिलने वाली सहायता राशि उनके खाते में नही पहुंच सकी है, ऐसे में प्रवासी मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
अमर कुमार बाउरी ने कहा कि झारखंड सरकार मजदूरों और छात्रों की समस्या को लेकर संवेदनशील नहीं है और अपनी विफलता को छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है, जबकि हकीकत यह है कि केंद्र सरकार की तरफ से पूरा पैसा राज्य सरकार को मिल चुका है. उन्होंने कहा कि झारखंड के वैसे छात्र जो कोटा में फंसे हुए हैं उनके विषय में राज्य सरकार गलत बयानबाजी कर रही है, जबकि राजस्थान सरकार ने सभी राज्य के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि जो भी राज्य अपने छात्र को वापस ले जाना चाहती है उनके लिए राजस्थान सरकार तैयार है, लेकिन राज्य सरकार छात्रों के प्रति कोई ठोस रणनीति नहीं बना सकी है.
प्रवासी मजदूरों पर विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि राज्य सरकार के तरफ से अभी तक उनके खाते में पैसे नहीं भेजे गए हैं, क्योंकि जिला अधिकारियों को अभी तक टीसीडीसी बिल को माफ करने की अनुशंसा राज्य सरकार की तरफ से नहीं आया है, जबकि विधायकों की तरफ से प्रवासी मजदूरों के खाते में पैसे भेजने के लिए अनुशंसा की जा चुकी है. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कोरोना वायरस के कारण देश मे उत्पन्न हुई इस समस्या में वे सहायक की भूमिका में आएं, विपक्ष की तरफ से हर मुमकिन मदद राज्य सरकार को मिलेगी. विधायक ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि बीजेपी के सभी विधायकों की तरफ से राज्य सरकार को व्यक्तिगत मदद भी मिलेगी.
आपको बता दें कि झारखंड के बाहर फंसे लाखों मजदूरों, हजारों छात्रों, चिकित्सा के लिए राज्य से बाहर गए मरीजों और उनके परिजनों की समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट कराने के लिए बीजेपी ने एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम रखा है. इस कार्यक्रम में झारखंड बीजेपी के कोर कमेटी के सभी सदस्य, प्रदेश पदाधिकारी, सभी सांसद, विधायक और जिलाध्यक्ष बुधवार को 10 बजे पूर्वाह्न से 5 बजे अपराह्न तक एक दिवसीय उपवास अपने-अपने आवास पर कर रहे हैं.
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चंदनकियारी विधायक ने बताया कि केंद्र सरकार ने हर संभव सहायता राज्य को उपलब्ध करवा दी है. केंद्रीय कर के रूप में अप्रैल तक के इंस्टॉलमेंट के रूप में राज्य सरकार को 1525.27 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है. केंद्र ने राज्य आपदा कोष में अपने हिस्से के 28.4 करोड़ की राशि भी दे दी है, केंद्र सरकार ने राज्य के किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना के अंतर्गत 232.57 करोड़ की राशि उपलब्ध करा दी है. यह राशि 11.62 लाख से ज्यादा किसानों को 2000 प्रति यूनिट के हिसाब से उपलब्ध कराई गई है. प्रधानमंत्री जन धन योजना से 71 लाख से ज्यादा लोगों को कुल 356.16 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है. राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 13 लाख लाभार्थियों को 64.44 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है. डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड में 256.85 करोड़ की राशि उपलब्ध है. प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत लगभग 30 लाख लाभार्थियों को 172.24 करोड़ की सहायता दी जा चुकी है. 1 अप्रैल से 16 अप्रैल के बीच 5 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को सिलेंडर बांटे गए हैं. ईपीएफओ से भी 4.8 करोड़ की राशि की निकासी हो चुकी है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के 2.63 करोड लाभार्थियों के लिए 1.31 लाख मैट्रिक टन अनाज का उठाव हो चुका है. केंद्र ने अपने स्तर से राज्य में 9 लाख से ज्यादा लोगों को फूड पैकेट भी उपलब्ध करवाया है और केंद्र सरकार राज्य सरकार को हरसंभव सहायता देने के लिए तत्पर है, लेकिन राज्य सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए अपनी हर विफलता का ठीकरा केंद्र सरकार पर हो रही है जो कतई उचित नहीं है.
विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के अनुसार सरकार ने तीन मंत्रियों की टोली बनाई है, लेकिन मंत्री स्वयं नियमों को ताक पर रख निजी पास बिना प्रशासन को सूचना के बिना बांट रहे हैं, हेमंत सरकार के मंत्री आलमगीर आलम ने 29 मार्च को बसों में भी बसों में भरकर राज्य के विभिन्न हिस्सों और बांग्लादेश सीमा तक भेजे गए, जिस कारण लोग कोविड-19 संक्रमण का कारण बने हैं. लॉकडाउन के कारण रोजी रोजगार खो चुके दैनिक मजदूरों कामगारों आदि के भोजन की व्यवस्था करने में सरकार असफल रही, वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं और सांसद, विधायकों ने लाखों की संख्या में लोगों तक FEED THE NEEDY अभियान चलाकर राज्य भर में मोदी आहार कम्युनिटी भोजनालय और मोदी आहार राशन पैकेट राज्य को भुखमरी की स्थिति में जाने से रोका है. इसके अलावा भी उन्होंने कई मामले को लेकर झारखंड सरकार
को संज्ञान लेने की बात कही और सभी मांगों को अविलंब पूरा करने की मांग की है.