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बोकारोः गरगा डैम में 4 अगस्त को मिला था युवक का शव, नहीं हुई पहचान - बोकारो में शव की पहचान नहीं हुई

बोकारो के गरगा डैम में चार अगस्त को एक युवक का शव मिला था, जिसकी पहचान न होने के कारण वह जनरल अस्पताल के मर्चरी में पड़ा हुआ है. पुलिस का कहना है कि शव अधिवक्ता वीणा रानी के पुत्र का है, लेकिन परिजन उसकी पहचान नहीं कर रहे है.

dead body recovered in garga dam.
चास थाना.
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Published : Aug 9, 2020, 3:01 PM IST

बोकारोः जिले के गरगा डैम में चार अगस्त को मिला एक युवक का शव पहचान को लेकर बोकारो जनरल अस्पताल के मर्चरी में पड़ा हुआ है. पुलिस कह रही है कि शव दो अगस्त को लापता चास के वंशीडीह तारानगर के रहने वाली अधिवक्ता वीणा रानी के 19 वर्षीय पुत्र वशिष्ट मार्तंड का है. परिवार शव की पहचान नहीं कर रहा है. परिवार वालों का कहना है कि कपड़े और जूते उनके बेटे के है, लेकिन शव उसका नहीं है. ऐसे में पुलिस के सामने दोहरी समास्या उत्पन्न हो गई है. इसी को लेकर पुलिस ने डीएनए टेस्ट के लिए परिवार के सैंपल भेज दिए है.

देखें पूरी खबर.

शव की पहचान करना मुश्किल
बताया जा रहा है की चास के तारानगर का रहने वाला अधिवक्ता पुत्र वशिष्ट मार्तंड दो अगस्त को घर से निकला और फिर लापता हो गया था. अधिवक्ता की ओर से चास थाना में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया गया था. घटना के दो दिन बाद बालीडीह थाना क्षेत्र के गरगा डैम में एक युवक का शव तैरने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी. युवक का शव चूंकि पानी में रहने के कारण फूल गया था. इस दौरान शव को मछलियों और जीवों ने क्षति भी पहुंचाई थी, जिस कारण शव की पहचान करना मुश्किल था.

इसे भी पढ़ें- रांची: 9 से 12 अगस्त तक राज्य में हल्की बारिश की संभावना, मौसम विभाग ने दी जानकारी

मर्चरी में रखा गया शव
पुलिस ने मामले की जानकारी चास थाना को दी. मौके पर अधिवक्ता के परिजन भी पहुंचे. शव को देख कर अधिवक्ता ने कपड़े और जूते की पहचान जरुर की, लेकिन यह कहकर पुलिस को असंमजस में डाल दिया की शव उनके बेटे का नहीं है. पुलिस ने शव को डीएनए टेस्ट रिपोर्ट आने तक बोकारो जनरल अस्पताल के मर्चरी में रख दिया है. वहीं घटना चार दिन बाद भी किसी ने अब तक शव को लेकर अपना दावा प्रस्तुत नहीं किया है. वहीं, अब कहा जा रहा है की एक सप्ताह के बाद डीएनए रिपोर्ट आएगी तो ही पता चल पाएगा की अधिवक्ता पुत्र का शव है या फिर किसी दूसरे का है. अगर किसी दूसरे का यह शव है तो फिर अधिवक्ता पुत्र का कपड़ा और जूता इसके पास कैसे आया.

डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया सैंपल
अधिवक्ता वीणा रानी का कहना है कि कपड़ा और जूता उनके बेटे का है, लेकिन शव उनके बेटे का नहीं है. पुलिस शव उनके बेटे के होने की बात कह रही है. अब जांच रिपोर्ट के बाद ही सच सामने आएगा. मुख्यालय डीएसपी सतीश चंद्र झा ने कहा कि पुलिस की जांच में यह साफ हो रहा है कि अधिवक्ता पुत्र का ही यह शव है. परिवार कपड़े और जूते की पहचान कर रहे है, लेकिन कुछ सवाल उठने के कारण डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई पुलिस करेगी.

बोकारोः जिले के गरगा डैम में चार अगस्त को मिला एक युवक का शव पहचान को लेकर बोकारो जनरल अस्पताल के मर्चरी में पड़ा हुआ है. पुलिस कह रही है कि शव दो अगस्त को लापता चास के वंशीडीह तारानगर के रहने वाली अधिवक्ता वीणा रानी के 19 वर्षीय पुत्र वशिष्ट मार्तंड का है. परिवार शव की पहचान नहीं कर रहा है. परिवार वालों का कहना है कि कपड़े और जूते उनके बेटे के है, लेकिन शव उसका नहीं है. ऐसे में पुलिस के सामने दोहरी समास्या उत्पन्न हो गई है. इसी को लेकर पुलिस ने डीएनए टेस्ट के लिए परिवार के सैंपल भेज दिए है.

देखें पूरी खबर.

शव की पहचान करना मुश्किल
बताया जा रहा है की चास के तारानगर का रहने वाला अधिवक्ता पुत्र वशिष्ट मार्तंड दो अगस्त को घर से निकला और फिर लापता हो गया था. अधिवक्ता की ओर से चास थाना में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया गया था. घटना के दो दिन बाद बालीडीह थाना क्षेत्र के गरगा डैम में एक युवक का शव तैरने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी. युवक का शव चूंकि पानी में रहने के कारण फूल गया था. इस दौरान शव को मछलियों और जीवों ने क्षति भी पहुंचाई थी, जिस कारण शव की पहचान करना मुश्किल था.

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मर्चरी में रखा गया शव
पुलिस ने मामले की जानकारी चास थाना को दी. मौके पर अधिवक्ता के परिजन भी पहुंचे. शव को देख कर अधिवक्ता ने कपड़े और जूते की पहचान जरुर की, लेकिन यह कहकर पुलिस को असंमजस में डाल दिया की शव उनके बेटे का नहीं है. पुलिस ने शव को डीएनए टेस्ट रिपोर्ट आने तक बोकारो जनरल अस्पताल के मर्चरी में रख दिया है. वहीं घटना चार दिन बाद भी किसी ने अब तक शव को लेकर अपना दावा प्रस्तुत नहीं किया है. वहीं, अब कहा जा रहा है की एक सप्ताह के बाद डीएनए रिपोर्ट आएगी तो ही पता चल पाएगा की अधिवक्ता पुत्र का शव है या फिर किसी दूसरे का है. अगर किसी दूसरे का यह शव है तो फिर अधिवक्ता पुत्र का कपड़ा और जूता इसके पास कैसे आया.

डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया सैंपल
अधिवक्ता वीणा रानी का कहना है कि कपड़ा और जूता उनके बेटे का है, लेकिन शव उनके बेटे का नहीं है. पुलिस शव उनके बेटे के होने की बात कह रही है. अब जांच रिपोर्ट के बाद ही सच सामने आएगा. मुख्यालय डीएसपी सतीश चंद्र झा ने कहा कि पुलिस की जांच में यह साफ हो रहा है कि अधिवक्ता पुत्र का ही यह शव है. परिवार कपड़े और जूते की पहचान कर रहे है, लेकिन कुछ सवाल उठने के कारण डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई पुलिस करेगी.

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