बोकारोः सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिए गए कसमार प्रखंड के बागदा निवासी 70 वर्षीय खेदन घांसी को अब खुद को जीवित साबित करने के लिए प्रखंड कार्यकाल का चक्कर लगाना पड़ रहा है. कार्यालय के बाबुओं के पास पहुंच कर उन्हें बताना पड़ रहा है कि वह जिंदा हैं, लेकिन खेदन घांसी को अभी तक निराशा ही हाथ लगी है. इनकी बंद हुई वृद्धा पेंशन अभी तक चालू नहीं हो पाई है.
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जानें क्या है पूरा मामलाः दरअसल, कसमार प्रखंड के बगदा गांव के रहने वाले 70 वर्षीय खेदन घांसी को पिछले कई वर्षों तक नियमित रूप से वृद्धावस्था पेंशन मिल रही थी. उसके बाद सितंबर 2022 से इन्हें अचानक पेंशन मिलनी बंद हो गई. खेदन गांव के गोडाइत हैं. पेंशन बंद होने के बाद वह पेंशन के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना शुरू किया. काफी मशक्कत के बाद उनको पता चला कि सरकारी रिकॉर्ड में वह मृत हो गए हैं. अब खुद को जीवित साबित करने के लिए खेदन को फिर से भागदौड़ शुरू करनी पड़ी.
बीडीओ ने विभाग को लिखा है पत्रः कसमार बीडीओ विजय कुमार ने मामले की जानकारी मिलने के बाद अपने स्तर से छानबीन की. इस दौरान यह पता चला कि सरकारी रिकार्ड में खेदन को सचमुच मृत घोषित कर दिया गया है. इसके बाद कसमार बीडीओ ने 20 अप्रैल 2023 को सामाजिक सुरक्षा बोकारो के सहायक निदेशक को पत्र लिखा.
पंचायत सचिव ने भौतिक सत्यापन में किया था मृत घोषितः जिसमें कहा गया है कि बगदा के पंचायत सचिव द्वारा भूलवश जीवित पेंशनधारी को भौतिक सत्यापन में मृत घोषित कर दिया गया था. जिसके चलते सितंबर 2022 से इनकी पेंशन रुक गई है. बीडीओ ने पत्र में लिखा है कि वर्तमान भौतिक सत्यापन में खेदन घांसी को जीवित पाया गया है. इसलिए सितंबर 2022 से इनकी पेंशन का भुगतान किया जाए. हालांकि अब तक खेदन की पेंशन शुरू नहीं हो सकी है.