बोकारोः कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से मरीज जूझने को विवश दिखे. इसके बाद केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए पूरी तरह से तत्पर दिखी और पीएसए प्लांट लगाने का काम शुरू हुआ. कोरोना के दूसरे वेव की समाप्ति के दौरान प्लांट लगाने का भी निर्माण हो गया. लेकिन कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन आने के बाद भी बोकारो में लगे 5 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट पूरी तरह से ऑपरेशनल नहीं हैं. इसकी वजह बोकारो में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट में टेक्नीशियन की कमी है.
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बोकारो सदर अस्पताल में दो पीएसए प्लांट लगाया गया है. जहां एक प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई जरूर की जा रही है. लेकिन वह भी अस्पताल के कर्मियों के ही भरोसे चल रहा है. तीन प्लांट जो सेक्टर 6 स्थित अस्थाई अस्पताल, चंदनकियारी के अस्पताल अपर बेरमो के आपातकाल में लगाया गया है. वहां प्लांट को चलाने के लिए अभी तक कोई भी टेक्नीशियन की बहाली नहीं हो पाई है. इस कारण प्लांट से ऑपरेशन शुरू नहीं हो पाया है. हालांकि बोकारो के सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र सिंह प्लांट के शुरू नहीं होने को कोई बड़ी समस्या नहीं मानते हैं.
सिविल सर्जन का कहना है कि किसी भी अस्पताल में मरीज दाखिला नहीं हो रहा है, जिस कारण ऑक्सीजन की जरूरत ही नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा कि तीन जगहों पर टेक्नीशियन की कमी जरूर है, जिसको लेकर फाइल जरूर बढ़ाई गयी है. जिसमें कंपनी और अन्य स्रोत से तकनीकी कर्मियों की बहाली की जानी है. उन्होंने बताया कि इन प्लांट्स को चलाने के लिए वेदांता इलेक्ट्रोस्टील से भी बात की जा रही है.