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बोकारो में JVM कार्यकर्ताओं ने अनोखे अंदाज में मनाया रक्षाबंधन का त्योहार, बंद स्कूल को बांधी राखी - झारखंड न्यूज

झारखंड विकास मोर्चा ने आज बोकारो में अनोखे अंदाज में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया. पार्टी कार्यकर्ताओं ने 500 मीटर लंबी फूलों वाली राखी एक बंद पड़े सरकारी स्कूल को बांधकर स्कूल को बचाने का संकल्प लिया.

झारखंड विकास मोर्चा के नेता प्रकाश सिंह
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Published : Aug 15, 2019, 7:47 PM IST

बोकारो: झारखंड विकास मोर्चा ने स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन को अनोखे अंदाज में मनाया. इस अवसर पर फूलों से बने भारत के नक्शा रूपी पांच सौ मीटर लंबी राखी बनाकर सेल के बंद पड़े सेक्टर 3E के स्कूल को पहनाया.

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इस मौके पर जेवीएम नेत डॉ प्रकाश ने कहा कि बंद स्कूल में राखी बांधने का मकसद यह है कि सेल प्रशासन और मंत्रालय की जो शिक्षा के प्रति जो निराशाजनक रवैया है, उससे बोकारो के हजारों गरीब छात्र गुणात्मक शिक्षा से महरूम हो रहे है. आज इस काम से शायद उनकी कुंभकर्णी नींद खुल जाए और ज्ञान के मंदिर की घंटी बजने लगे.


साथ ही उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि जब तक सेल के बंद पड़े स्कूलों में सुचारू रूप से शिक्षा व्यवस्था शुरू नहीं करा देंगे, तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे. झारखंड की बौद्धिक राजधानी बोकारो में एक समय था जब सेल के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अपने अभिभावकों का नाम देश में रोशन करते थे. परंतु अब वो इतिहास बन कर रह गया है. सरकार अगर इन स्कूलों को फिर से सुचारू ढंग से शुरू कराकर गुणात्मक शिक्षा दे तो बोकारो अपने बौद्धिक नगरी होने का गौरव पुन: प्राप्त कर सकती है. तिरंगे में रंगी यह राखी, जिसमें 500 मीटर लंबे धागे के रूप में तिरंगे बैलून को लगाया गया था, वो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना.

बोकारो: झारखंड विकास मोर्चा ने स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन को अनोखे अंदाज में मनाया. इस अवसर पर फूलों से बने भारत के नक्शा रूपी पांच सौ मीटर लंबी राखी बनाकर सेल के बंद पड़े सेक्टर 3E के स्कूल को पहनाया.

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इस मौके पर जेवीएम नेत डॉ प्रकाश ने कहा कि बंद स्कूल में राखी बांधने का मकसद यह है कि सेल प्रशासन और मंत्रालय की जो शिक्षा के प्रति जो निराशाजनक रवैया है, उससे बोकारो के हजारों गरीब छात्र गुणात्मक शिक्षा से महरूम हो रहे है. आज इस काम से शायद उनकी कुंभकर्णी नींद खुल जाए और ज्ञान के मंदिर की घंटी बजने लगे.


साथ ही उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि जब तक सेल के बंद पड़े स्कूलों में सुचारू रूप से शिक्षा व्यवस्था शुरू नहीं करा देंगे, तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे. झारखंड की बौद्धिक राजधानी बोकारो में एक समय था जब सेल के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अपने अभिभावकों का नाम देश में रोशन करते थे. परंतु अब वो इतिहास बन कर रह गया है. सरकार अगर इन स्कूलों को फिर से सुचारू ढंग से शुरू कराकर गुणात्मक शिक्षा दे तो बोकारो अपने बौद्धिक नगरी होने का गौरव पुन: प्राप्त कर सकती है. तिरंगे में रंगी यह राखी, जिसमें 500 मीटर लंबे धागे के रूप में तिरंगे बैलून को लगाया गया था, वो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना.

Intro:झारखंड विकास मोर्चा ने आज बोकारो में आज अनोखे अंदाज में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया। यहां झारखंड विकास मोर्चा के नेता प्रकाश सिंह ने 500 मीटर लंबी फूलों वाली राखी एक बंद पड़े सरकारी स्कूल को बांधकर स्कूल को बचाने का संकल्प लिया। तिरंगे में रंगा यह राखी जिसमें 500 मीटर लंबी धागे के रूप में तिरंगे बैलून को लगाया गया था। लोगों के आकर्षण का केंद्र बना। झारखंड विकास मोर्चा के नेता डॉक्टर प्रकाश सिंह अपने अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन करने के लिए जाने जाते हैं। कभी पेड़ पौधे और झार-पात के साथ जानवरों का मुखोटा लगाकर जंगलराज बताने के लिए प्रदर्शन करते हैं। तो कभी आयुष्मान योजना को लागू कराने के लिए पूरे शरीर पर पट्टी बांधकर मरीज बनकर प्रदर्शन करते हैं।




Body:आज झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य डॉ प्रकाश सिंह के नेतृत्व में स्वतंत्रता दिवस सह रक्षाबंधन के अवसर पर फूलों से बना भारत का नक्शा रूपी 500 मीटर लंबी राखी बनाकर सेल के बंद पड़े सेक्टर 3E के स्कूल को पहनाया। इस मौके पर डॉ प्रकाश ने कहा सिंह कि बंद स्कूल में राखी बांधने का मकसद यह है कि सेल प्रशासन और इस्पात मंत्रालय का शिक्षा के प्रति जो निराशाजनक रवैया है उससे बोकारो के हजारों गरीब छात्र गुणात्मक शिक्षा से महरूम हो रहे हैं।आज इस कार्य से शायद उनकी कुंभकरनी निंद्रा खुल जाए और ज्ञान के मंदिर की घंटी बजने लगे। Conclusion:साथ ही उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि जब तक सेल के बंद परे स्कूलों में सुचारू रूप से शिक्षा व्यवस्था शुरू नहीं करा देंगे तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे। झारखंड की बौद्धिक राजधानी बोकारो में एक समय था कि सेल के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अपने अभिभावकों का नाम देश में रोशन करते थे। परंतु आज वो इतिहास बन कर रह गया है। सरकार अगर इन स्कूलों को फिर से सुचारू ढंग से शुरू कराकर गुणात्मक शिक्षा दे तो बोकारो अपने बौद्धिक नगरी होने का गौरव पुन: प्राप्त कर सकता है।
डॉक्टर प्रकाश सिंह, नेता जेवीएम
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