बोकारोः लीव मैनेजमेंट मॉड्यूल को ई विद्यावाहिनी पोर्टल पर लागू करना शिक्षकों के लिए गले की फांस बन गयी है. इस वजह से शिक्षकों को छुट्टी नहीं मिल रही है. राज्य के 95 प्रतिशत स्कूलों में स्थायी प्रधानाध्यापक नहीं हैं, वरीय सहायक शिक्षक प्रभार में है. ई विद्यावाहिनी पोर्टल में उनकी एंट्री भी सहायक शिक्षक के रूप में है. जिसके कारण वह सीएल और एसएल समेत अन्य छुट्टी का आवेदन स्वीकृत नहीं कर पा रहे हैं.
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लीव मैनेजमेंट में कई त्रुटिः अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने बताया कि बिना तैयारी किए और त्रुटि को दूर किए बिना ही यह व्यवस्था लागू कर दिया गया है. उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया कि जैसे किसी छुट्टी के साथ एक आकस्मिक अवकाश (सीएल) लेने पर छुट्टी भी अवकाश हो जा रहा है. जो सहायक शिक्षक प्रभार में हैं, उनको एक्टिंग प्रिंसिपल के रूप में अपडेट नहीं किया गया है, जिसके कारण वह अवकाश स्वीकृत ही नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में शिक्षकों को अवकाश नहीं मिल पा रहा है. पहले सिस्टम को अपडेट कर सरकारी कार्यालयों में यह व्यवस्था लागू करना चाहिए, उसके बाद स्कूलों में लागू करना चाहिए.
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव ने कहा कि विभाग ने इसे पायलट के रूप में खूंटी जिला में लागू किया गया था लेकिन वहां यह सफल नहीं रहा. इसका प्रशिक्षण सभी शिक्षकों को देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विभागीय सचिव को प्रशिक्षण देने के बाद ही इस व्यवस्था को लागू करने की जरूरत है. जिससे शिक्षकों को छुट्टी मिल सके और प्रभार में जो भी प्रिंसिपल हैं वो शिक्षकों की लीव को स्वीकृत करने में सक्षम हों.
ई-विद्यावाहिनी पर लाइव है लीव मैनेजमेंटः लीव मैनेजमेंट मॉड्यूल को ई विद्यावाहिनी पोर्टल पर लाइव कर दिया गया है. ये मॉड्यूल पदाधिकारी, प्रिंसिपल और शिक्षकों की छुट्टी के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अनुमति देता है. इसमें छुट्टी की पात्रता और कारण से संबंधित पूरी जानकारी होगी. शिक्षकों की लीव के लिए ऑनलाइन आवेदन पर संबंधित प्रिंसिपल या पदाधिकारी इसमें अपनी मुहर लगाएंगे.
शिक्षा सचिव के. रवि कुमार ने सभी डीईओ व डीएसई को निर्देश दिया है कि पत्र जारी करने की तिथि (7 फरवरी से) राज्य के सभी पदाधिकारियों, प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को सिर्फ लीव मैनेजमेंट मॉड्यूल के माध्यम से छुट्टी के के लिए आवेदन करते हुए अवकाश प्राप्त करना होगा. डीईओ ने इस निर्देश का पालन करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही दूसरी परिस्थिति में या दूसरे माध्यम से आए लीव एप्लीकेशन पर विचार नहीं किया जाएगा और उसे तत्काल रिजेक्ट कर दिया जाएगा.