बोकारोः गढ़वा के भवनाथपुर से आए बीएसएल एडीएम बिल्डिंग मजदूरों का प्रदर्शन राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के नेतृत्व में किया. बोकारो स्टील प्लांट के प्रशासनिक भवन के गेट के बाहर मजदूरों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. भवनाथपुर स्थित तुलसीदामर में संचालित डोलोमाइट खदान और चूना पत्थर खदान को शुरू करने की मांग की है.
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गुरुवार को बोकारो स्टील प्रशासनिक भवन के समक्ष भवनाथपुर से आए हजारों की संख्या में मजदूरों ने बोकारो स्टील प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. इसके अलावा वो निश्चितकालीन के लिए वहीं पर धरना पर बैठ गए हैं. मजदूरों के प्रदर्शन को देखते हुए सेल के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बैरियर लगाकर रोक दिया. इंटक गढ़वा जिला अध्यक्ष सुशील कुमार चौबे की अगुवाई में मजदूर ने बोकारो आकर प्रदर्शन किया.
जानकारी के मुताबिक सेल और बोकारो स्टील ने गढ़वा के भवनाथपुर स्थित तुलसीदामर में संचालित डोलोमाइट खदान और चूना पत्थर खदान को 16 फरवरी 2020 को बंद कर दिया. इसके बाद वहां के मजदूरों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. दोनों ही प्लांट में 3000 से अधिक मजदूर काम कर रहे थे. इसी को लेकर मजदूर अपनी मांगों को लेकर गढ़वा से चलकर बोकारो स्टील प्लांट के प्रशासनिक भवन के समक्ष पहुंच गए और सेल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी.
मजदूरों का कहना है कि जब तक हमारी मांगों को मानें नहीं जाती हैं वो अनिश्चितकाल धरना प्रदर्शन करते रहेंगे. इंटक जिलाध्यक्ष सुशील कुमार चौबे ने बताया कि गढ़वा के भवनाथपुर में एशिया का सबसे बड़ा खदान संचालित था लेकिन उसे बंद कर दिया गया. इसके बाद प्रबंधन द्वारा लेंथ ऑफ सर्विस के बाबत रेट्रेंचमेंट बेनिफिट और अन्य लाभ मजदूरों को देने के लिए कहा गया. इसमें कई मजदूरों को मुआवजा राशि दी गई लेकिन इसमें कई त्रुटियां थीं. गढ़वा के डीसी ने इसकी जांच भी की, जिसमें राशि आवंटन में अनियमितता पायी गयी. इसके बाद प्रबंधन के द्वारा राशि देने में लगातार आनाकानी की जा रही थी, जिस कारण वो लोग प्रदर्शन करने आए हैं. मजदूरों ने मांग करते हुए कहा कि वो चाहते हैं कि खदान को चालू कराया जाए ताकि मजदूरों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हुई है उसे दूर किया जा सके.