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पूर्व मंत्री समरेश सिंह की हालत गंभीर, सीसीयू में भर्ती

झारखंड के कद्दावर नेता समरेश सिंह की तबीयत अचानक (Samresh Singh condition critical) खराब हो गई है. चिकित्सकों के अनुसार उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. उनका इलाज बोकारो जनरल हॉस्पिटल में चल रहा है. डॉक्टर लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए हैं

Samresh Singh admitted to CCU
सीसीयू में भर्ती समरेश सिंह
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Published : Nov 12, 2022, 5:22 PM IST

बोकारोः पूर्व विधायक सह राज्य के पूर्व मंत्री समरेश सिंह की तबीयत शनिवार को ज्यादा खराब हो गई. परिजनों ने उन्हें बोकारो जनरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया है. अस्पताल के क्रिटिकल केयर यूनिट में उनका इलाज चल रहा है. अस्पताल सूत्रों ने बताया कि पूर्व मंत्री की हालत नाजुक है. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है. डॉक्टर लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए हैं (Samresh Singh condition critical). उधर, उनके परिजन शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहें हैं.

बीजेपी के संस्थापक सदस्य हैं समरेश सिंहः बोकारो के पूर्व विधायक समरेश सिंह भाजपा के संस्थापक सदस्य हैं. लोग इन्हें दादा कहते हैं. मुंबई में 1980 में आयोजित भाजपा के प्रथम अधिवेशन में कमल निशान का चिह्न रखने का सुझाव इन्हीं का था, जिसे केंद्रीय नेताओं ने मंजूरी दी थी. दरअसल, समरेश को 1977 के चुनाव में कमल निशान पर ही जीत मिली थी. बाद में समरेश भाजपा से 1985 व 1990 में बोकारो से विधायक निर्वाचित हुए. इससे पहले 1985 में समरेश सिंह ने इंदर सिंह नामधारी के साथ मिलकर भाजपा में विद्रोह कर 13 विधायकों के साथ संपूर्ण क्रांति दल का गठन किया था. लेकिन कुछ ही दिनों के बाद संपूर्ण क्रांति दल का विलय भाजपा में कर दिया गया.

1995 में हारे थे चुनावः वर्ष 1995 में समरेश सिंह ने भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद वर्ष 2000 का चुनाव उन्होंने झारखंड वनांचल कांग्रेस के टिकट पर लड़ा. फिर 2009 में झाविमो के टिकट पर विधायक बने. बाद में भाजपा में शामिल हो गये, लेकिन 2014 में भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर वह निर्दलीय लड़े थे. जिसमें उन्हें हार मिली थी.

समरेश सिंह का सफर
1980 : भाजपा से जुड़े
1985 : बोकारो से विधायक
1990 : बोकारो से विधायक
2000 : झारखंड वनांचल कांग्रेस पार्टी से बोकारो के विधायक
2009 : झाविमो के टिकट पर बोकारो से विधायक
2014 : निर्दलीय लड़े व हारे

बोकारोः पूर्व विधायक सह राज्य के पूर्व मंत्री समरेश सिंह की तबीयत शनिवार को ज्यादा खराब हो गई. परिजनों ने उन्हें बोकारो जनरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया है. अस्पताल के क्रिटिकल केयर यूनिट में उनका इलाज चल रहा है. अस्पताल सूत्रों ने बताया कि पूर्व मंत्री की हालत नाजुक है. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है. डॉक्टर लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए हैं (Samresh Singh condition critical). उधर, उनके परिजन शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहें हैं.

बीजेपी के संस्थापक सदस्य हैं समरेश सिंहः बोकारो के पूर्व विधायक समरेश सिंह भाजपा के संस्थापक सदस्य हैं. लोग इन्हें दादा कहते हैं. मुंबई में 1980 में आयोजित भाजपा के प्रथम अधिवेशन में कमल निशान का चिह्न रखने का सुझाव इन्हीं का था, जिसे केंद्रीय नेताओं ने मंजूरी दी थी. दरअसल, समरेश को 1977 के चुनाव में कमल निशान पर ही जीत मिली थी. बाद में समरेश भाजपा से 1985 व 1990 में बोकारो से विधायक निर्वाचित हुए. इससे पहले 1985 में समरेश सिंह ने इंदर सिंह नामधारी के साथ मिलकर भाजपा में विद्रोह कर 13 विधायकों के साथ संपूर्ण क्रांति दल का गठन किया था. लेकिन कुछ ही दिनों के बाद संपूर्ण क्रांति दल का विलय भाजपा में कर दिया गया.

1995 में हारे थे चुनावः वर्ष 1995 में समरेश सिंह ने भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद वर्ष 2000 का चुनाव उन्होंने झारखंड वनांचल कांग्रेस के टिकट पर लड़ा. फिर 2009 में झाविमो के टिकट पर विधायक बने. बाद में भाजपा में शामिल हो गये, लेकिन 2014 में भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर वह निर्दलीय लड़े थे. जिसमें उन्हें हार मिली थी.

समरेश सिंह का सफर
1980 : भाजपा से जुड़े
1985 : बोकारो से विधायक
1990 : बोकारो से विधायक
2000 : झारखंड वनांचल कांग्रेस पार्टी से बोकारो के विधायक
2009 : झाविमो के टिकट पर बोकारो से विधायक
2014 : निर्दलीय लड़े व हारे

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