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बोकारो सदर अस्पताल का अजब हाल, कोरोना वार्ड के ही डॉक्टर चला रहे हैं आपातकालीन सेवा - Doctors of Corona ward in Bokaro

ओमीक्रोन वेरिएंट की आहट से झारखंड से देश तक के विशेषज्ञ चिंतित हैं, मगर बोकारो सदर अस्पताल प्रबंधन बेफिक्र है. यहां आपातकालीन सेवा के चिकित्सकों को ही कोविड पेशेंट के इलाज की जिम्मेदारी दे दी गई है.

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Published : Dec 29, 2021, 12:40 PM IST

बोकारो: बोकारो का स्वास्थ्य महकमा कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर संजीदा नहीं है. नतीजतन जिस चिकित्सक से सदर अस्पताल बोकारो में इमरजेंसी में सेवा ली जा रही है, उसी चिकित्सक को कोरोना संक्रमित मरीजों की देखरेख का भी जिम्मा दे दिया गया है.

ये भी पढ़ें-Jharkhand Corona Updates: झारखंड में कोरोना विस्फोट, मंगलवार को मिले 155 नए मरीज


बता दें कि बोकारो जिले में लगातार कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. इसके लिए सदर अस्पताल के पास स्थित एएनएम ट्रेनिंग सेंटर बोकारो को कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है. लेकिन यहां चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है. आरोप है कि बोकारो सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. संजय कुमार ने इमरजेंसी में सेवा देने वाले चिकित्सकों को ही कोरोना संक्रमित मरीजों को देखने की भी जिम्मेदारी दे दी है. ऐसे में इन चिकित्सकों के कोरोना कैरियर बनने का खतरा मंडरा रहा है.

यदि अनजाने में कोई चिकित्सक संक्रमित हुआ तो वह इमरजेंसी में सामान्य मरीज को भी इंफेक्टेड कर सकता है. हालांकि इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. संजय कुमार से पूछताछ की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने बताया कि डॉक्टर महबूब कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं और वह सिर्फ वही इलाज करते हैं.

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डॉ. महबूब बोले- मेरी दोनों जगह है ड्यूटी

इधर, बोकारो सदर अस्पताल के उपाधीक्षक के बयान की सच्चाई जानने के लिए टीम पहुंची तो डॉक्टर महबूब कोविड अस्पताल के वार्ड में घूमते नजर आए. उन्होंने बताया कि वह इमरजेंसी और कोविड अस्पताल दोनों जगह अपनी सेवा दे रहे हैं.

पहले कोरोना मरीज नहीं थे, इसलिए बना ऐसा रोस्टरः सिविल सर्जन

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कुमार का कहना है कि कोरोना मरीज पहले अस्पताल में भर्ती नहीं थे, जिस कारण इस तरह का रोस्टर बनाया गया था. लेकिन अब गुरुवार से पूरी तरह से चिकित्सकों की पदस्थापना कर दी जाएगी.

बोकारो: बोकारो का स्वास्थ्य महकमा कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर संजीदा नहीं है. नतीजतन जिस चिकित्सक से सदर अस्पताल बोकारो में इमरजेंसी में सेवा ली जा रही है, उसी चिकित्सक को कोरोना संक्रमित मरीजों की देखरेख का भी जिम्मा दे दिया गया है.

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बता दें कि बोकारो जिले में लगातार कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. इसके लिए सदर अस्पताल के पास स्थित एएनएम ट्रेनिंग सेंटर बोकारो को कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है. लेकिन यहां चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है. आरोप है कि बोकारो सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. संजय कुमार ने इमरजेंसी में सेवा देने वाले चिकित्सकों को ही कोरोना संक्रमित मरीजों को देखने की भी जिम्मेदारी दे दी है. ऐसे में इन चिकित्सकों के कोरोना कैरियर बनने का खतरा मंडरा रहा है.

यदि अनजाने में कोई चिकित्सक संक्रमित हुआ तो वह इमरजेंसी में सामान्य मरीज को भी इंफेक्टेड कर सकता है. हालांकि इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. संजय कुमार से पूछताछ की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने बताया कि डॉक्टर महबूब कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं और वह सिर्फ वही इलाज करते हैं.

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डॉ. महबूब बोले- मेरी दोनों जगह है ड्यूटी

इधर, बोकारो सदर अस्पताल के उपाधीक्षक के बयान की सच्चाई जानने के लिए टीम पहुंची तो डॉक्टर महबूब कोविड अस्पताल के वार्ड में घूमते नजर आए. उन्होंने बताया कि वह इमरजेंसी और कोविड अस्पताल दोनों जगह अपनी सेवा दे रहे हैं.

पहले कोरोना मरीज नहीं थे, इसलिए बना ऐसा रोस्टरः सिविल सर्जन

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कुमार का कहना है कि कोरोना मरीज पहले अस्पताल में भर्ती नहीं थे, जिस कारण इस तरह का रोस्टर बनाया गया था. लेकिन अब गुरुवार से पूरी तरह से चिकित्सकों की पदस्थापना कर दी जाएगी.

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