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बोकारो में आक्रोशित हैं विस्थापित, सांसद-विधायक समेत 9 लोगों का किया पुतला दहन

बोकारो में विस्थापित लोग अब भी प्रशासन से नाराज हैं, वे लगतार अपनी मांगों के लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बार आक्रोशित ग्रामीणों ने सांसद, विधायक, बोकारो जिला प्रशासन, रेलवे सहित नौ लोगों का पुतला दहन किया है (Displaced people burnt effigies in Bokaro).

Displaced people burnt effigies in Bokaro
Displaced people burnt effigies in Bokaro
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Published : Oct 25, 2022, 10:47 PM IST

बोकारो: जिला के तुपकाडीह-तलगाड़िया रेलवे लाइन दोहरीकरण काम में बाधा बन रहे धनगढ़ी गांव के ग्रामीणों ने मंगलवार को बोकारो इस्पात रेलवे स्टेशन के पास सांसद, विधायक, बोकारो जिला प्रशासन, रेलवे सहित नौ लोगों का पुतला दहन किया (Displaced people burnt effigies in Bokaro). इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं, पुरुष और बच्चों ने पुतला दहन करते हुए लाठियों से पुतलों को पिटाई की. इस दौरान रेलवे, सांसद, विधायक, जिला प्रशासन सहित अन्य लोगों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. प्रदर्शनकारियों ने नौकरी, मुआवजा और 19 गांव को पंचायत में शामिल करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: गढ़वा में विस्थापितों ने 2 सेल पदाधिकारियों को पीटा, जांच में जुटी पुलिस


24 सितंबर को रेलवे और जिला प्रशासन ने तोड़ा था घर: दरअसल, रेलवे और जिला प्रशासन के द्वारा 24 सितंबर को अतिक्रमणकारी करार देते हुए 16 घरों को तोड़ दिया गया था. एक महीने बीत जाने के बाद भी स्थानीय विधायक सांसद और जिला प्रशासन सहित अधिकारियों के द्वारा सुध नहीं लेने पर ग्रामीणों ने पुतला दहन किया. उन्होंने कहा की दिल्ली तक जाना होगा तो जायेंगे. ग्रामीणों ने हेमंत सोरेन से न्याय की गुहार लगाई. ग्रामीणों का कहना है कि 'हमने बोकारो स्टील निर्माण में जमीन दिया. आज तक हमें पुनर्वास करने के लिए जमीन तक उपलब्ध नहीं कराया गया और हमारे घरों को तोड़कर हमें अतिक्रमणकारी कहा जा रहा है. हम किसी कीमत पर अपनी जमीन को नहीं छोड़ेंगे.'

सीएम के काफिले को देखकर की थी नारेबाजी: इससे पहले जब सीएम, सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के लिए बोकारो आए थे, तब भी ग्रामीणों ने विराध प्रदर्शन किया था. उस समय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले को देखकर ग्रामीण रैयत अधिकार मोर्चा ने नारेबाजी की थी (Displaced protest in Bokaro). इस दौरान भी रैयतों ने रेलवे और सेल द्वारा बुलडोजर चलवाकर उनके घरों को जमींदोज करने के खिलाफ नाराजगी जाहिर की थी. इस विरोध में सैकड़ों महिला और पुरुष हाथों में तख्ती लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. मुख्यमंत्री के बोकारो आगमन पर रैयत सीएम को अपनी मांग पत्र सौंपने आए थे.

बोकारो: जिला के तुपकाडीह-तलगाड़िया रेलवे लाइन दोहरीकरण काम में बाधा बन रहे धनगढ़ी गांव के ग्रामीणों ने मंगलवार को बोकारो इस्पात रेलवे स्टेशन के पास सांसद, विधायक, बोकारो जिला प्रशासन, रेलवे सहित नौ लोगों का पुतला दहन किया (Displaced people burnt effigies in Bokaro). इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं, पुरुष और बच्चों ने पुतला दहन करते हुए लाठियों से पुतलों को पिटाई की. इस दौरान रेलवे, सांसद, विधायक, जिला प्रशासन सहित अन्य लोगों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. प्रदर्शनकारियों ने नौकरी, मुआवजा और 19 गांव को पंचायत में शामिल करने की मांग की है.

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24 सितंबर को रेलवे और जिला प्रशासन ने तोड़ा था घर: दरअसल, रेलवे और जिला प्रशासन के द्वारा 24 सितंबर को अतिक्रमणकारी करार देते हुए 16 घरों को तोड़ दिया गया था. एक महीने बीत जाने के बाद भी स्थानीय विधायक सांसद और जिला प्रशासन सहित अधिकारियों के द्वारा सुध नहीं लेने पर ग्रामीणों ने पुतला दहन किया. उन्होंने कहा की दिल्ली तक जाना होगा तो जायेंगे. ग्रामीणों ने हेमंत सोरेन से न्याय की गुहार लगाई. ग्रामीणों का कहना है कि 'हमने बोकारो स्टील निर्माण में जमीन दिया. आज तक हमें पुनर्वास करने के लिए जमीन तक उपलब्ध नहीं कराया गया और हमारे घरों को तोड़कर हमें अतिक्रमणकारी कहा जा रहा है. हम किसी कीमत पर अपनी जमीन को नहीं छोड़ेंगे.'

सीएम के काफिले को देखकर की थी नारेबाजी: इससे पहले जब सीएम, सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के लिए बोकारो आए थे, तब भी ग्रामीणों ने विराध प्रदर्शन किया था. उस समय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले को देखकर ग्रामीण रैयत अधिकार मोर्चा ने नारेबाजी की थी (Displaced protest in Bokaro). इस दौरान भी रैयतों ने रेलवे और सेल द्वारा बुलडोजर चलवाकर उनके घरों को जमींदोज करने के खिलाफ नाराजगी जाहिर की थी. इस विरोध में सैकड़ों महिला और पुरुष हाथों में तख्ती लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. मुख्यमंत्री के बोकारो आगमन पर रैयत सीएम को अपनी मांग पत्र सौंपने आए थे.

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