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महज 10 करोड़ में 74 एकड़ सरकारी जमीन का सौदा, मिलीभगत से UP के व्यवसायी के नाम हुई रजिस्ट्री - यूपी के व्यवसायी ने खरीद ली 74 एकड़ जमीन

बोकारो में वन विभाग की जमीन अधिकारियों की मिलीभगत से 74 एकड़ जमीन को मात्र 10 करोड़ रुपये में बेच दी. यह जमीन उत्तर प्रदेश के एक व्यवसायी के नाम रजिस्ट्री कर दी है.

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वन विभाग की जमीन
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Published : Mar 15, 2021, 2:15 PM IST

बोकारो: जिला में करोड़ों की वन भूमि को ओने-पौने दाम में बेचे जाने का एक सनसनीखेज मामला सामने में आया है. सरकारी महकमे की सांठगांठ से बोकारो के तेतुलिया मौजा में वन विभाग की 74 एकड़ जमीन मात्र 10 करोड़ रुपये में बेच दी गई है. मामला सामने आने से कई वरीय अधिकारियों के हलक सूखने लगे हैं.

ये भी पढ़ें- खूंटीः पत्थलगड़ी के बाद मुंडा सभा की तैयारी में आदिवासी, पुलिस अलर्ट

10 करोड़ में बेच दी जमीन
वन विभाग की जमीन पर इजहार हुसैन नाम के व्यक्ति ने संबंधित अधिकारियों से सांठगांठ कर इस तरह कागजात तैयार करवाया. जिसमें लिखा गया कि उच्च न्यायालय ने सरकार को वन विभाग की जमाबंदी रद्द करने का आदेश दे दिया. जिसके बाद इजहार हुसैन ने तेतुलिया मौजा स्थित 74 एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश के ललन सिंह नाम के व्यक्ति को मात्र 10 करोड़ में बेच दिया. जबकि उस जमीन की कीमत 23 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है.

उपायुक्त ने दिया गोलमोल जवाब

इस संबंध में उपायुक्त राजेश सिंह ने टालमटोल की नीति अपनाते हुए गोलमोल जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई हुई है. इस कारण वो इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कह सकते हैं. उन्होंने यह जरूर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. अंचलाधिकारी चास दिलीप कुमार ने सारी जिम्मेवारी रजिस्ट्रार पर डाल दी. उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला उनके समय का नहीं है इसलिए वह इस संबंध में ज्यादा कुछ नहीं बता पाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि सीआई को मामले की जांच सौंपी गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

दूसरी तरफ रजिस्टर रामेश्वर सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय ने जमाबंदी कायम करने का आदेश जारी किया था, ऐसे में जमीन का निबंधन किया जाना गलत नहीं है. उन्होंने बताया कि उपायुक्त ने भी कागजात देखने के बाद निबंधन के लिए मौखिक आदेश दिया था. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सभी अधिकारी अपनी गेंद दूसरे की तरफ उछाल कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं.

बोकारो: जिला में करोड़ों की वन भूमि को ओने-पौने दाम में बेचे जाने का एक सनसनीखेज मामला सामने में आया है. सरकारी महकमे की सांठगांठ से बोकारो के तेतुलिया मौजा में वन विभाग की 74 एकड़ जमीन मात्र 10 करोड़ रुपये में बेच दी गई है. मामला सामने आने से कई वरीय अधिकारियों के हलक सूखने लगे हैं.

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10 करोड़ में बेच दी जमीन
वन विभाग की जमीन पर इजहार हुसैन नाम के व्यक्ति ने संबंधित अधिकारियों से सांठगांठ कर इस तरह कागजात तैयार करवाया. जिसमें लिखा गया कि उच्च न्यायालय ने सरकार को वन विभाग की जमाबंदी रद्द करने का आदेश दे दिया. जिसके बाद इजहार हुसैन ने तेतुलिया मौजा स्थित 74 एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश के ललन सिंह नाम के व्यक्ति को मात्र 10 करोड़ में बेच दिया. जबकि उस जमीन की कीमत 23 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है.

उपायुक्त ने दिया गोलमोल जवाब

इस संबंध में उपायुक्त राजेश सिंह ने टालमटोल की नीति अपनाते हुए गोलमोल जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई हुई है. इस कारण वो इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कह सकते हैं. उन्होंने यह जरूर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. अंचलाधिकारी चास दिलीप कुमार ने सारी जिम्मेवारी रजिस्ट्रार पर डाल दी. उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला उनके समय का नहीं है इसलिए वह इस संबंध में ज्यादा कुछ नहीं बता पाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि सीआई को मामले की जांच सौंपी गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

दूसरी तरफ रजिस्टर रामेश्वर सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय ने जमाबंदी कायम करने का आदेश जारी किया था, ऐसे में जमीन का निबंधन किया जाना गलत नहीं है. उन्होंने बताया कि उपायुक्त ने भी कागजात देखने के बाद निबंधन के लिए मौखिक आदेश दिया था. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सभी अधिकारी अपनी गेंद दूसरे की तरफ उछाल कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं.

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