ETV Bharat / state

खतरे में दामोदर नदी का अस्तित्व, वर्ल्ड ग्रीन लाइन के सदस्यों ने बचाने के लिए दिया धरना

दामोदर और उसकी सहायक नदियों को बचाने के लिए वर्ल्ड ग्रीन लाइन के सदस्यों ने गरगा बचाओ समिति के बैनर तले बैठक का आयोजन किया. बैठक में दामोदर नदी और उसकी सहायक नदियों को बचाने के लिए चर्चा की गई. वर्ल्ड ग्रीन लाइन पिछले 50 हफ्ते से गरगा सफाई अभियान में जोरदार तरीके से लगी है.

खतरे में दामोदर नदी का अस्तित्व
author img

By

Published : Mar 10, 2019, 11:42 PM IST

बोकारो: राज्य में दामोदर और उसकी सहायक नदियों को बचाने के लिए वर्ल्ड ग्रीन लाइन के सदस्यों ने गरगा बचाओ समिति के बैनर तले बैठक का आयोजन किया, जिसमें राज्य के सभी नदियों को बचाने के लिए चर्चा की.

दामोदर नदी का अस्तित्व खतरे में

बैठक में दामोदर नदी और उसकी सहायक नदियों को भी बचाने के लिए वर्ल्ड ग्रीन लाइन के सदस्यों के तरफ सेचर्चा की गई. वर्ल्ड ग्रीन लाइन पिछले 50 हफ्ते से गरगा सफाई अभियान में जोरदार तरीके से लगी है.

बैठक का नेतृत्व दामोदर बचाओ अभियान के नेता रामचंद्र रामानी ने किया, उन्होंने कहा कि नदी के अस्तित्व के साथ हमारा अस्तित्व भी जुड़ा हुआ है, साथ ही उन्होंने बताया कि जिस तरह सहायक नदियां नाले में तब्दील हो रही हैं ऐसे में जीवनदायिनी दामोदर नदी का अस्तित्व खतरे में है. अगर सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं देती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

झारखंड में कई जगह पानी की घोर किल्लत है, ऐसे में नदियों को बचाना बेहद जरूरी है. दामोदर नदी राज्य की एक प्रमुख नदी है जिसकी सहायक नदी कोनार, बराकर, गरगा है जो नाले में तब्दील होने लगी है. नदियों को बचाने में सरकार को आगे आने की जरूरत है तभी राज्य में पानी की घोर किल्लत से बचा जा सकता है.

बोकारो: राज्य में दामोदर और उसकी सहायक नदियों को बचाने के लिए वर्ल्ड ग्रीन लाइन के सदस्यों ने गरगा बचाओ समिति के बैनर तले बैठक का आयोजन किया, जिसमें राज्य के सभी नदियों को बचाने के लिए चर्चा की.

दामोदर नदी का अस्तित्व खतरे में

बैठक में दामोदर नदी और उसकी सहायक नदियों को भी बचाने के लिए वर्ल्ड ग्रीन लाइन के सदस्यों के तरफ सेचर्चा की गई. वर्ल्ड ग्रीन लाइन पिछले 50 हफ्ते से गरगा सफाई अभियान में जोरदार तरीके से लगी है.

बैठक का नेतृत्व दामोदर बचाओ अभियान के नेता रामचंद्र रामानी ने किया, उन्होंने कहा कि नदी के अस्तित्व के साथ हमारा अस्तित्व भी जुड़ा हुआ है, साथ ही उन्होंने बताया कि जिस तरह सहायक नदियां नाले में तब्दील हो रही हैं ऐसे में जीवनदायिनी दामोदर नदी का अस्तित्व खतरे में है. अगर सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं देती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

झारखंड में कई जगह पानी की घोर किल्लत है, ऐसे में नदियों को बचाना बेहद जरूरी है. दामोदर नदी राज्य की एक प्रमुख नदी है जिसकी सहायक नदी कोनार, बराकर, गरगा है जो नाले में तब्दील होने लगी है. नदियों को बचाने में सरकार को आगे आने की जरूरत है तभी राज्य में पानी की घोर किल्लत से बचा जा सकता है.

Intro:बोकारो में दामोदर और उसकी सहायक नदियों को बचाने के गरगा बचाओ समिति के बैनर तले बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में दामोदर को बचाने के लिए उनकी सहायक नदियां गरगा समेत नदियों को बचाने के लिए चर्चा किया गया। बैठक में वर्ल्ड ग्रीन लाइन के सदस्यों ने भाग लिया।। आपको बता दें वर्ल्ड ग्रीन लाइन पिछले 50 सप्ताह से गरगा सफाई अभियान में लगी है। बैठक का नेतृत्व दामोदर बचाओ अभियान के रामचंद्र रामानी ने किया। रामचंद्र रामानी ने कहा नदी के अस्तित्व के साथ हमारा अस्तित्व ज़ुरा हुआ है। नदी है तो हम हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह सहायक नदियां आज नाले में तब्दील ही रही है। ऐसे में जीवनदायिनी दामोदर नदी का अस्तित्व भी खतरे में है। इसलिए जरूरी है कि नदी को बचाना होगा। इसकी सहायक नदी कोनार, बराकार गरगा है। जो नाले में तब्दील हो गई। नदी को बचाने के लिए सामाजिक आंदोलन के साथ राजनीतिक इक्षासक्ति भी दिखानी होगी। इसलिए जरूरी है की राजनीतिक दल इसे अपने घोषणापत्र में शामिल करें।


Body:dvh


Conclusion:dhh
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.