बोकारो: झारखंड में पलायन एक ऐसी पीड़ा बन गई है, जो रोजी-रोटी के लिए इंसान को घर छोड़ने के लिए मजबूर कर देती है. लेकिन घर छोड़ने वाला इंसान हमेशा ही अपने घर वापस लौटना चाहता है. कुछ को वापस अपना घर नसीब हो पाता है, वहीं कुछ का ये सपना अधूरा रह जाता है. कुछ ऐसी ही कहानी है बोकारो जिले के बेरमो के सुभाष नगर निवासी अमित कुमार की.
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अमित निजामों के शहर हैदराबाद कमाने गए थे. लेकिन अमित को हैदराबाद में जो काम मिला वह उन्हें पसंद नहीं आया. आखिरकार उन्होंने वह काम छोड़कर वापस लौटने का फैसला किया. वह हैदराबाद से अपने घर बेरमो वापस लौट रहे थे. लेकिन वे अपने घर पहुंच नहीं पाए. उनका सफर अधूरा रह गया.
छत्तीसगढ़ के एक नदी में उनका शव संदिग्ध हालात में पड़ा मिला है. आखिर उनकी मौत कैसे हुई, ये एक बड़ा सवाल है, जिसकी तफ्तीश की मांग हो रही है. फिलहाल सुभाष नगर में अमित के घर चीख-पुकार और रुदन हो रही है. हरेक के मन में सवाल है कि अमित की मौत आखिर कैसे हुई. आखिर इस अकाल मौत का सच क्या है.
हैदराबाद से घर आने के लिए ट्रेन पर चढ़े थे अमित: अमित के भाई मोहन ने बताया कि अमित हैदराबाद कमाने के लिए गया था. काम पसंद नहीं आने के कारण वह वापस लौट रहा था. वह हैदराबाद में ट्रेन में चढ़ा था. इसकी जानकारी उन्हें थी. लेकिन बीच रास्ते में क्या हुआ, पता नहीं. उसका शव छत्तीसगढ़ के मुरमुरा थाना क्षेत्र के एक नदी में मिला. मृतक के भाई ने बताया कि छत्तीसगढ़ के मुरमुरा थाना प्रभारी के द्वारा फोन आया कि उन्हें एक बॉडी मिली है, जिसके पास से बरामद आधार कार्ड में अमित नाम लिखा हुआ है. इस संबंध में अमित के भाई मोहन ने अपनी अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि हम लोगों को इस मामले में किसी पर शक नहीं है. लेकिन परिजन इस घटना को हत्या मान रहे हैं और झारखंड सरकार से जांच कर दोषी को सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं.