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Bokaro News: बोकारो वेदांता इलेक्ट्रोस्टील के ठेका मजदूर की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत, मुआवजे की मांग को लेकर सड़क जाम - प्लांट में कोई दुर्घटना नहीं

बोकारो में एक ठेका मजदूर की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गई है. मजदूर ड्यूटी करने के लिए वेदांता इलेक्ट्रोस्टील कंपनी में सुबह आया था और शाम में उसका शव सड़क के किनारे से बरामद किया गया है. वहीं मुआवजे की मांग को लेकर परिजनों और ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया. जानकारी मिलने पर कंपनी के पदाधिकारी पहुंचे और आक्रोशित लोगों के साथ वार्ता की.

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Contract Worker Died In Bokaro
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Published : May 15, 2023, 9:21 PM IST

Updated : May 15, 2023, 10:25 PM IST

बोकारो: वेदांता इलेक्ट्रोस्टील में सोमवार को एक ठेका मजदूर की मौत हो गई. घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने मुआवजे को लेकर अलकुशा मुख्य सड़क और स्टील प्लांट के गेट को जाम कर दिया. जानकारी के अनुसार ठेका मजदूर धीरेंद्र महतो रविवार की सुबह 6:00 ड्यूटी करने पहुंचा था और कंपनी की गेट पर पंजीकरण कराया था, लेकिन शाम को घर नहीं लौटा. ड्यूटी से निकलते वक्त साथी मजदूर शत्रु महतो ने उसकी खोजबीन की, लेकिन वह नहीं मिला. जिसके बाद वह शाम को अपने घर वापस लौट गया.

ये भी पढे़ं-Bokaro Accident: वेदांता इलेक्ट्रोस्टील के दुर्घटना में मृत मजदूर के परिजनों को मिलेगा मुआवजा, 15 लाख रूपए और नियोजन पर बनी सहमति

सड़क के किनारे मिला मजदूर का शवः बाद में जानकारी मिली कि धीरेंद्र महतो का शव चंद्रा मोड़ सड़क के किनारे पड़ा हुआ है. ग्रामीणों ने शव को सड़क से उठाया और परिजनों को मामले की सूचना दी. वहीं घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंच गई और शव को कब्जे में लेकर बोकारो जनरल अस्पताल के मार्चरी में रखवा दिया. घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों और मृतक के परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर सड़क और कंपनी का गेट जाम कर दिया है. धरना पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि जब तक हमें मुआवजा नहीं दिया जाएगा, तब तक हम धरना पर बैठे रहेंगे.

मौत के कारणों का अब तक नहीं चला पताः हालांकि ठेका मजदूर धीरेंद्र की मौत कैसे हुई है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है. वहीं मृतक धीरेंद्र अपने पीछे तीन बेटी, एक बेटा और पत्नी छोड़ गया है. धीरेंद्र की मौत के बाद उसका परिवार बेसहारा हो गया है. वहीं मजदूर धीरेंद्र की मौत को लेकर कंपनी कोई जिम्मेदारी नहीं ले रही है. इस संबंध में स्थानीय युवक राजू महतो ने कहा कि प्रशासन हमपर दबाव बना रहा है.

15 लाख रुपए मुआवजा देने के आश्वास के बाद लोगों ने हटाया जामः वहीं घटना की जानकारी मिलने के बाद वेदांता इलेक्ट्रोस्टील कंपनी के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और मुआवजा और मृतक धीरेंद्र की पत्नी को नियोजन देने के आश्वासन दिया. इसके बाद अलकुशा रोड और इलेक्ट्रोस्टील वेदांता प्लांट गेट के पास से आक्रोशित लोगों ने जाम हटाया. प्रबंधन ने प्रशासन की मौजूदगी में सड़क जाम कर रहे लोगों और परिजनों से वार्ता की. वार्ता के दौरान 15 लाख रुपए मुआवजा देने पर सहमति बनी. जिसमें दो लाख रुपए का भुगतान तुरंत मृतक की पत्नी के खाते में कर दिया गया. जबकि बाकी शेष राशि को 90 दिनों के अंदर देने पर सहमति बनी है. साथ ही निजी कंपनी में मृतक की पत्नी को नियोजन देने की सहमति बनी है.

कंपनी ने दी सफाई, प्लांट के अंदर नहीं हुई है दुर्घटनाः इधर, मामले में कंपनी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि प्लांट में कोई दुर्घटना नहीं हुई है. वेदांता इलेक्ट्रोस्टील कंपनी ने की ओर से कहा गया कि धीरेंद्र महतो कल 14 जुलाई को सुबह प्लांट के अंदर दाखिल हुआ था. उसके कुछ ही देर के बाद नाइट शिफ्ट के कर्मी के साथ वह बाहर निकल गया था. बाहर में उसका शव मिला है. प्लांट के अंदर किसी भी प्रकार की कोई दुर्घटना नहीं हुई है.

बोकारो: वेदांता इलेक्ट्रोस्टील में सोमवार को एक ठेका मजदूर की मौत हो गई. घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने मुआवजे को लेकर अलकुशा मुख्य सड़क और स्टील प्लांट के गेट को जाम कर दिया. जानकारी के अनुसार ठेका मजदूर धीरेंद्र महतो रविवार की सुबह 6:00 ड्यूटी करने पहुंचा था और कंपनी की गेट पर पंजीकरण कराया था, लेकिन शाम को घर नहीं लौटा. ड्यूटी से निकलते वक्त साथी मजदूर शत्रु महतो ने उसकी खोजबीन की, लेकिन वह नहीं मिला. जिसके बाद वह शाम को अपने घर वापस लौट गया.

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सड़क के किनारे मिला मजदूर का शवः बाद में जानकारी मिली कि धीरेंद्र महतो का शव चंद्रा मोड़ सड़क के किनारे पड़ा हुआ है. ग्रामीणों ने शव को सड़क से उठाया और परिजनों को मामले की सूचना दी. वहीं घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंच गई और शव को कब्जे में लेकर बोकारो जनरल अस्पताल के मार्चरी में रखवा दिया. घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों और मृतक के परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर सड़क और कंपनी का गेट जाम कर दिया है. धरना पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि जब तक हमें मुआवजा नहीं दिया जाएगा, तब तक हम धरना पर बैठे रहेंगे.

मौत के कारणों का अब तक नहीं चला पताः हालांकि ठेका मजदूर धीरेंद्र की मौत कैसे हुई है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है. वहीं मृतक धीरेंद्र अपने पीछे तीन बेटी, एक बेटा और पत्नी छोड़ गया है. धीरेंद्र की मौत के बाद उसका परिवार बेसहारा हो गया है. वहीं मजदूर धीरेंद्र की मौत को लेकर कंपनी कोई जिम्मेदारी नहीं ले रही है. इस संबंध में स्थानीय युवक राजू महतो ने कहा कि प्रशासन हमपर दबाव बना रहा है.

15 लाख रुपए मुआवजा देने के आश्वास के बाद लोगों ने हटाया जामः वहीं घटना की जानकारी मिलने के बाद वेदांता इलेक्ट्रोस्टील कंपनी के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और मुआवजा और मृतक धीरेंद्र की पत्नी को नियोजन देने के आश्वासन दिया. इसके बाद अलकुशा रोड और इलेक्ट्रोस्टील वेदांता प्लांट गेट के पास से आक्रोशित लोगों ने जाम हटाया. प्रबंधन ने प्रशासन की मौजूदगी में सड़क जाम कर रहे लोगों और परिजनों से वार्ता की. वार्ता के दौरान 15 लाख रुपए मुआवजा देने पर सहमति बनी. जिसमें दो लाख रुपए का भुगतान तुरंत मृतक की पत्नी के खाते में कर दिया गया. जबकि बाकी शेष राशि को 90 दिनों के अंदर देने पर सहमति बनी है. साथ ही निजी कंपनी में मृतक की पत्नी को नियोजन देने की सहमति बनी है.

कंपनी ने दी सफाई, प्लांट के अंदर नहीं हुई है दुर्घटनाः इधर, मामले में कंपनी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि प्लांट में कोई दुर्घटना नहीं हुई है. वेदांता इलेक्ट्रोस्टील कंपनी ने की ओर से कहा गया कि धीरेंद्र महतो कल 14 जुलाई को सुबह प्लांट के अंदर दाखिल हुआ था. उसके कुछ ही देर के बाद नाइट शिफ्ट के कर्मी के साथ वह बाहर निकल गया था. बाहर में उसका शव मिला है. प्लांट के अंदर किसी भी प्रकार की कोई दुर्घटना नहीं हुई है.

Last Updated : May 15, 2023, 10:25 PM IST
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