बोकारोः सत्ता के मद में चूर कांग्रेस के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष उमेश गुप्ता ने समर्थकों के साथ शहर के सेक्टर वन स्थित बीएसएल के बी टाइप आवास का ताला तोड़ कर उसपर कब्जा कर लिया. इसकी सूचना मिलते ही बीएसएल के सिक्युरिटी गार्ड व अधिकारी मौके पर पहुंचे पर बात नहीं बनी. जिला अध्यक्ष ने कहा कि जिसे यह आवास आवंटित है, उसे दूसरा आवास आवंटित कर दीजिए. उन्होंने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट और शहर कांग्रेस की देन है.
बुधवार शाम को कांग्रेस जिलाध्यक्ष उमेश गुप्ता अचानक बीएसएल के सेक्टर वन सी स्थित बी टाइप क्वार्टर नंबर 41 में प्रवेश कर गए. समर्थकों से उन्होंने आवास की साफ-सफाई शुरू कराई और क्वार्टर के चारों तरफ कांग्रेस के बैनर और झंडे लगा दिए. काफी अरसे से बंद आवास में समर्थकों की भीड़ और लोगों के आवाजाही देखकर लोगों ने प्रबंधन को घटना की सूचना दी. जिसके बाद बीएसएल के अधिकारी सिक्युरिटी के साथ उस क्वार्टर पर पहुंचे और उन्हें बीएसएल के बंद आवास में प्रवेश करने से मना किया और जिलाध्यक्ष उमेश गुप्ता को समझने का प्रयास किया.
इसको लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष उमेश गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस जिलाअध्यक्ष होने के नाते आमलोगों से मिलने व संगठन के कार्य के लिए कार्यालय की जरूरत है. अब तक कार्यालय निजी आवास में चल रहा था, जहां बैठक करने में परेशानी हो रही थी. बीएसएल में एक माह पूर्व आवेदन दिया था कि उनके आवास में पार्टी जिला कार्यालय खोला जा सके. लेकिन प्रबंधन ने इस पर कोई विचार नहीं किया, कई बार बीएसएल अधिकारियों से मिलने का प्रयास किया पर उन्होंने मिलने तक का समय नहीं दिया. जिस कारण अब बंद और खाली आवास को पार्टी कार्यालय बनाया गया है.
उन्होंने कहा कि शहर के सभी सेक्टरों में बीएसएल के आवासों पर अधिकारियों की मिली भगत से अवैध कब्जा है, जिसपर प्रबंधन ध्यान नहीं दे रही है. जिलाध्यक्ष ने कहा कि चास एसडीओ को भी इस संबंध आवेदन देकर कार्यालय खोलने की सूचना दी गई है. बीएसएल द्वारा कांग्रेस पार्टी के लिए जमीन भी आवंटित की गयी है. जिला कार्यालय के बनने के साथ ही वो इस आवास को खाली कर देंगे.
कब्जा करना पूरी तरह से अवैधः इस मौके पर मौजूद बीएसएल के अधिकारियों ने जिलाध्यक्ष से इस मामले पर बात की पर वह नहीं माने. अधिकारियों ने कहा कि कांग्रेस नेता की ओर से बीएसएल के आवास का ताला तोड़कर प्रवेश करना पूरी तरह से अवैध है, नियम के तहत ही उनको आवास में प्रवेश करना चाहिए. इसके लिए प्रक्रिया है जिसकी जानकारी सभी बगैर प्रक्रिया के आवास में प्रवेश करने पर बीएसएल कार्रवाई करेगा. बता दें कि ये आवास बीएसएल के जीएम रैंक के अधिकारियों को आवंटित किया जाता है, इस इलाके में शिबू सोरेन, डीआईजी, कमांडेंट समेत कई आला अधिकारियों का आवास अवस्थित हैं.