नई दिल्ली: बोकारो में सस्ती कीमत पर जमीन देने के नाम पर सेना के जवानों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का एक मामला सामने आया है. इस मामले में शिकायत मिलने पर बुकिंग करने वाले सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल राकेश राणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन इसका मुख्य आरोपी दो साल से फरार चल रहा था, जिसे ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार कर लिया है.
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88 लाख रुपये जमा कराये
एडिशनल सीपी राजकुमार सिंह के अनुसार, फरवरी 2018 में आर्थिक अपराध शाखा में ठगी का एक मामला दर्ज किया गया था. सेना के हवलदार चंदन कुमार ने शिकायत में बताया था कि उसने 16 अन्य लोगों के साथ सैनिक वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन इंडिया लिमिटेड, द्वारका में 88 लाख रुपये जमा कराए थे. उन्हें बताया गया कि बोकारो प्रोजेक्ट में एनजीओ की तरफ से आर्मी के जवानों के लिए जमीन एवं घर दिए जाएंगे. यह घर बिना किसी मुनाफे के उन्हें दिए जाएंगे. इसके लिए उन्होंने अपने बैंक खाते में रकम जमा कराई थी. पीड़ितों ने रुपये जमा करा दिए, जिसके बाद कंपनी की तरफ से एग्रीमेंट के दस्तावेज उन्हें दिये गये, लेकिन न तो उन्हें प्लॉट मिला और न ही उनके रुपये वापस मिले.
NGO के पास नहीं थी जमीन
काफी समय तक जब पीड़ितों को घर नहीं मिला तो उन्होंने छानबीन की. उन्हें पता चला कि वहां पर इन लोगों के पास कोई जमीन ही नहीं है. इस मामले की जांच एसीपी वीरेंद्र सजवान की देखरेख में इंस्पेक्टर गणपति महाराज की तरफ से की जा रही थी. जांच में पता चला कि राकेश राणा नामक के शख्स ने लोगों को बताया था कि 20 एकड़ जमीन पर यह प्रोजेक्ट बनना है. यह जमीन खरीदी जा चुकी है और संबंधित अनुमति भी विभिन्न एजेंसियों से ले ली गई है.
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फर्जी एग्रीमेंट भी लोगों को दिए
पुलिस को यह भी पता चला कि उन्होंने फर्जी एग्रीमेंट भी लोगों को दिये थे. इस मामले में सेवानिवृत लेफ्टिनेंट कर्नल राकेश राणा को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था. जो इस प्रोजेक्ट का चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर था.
बैंक खाते में 99 लाख रुपये जमा
पूछताछ के दौरान राकेश ने पुलिस को बताया था कि बोकारो में यह प्रोजेक्ट राजेश भगत के कहने पर उसने लांच किया था. उसने राजेश की कंपनी के बैंक खाते में 99 लाख रुपये जमा भी किये थे. यह प्रोजेक्ट राजेश की तरफ से ही पूरा किया जाना था. इसलिए उसने जमीन जाकर नहीं देखी.
मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार
इस मामले में राजेश भगत फरार चल रहा था. वह पुलिस से लगातार बच रहा था और जांच में शामिल नहीं हो रहा था. इसलिए उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट लिया गया था. टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पुलिस टीम ने उसे रांची से गिरफ्तार कर लिया है. रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की जा रही है.