बोकारोः बोकारो इस्पात संयंत्र के कर्मियों ने देश के लिए बड़ा काम किया है. बीएसएल ने अपने प्रयास से कंटेनर बनाना शुरू किया है. इससे चीन जैसे देश का एकाधिकार को खत्म कर भारत को मजबूत किया जाएगा.
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बताया जा रहा है भारत को हर साल करीब 3.5 लाख कंटेनरों की जरूरत होती है. लेकिन भारत में कंटेनर का उत्पादन नहीं होता है. कंटेनर के लिए देश को चीन पर निर्भर रहना पड़ता है. अब बोकारो स्टील प्लांट में मौसम प्रतिरोधी स्टील का उत्पादन शुरू होने से भारत की चीन पर निर्भरता कम हो जाएगी.
बीएसएल प्रवक्ता मणिकांत धान ने बताया कि भारत में कंटेनर का निर्माण शुरू किया गया है. इससे चीन पर भारत की निर्भरता को समाप्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सेल- बोकारो स्टील प्लांट ने मौसम प्रतिरोधी स्ट्रक्चरल स्टील को रोल करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो से लाइसेंस प्राप्त कर एक अहम उपलब्धि हासिल की है. यह लाइसेंस ग्रेड मौसम प्रतिरोधी संरचनात्मक स्टील, लो फॉस्फोरस माइक्रो-एल्लोएड मौसम प्रतिरोधी संरचनात्मक स्टील और कंटेनर निर्माण को लेकर तय मानकों के अनुसार मिला है.
बीएसएल प्रवक्ता ने कहा कि भारत में शिपिंग ग्रेड कंटेनरों के निर्माण को लेकर जून 2022 में प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर एक पैनल का गठन किया गया था. इस पैनल की मदद से कंटेनर बनाने की योजना तैयार की गई. उन्होंने कहा कि बीएसएल ने स्टील के लिए बीआईएस से लाइसेंस प्राप्त कर लिया है. बोकारो स्टील प्लांट हॉट एवं कोल्ड रोल्ड कॉइल, प्लेट और शीट के रूप में नियमित मौसम प्रतिरोधी स्टील सेलकोर का उत्पादन करता है. यह कॉर्टन स्टील के लिए एक स्वदेशी समकक्ष ग्रेड है और इसका उपयोग भारतीय रेलवे द्वारा मौसम प्रतिरोधी संरचना और वैगन बनाने में उपयोग करता है.