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अस्पताल में डॉक्टरों ने नहीं किया इलाज, बच्चों के सामने तड़प-तड़प कर मर गया BSF जवान

बोकारो जनरल अस्पताल में इलाज के अभाव में बीएसएफ का जवान उदय शंकर शर्मा ने तड़प-तड़पकर जान दे दी. 22 जुलाई को उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, लेकिन कोरोना की रिपोर्ट नहीं आने की वजह से उसे फौरी इलाज नहीं दिया गया, जबकि जवान उदय शंकर शुगर और बीपी का मरीज था. डॉक्टर्स ने उसे क्वारंटाइन सेंटर में रखा था और कोई दवा नहीं दी गई. परिजनों का आरोप है कि उनको हाई बीपी और शुगर में भी उन्हें दवा नहीं दी गई. जिसके बाद परिवार के सामने उदय ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया.

BSF jawan dies due to lack of treatment in Bokaro
बोकारोः इलाज के अभाव में बीएसएफ का जवान की मौत
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Published : Jul 26, 2020, 5:08 PM IST

Updated : Jul 26, 2020, 10:22 PM IST

बोकारोः जिला के बोकारो जनरल अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाला वाकया सामने आया है. जहां डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की अनदेखी और सुस्त रवैये की वजह से बीएसएफ के एक जवान की मौत हो गई. बोकारो के सेक्टर 9 का रहने वाला बीएसएफ जवान 8वीं बटालियन में पश्चिम बंगाल में सीटी (जीडी) के पोस्ट पर तैनात था. तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 22 जुलाई को बोकारो में भर्ती कराया गया.

भर्ती के 24 घंटे बाद कोरोना का सैंपल लिया गया. जब तक किसी भी तरह की जांच से डॉक्टर ने मना कर दिया. परिजनों ने बाहर से खरीदकर शुगर और बीपी किट से उदय शंकर का शुगर और बीपी जांच की गई. जांच में पता चला कि वो हाई बीपी और हाई शुगर से जूझ रहा है. इलाज के लिए परिजनों ने मेडिकल स्टाफ से काफी मिन्नतें कीं. लेकिन कोरोना का हवाला देकर उदय शंकर को दवा और इलाज के महरूम रखा गया और उदय शंकर ने तड़प-तड़पकर अपनी पत्नी और बच्ची के सामने दम तोड़ दिया. पत्नी और पुत्री का सीधा आरोप अस्पताल के डॉक्टर और नर्स पर है कि, उनकी अनदेखी से उदय शंकर की मौत हो गई. जबकि डॉक्टर ने बार-बार कोरोना की रिपोर्ट आने का हवाला दिया गया.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें-हादसे के 2 महीने बाद भी हेमंत सरकार का वादा अधूरा, मृतक के परिजनों को नहीं मिली घोषणा की राशि

मानवता को शर्मसार करती इस घटना से उदय शंकर शर्मा का पूरा परिवार मर्माहत है. पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है. सेना के जवान के साथ बोकारो के बड़े अस्पताल में ऐसा बर्ताव सवाल उठाने के लिए लाजिमी है कि कोरोना के बहाने आम लोगों का और आम बीमारी से जूझ रहे लोगों का क्या होगा. बीएसएफ जवान उदय शंकर शर्मा की मौत का जिम्मेदार कौन है. किसकी अनदेखी है या फिर सिस्टम की जद में आकर उदय की मौत हो गई. सवाल अब भी वहीं है कि इन सवालों का जवाब कौन देगा.

बोकारोः जिला के बोकारो जनरल अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाला वाकया सामने आया है. जहां डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की अनदेखी और सुस्त रवैये की वजह से बीएसएफ के एक जवान की मौत हो गई. बोकारो के सेक्टर 9 का रहने वाला बीएसएफ जवान 8वीं बटालियन में पश्चिम बंगाल में सीटी (जीडी) के पोस्ट पर तैनात था. तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 22 जुलाई को बोकारो में भर्ती कराया गया.

भर्ती के 24 घंटे बाद कोरोना का सैंपल लिया गया. जब तक किसी भी तरह की जांच से डॉक्टर ने मना कर दिया. परिजनों ने बाहर से खरीदकर शुगर और बीपी किट से उदय शंकर का शुगर और बीपी जांच की गई. जांच में पता चला कि वो हाई बीपी और हाई शुगर से जूझ रहा है. इलाज के लिए परिजनों ने मेडिकल स्टाफ से काफी मिन्नतें कीं. लेकिन कोरोना का हवाला देकर उदय शंकर को दवा और इलाज के महरूम रखा गया और उदय शंकर ने तड़प-तड़पकर अपनी पत्नी और बच्ची के सामने दम तोड़ दिया. पत्नी और पुत्री का सीधा आरोप अस्पताल के डॉक्टर और नर्स पर है कि, उनकी अनदेखी से उदय शंकर की मौत हो गई. जबकि डॉक्टर ने बार-बार कोरोना की रिपोर्ट आने का हवाला दिया गया.

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Last Updated : Jul 26, 2020, 10:22 PM IST
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