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Bokaro News: यहां डर के साये में पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे, विद्यालय की हालत देखकर कांप जाएगी रूह

बोकारो का एक ऐसा सरकारी विद्यालय जहां बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने के मजबूर हैं. बरसात में यहां के क्लास रूम पानी-पानी हो जाते हैं. दीवार का प्लास्टर कब स्टूडेंट्स पर गिर जाएं यह कहा नहीं जा सकता.

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Published : Aug 16, 2023, 1:58 PM IST

Updated : Aug 19, 2023, 3:06 PM IST

Bokaro Sector 2C Middle School
बोकारो के सेक्टर 2 सी मध्य विद्यालय की स्थिति
देखें पूरी खबर

बोकारो: राज्य सरकार जहां एक तरफ स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाकर गरीब छात्रों को सीबीएसई पाठ्यक्रम में शिक्षा देने का दावा कर रही है. वहीं दूसरी तरफ बोकारो के सेक्टर 2 सी मध्य विद्यालय की स्थिति ऐसी है कि जहां बच्चे बरसात में भीग कर पढ़ाई करने को विवश हैं. बोकारो उपायुक्त कार्यालय से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छत से टपकते पानी के बीच पढ़ाई करने को विवश हैं.

ये भी पढ़ें: प्राइवेट स्कूलों की महंगी फीस नहीं भर पा रहे लोग! अब सरकारी स्कूलों का कर रहे रुख

विद्यालय की छत से टपक रहा पानी: इस विद्यालय को देखने वाला कोई नहीं है. पूर्व में इस विद्यालय की सभी खिड़कियां और दरवाजे को लोहा चोरों चुरा लिया. इसपर न विभाग ने कोई कार्रवाई की और न ही पुलिस ने. लगातार बोकारो में हो रही बारिश के कारण जर्जर विद्यालय की छत से पानी टपक रहा है. जिसके कारण बच्चे भीग कर पढ़ाई करने को विवश हैं. विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं ने सरकार से इसके जीर्णोद्धार और बेहतर करने की अपील की है.

सफाई नहीं, पढ़ाई करने आते हैं स्कूल: छात्रों का कहना है कि हम पढ़ाई करने आते हैं, लेकिन क्लास रूम में पानी इस कदर भर जाता है कि हमें पहले झाड़ू मारकर पानी निकालना पड़ता है, फिर बैठकर पानी में भीग कर पढ़ना पड़ता है. छात्रों का कहना है कि हम स्कूल की सफाई करने नहीं बल्कि पढ़ाई करने आते हैं.

दोषी कौन बीएसएल या राज्य सरकार: विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका शंपी कुमारी ने बताया कि कई बार विद्यालय की हालात को लेकर पत्राचार किया गया लेकिन इस पर कोई ठोस निर्णय अभी तक नहीं हो पाया है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 से अब तक एक दर्जन बार मरम्मति के लिए पत्राचार किया गया है. अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है. गौरतलब है कि जिस भवन में विद्यालय चल रहा है वह बोकारो स्टील का है. जिस कारण राज्य सरकार इसकी मरम्मति नहीं करवाती है.

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बोकारो: राज्य सरकार जहां एक तरफ स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाकर गरीब छात्रों को सीबीएसई पाठ्यक्रम में शिक्षा देने का दावा कर रही है. वहीं दूसरी तरफ बोकारो के सेक्टर 2 सी मध्य विद्यालय की स्थिति ऐसी है कि जहां बच्चे बरसात में भीग कर पढ़ाई करने को विवश हैं. बोकारो उपायुक्त कार्यालय से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छत से टपकते पानी के बीच पढ़ाई करने को विवश हैं.

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विद्यालय की छत से टपक रहा पानी: इस विद्यालय को देखने वाला कोई नहीं है. पूर्व में इस विद्यालय की सभी खिड़कियां और दरवाजे को लोहा चोरों चुरा लिया. इसपर न विभाग ने कोई कार्रवाई की और न ही पुलिस ने. लगातार बोकारो में हो रही बारिश के कारण जर्जर विद्यालय की छत से पानी टपक रहा है. जिसके कारण बच्चे भीग कर पढ़ाई करने को विवश हैं. विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं ने सरकार से इसके जीर्णोद्धार और बेहतर करने की अपील की है.

सफाई नहीं, पढ़ाई करने आते हैं स्कूल: छात्रों का कहना है कि हम पढ़ाई करने आते हैं, लेकिन क्लास रूम में पानी इस कदर भर जाता है कि हमें पहले झाड़ू मारकर पानी निकालना पड़ता है, फिर बैठकर पानी में भीग कर पढ़ना पड़ता है. छात्रों का कहना है कि हम स्कूल की सफाई करने नहीं बल्कि पढ़ाई करने आते हैं.

दोषी कौन बीएसएल या राज्य सरकार: विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका शंपी कुमारी ने बताया कि कई बार विद्यालय की हालात को लेकर पत्राचार किया गया लेकिन इस पर कोई ठोस निर्णय अभी तक नहीं हो पाया है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 से अब तक एक दर्जन बार मरम्मति के लिए पत्राचार किया गया है. अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है. गौरतलब है कि जिस भवन में विद्यालय चल रहा है वह बोकारो स्टील का है. जिस कारण राज्य सरकार इसकी मरम्मति नहीं करवाती है.

Last Updated : Aug 19, 2023, 3:06 PM IST
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