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Bokaro News: मणिपुर में फंसे बोकारो के अंकित कुमार समेत कई छात्र, परिजनों ने सरकार से की मदद की मांग

मणिपुर में पढ़ाई करने गये स्टूडेंट्स के परिजन परेशान हैं. मणिपुर में फंसे बोकारो के अंकित कुमार के परिजनों ने सरकार से मदद की मांग की है. बोकारो के तीन छात्र मणिपुर से पटना पहुंचकर रांची के लिए रवाना हो चुके हैं लेकिन तीन छात्र अब भी मणिपुर में ही फंसे हैं.

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Published : May 9, 2023, 6:02 PM IST

जानकारी देते अंकित के परिजन

बोकारोः मणिपुर में हुई जातीय हिंसा के बाद इम्फाल में पढ़ने वाले झारखंड छात्रों के परिजन परेशान हैं. इस बाबत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने प्रदेश के छात्रों का लिस्ट जारी कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से छात्रों को वापस लाने की मांग की है.

इसे भी पढे़ं- झारखंड के 21 छात्र मणिपुर से पहुंचे पटना, बस से रांची के लिए रवाना, सरकार को दिया धन्यवाद

इस बीच राहत की खबर ये है कि बोकारो के तीन स्टूडेंट्स मणिपुर से पटना होते हुए रांची के लिए मंगलवार दोपहर को रवाना हो चुके हैं. इनमें से बोकारो सेक्टर 3 निवासी विशाल कुमार और उनके भाई राहुल कुमार. इसके साथ ही बेरमो की छात्रा सौम्या सलोनी शामिल है.

लेकिन बोकारो के तीन छात्र अब भी मणिपुर में ही फंसे हैं. जिनमें सिटी थाना क्षेत्र के सेक्टर 2 सी का रहने वाला अंकित कुमार नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी इम्फाल में बीपीएड तृतीय वर्ष का छात्र है. अंकित कुमार के साथ उसके दो मित्र सिद्धार्थ डे और समीर सिंह भी साथ ही पढ़ाई कर रहे हैं. उनकी परीक्षा मई में होने वाली है पर हिंसा के कारण परीक्षा को टाल दिया गया है. अंकित कुमार ने अपने माता-पिता से फोन पर बात कर पूरे मामले की जानकारी दी है. अंकित ने बताया कि पूरे कैंपस में आर्मी के जवान मौजूद हैं और 8 दिनों का राशन भी उन्हें उपलब्ध करा दिया गया है ताकि किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो.

मणिपुर में हिंसा के बाद जब छात्रों के परिजनों को इसका पता चला, तब से अंकित कुमार के पिता संतोष कुमार और माता वैशाली कुमारी काफी परेशान और पुत्र को लेकर चिंता में हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द उनकी पढ़ाई को ध्यान रखकर उन्हें वापस लाने की दिशा में उचित कदम उठाएं. अंकित कुमार ने माता पिता को जानकारी दी थी कि उसके हॉस्टल कैंपस के बाहर अचानक गोलियों की आवाज सुनाई दी. इसके बाद वो लोग हॉस्टल की लाइट बंद कर छुप गए थे और जान बचाई थी.

राज्य की शैक्षणिक राजधानी बोकारो में उच्च शिक्षा की बेहतर व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रतिवर्ष हजारों छात्र मेडिकल और इंजीनियर सहित अन्य डिग्रियों के लिए देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों में पढ़ाई के लिए जाते हैं. पिछले साल यूक्रेन में युद्ध की स्थिति में बोकारो के कई छात्र वहां फंसे थे, जिन्हें बाद में अपने देश बुला लिया गया था.

जानकारी देते अंकित के परिजन

बोकारोः मणिपुर में हुई जातीय हिंसा के बाद इम्फाल में पढ़ने वाले झारखंड छात्रों के परिजन परेशान हैं. इस बाबत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने प्रदेश के छात्रों का लिस्ट जारी कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से छात्रों को वापस लाने की मांग की है.

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इस बीच राहत की खबर ये है कि बोकारो के तीन स्टूडेंट्स मणिपुर से पटना होते हुए रांची के लिए मंगलवार दोपहर को रवाना हो चुके हैं. इनमें से बोकारो सेक्टर 3 निवासी विशाल कुमार और उनके भाई राहुल कुमार. इसके साथ ही बेरमो की छात्रा सौम्या सलोनी शामिल है.

लेकिन बोकारो के तीन छात्र अब भी मणिपुर में ही फंसे हैं. जिनमें सिटी थाना क्षेत्र के सेक्टर 2 सी का रहने वाला अंकित कुमार नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी इम्फाल में बीपीएड तृतीय वर्ष का छात्र है. अंकित कुमार के साथ उसके दो मित्र सिद्धार्थ डे और समीर सिंह भी साथ ही पढ़ाई कर रहे हैं. उनकी परीक्षा मई में होने वाली है पर हिंसा के कारण परीक्षा को टाल दिया गया है. अंकित कुमार ने अपने माता-पिता से फोन पर बात कर पूरे मामले की जानकारी दी है. अंकित ने बताया कि पूरे कैंपस में आर्मी के जवान मौजूद हैं और 8 दिनों का राशन भी उन्हें उपलब्ध करा दिया गया है ताकि किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो.

मणिपुर में हिंसा के बाद जब छात्रों के परिजनों को इसका पता चला, तब से अंकित कुमार के पिता संतोष कुमार और माता वैशाली कुमारी काफी परेशान और पुत्र को लेकर चिंता में हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द उनकी पढ़ाई को ध्यान रखकर उन्हें वापस लाने की दिशा में उचित कदम उठाएं. अंकित कुमार ने माता पिता को जानकारी दी थी कि उसके हॉस्टल कैंपस के बाहर अचानक गोलियों की आवाज सुनाई दी. इसके बाद वो लोग हॉस्टल की लाइट बंद कर छुप गए थे और जान बचाई थी.

राज्य की शैक्षणिक राजधानी बोकारो में उच्च शिक्षा की बेहतर व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रतिवर्ष हजारों छात्र मेडिकल और इंजीनियर सहित अन्य डिग्रियों के लिए देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों में पढ़ाई के लिए जाते हैं. पिछले साल यूक्रेन में युद्ध की स्थिति में बोकारो के कई छात्र वहां फंसे थे, जिन्हें बाद में अपने देश बुला लिया गया था.

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