बोकारोः रघुवर दास मंत्रिमंडल में भू राजस्व मंत्री रहे अमर कुमार बाउरी सहित पांच मंत्रियों पर राज्य सरकार ने एसीबी जांच का आदेश दिया है. इसको लेकर अमर कुमार बाउरी ने कहा कि राज्य सरकार एसीबी को कार्रवाई का आदेश देकर चेक एंड बैलेंस करना चाहती (BJP MLA Amar Bauri targeted Hemant Government) है. जिससे मुख्यमंत्री पर जो कार्रवाई हो रही है, बीजेपी के नेताओं पर भी जांच करा कर उन्हें बदनाम कराया जा सके.
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बोकारो परिसदन में पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी (BJP MLA Amar Bauri in Bokaro) ने मीडिया से बात की. बीजेपी विधायक अमर बाउरी ने कहा कि जिस पीआईएल करने वाले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाकर उसको गलत ठहरा कर उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने का काम किया. ऐसे में उसी पीआईएल करने वाले की याचिका पर हम लोगों के खिलाफ जांच का आदेश दिया जाता है, यह कहीं से उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के बाद अभी तक मुख्यमंत्री उनके विधायक और कई मंत्रियों की संपत्ति में वृद्धि हुई है. मुख्यमंत्री में दम है तो वो खुद एसीबी से अपनी और अपने विधायकों और मंत्रियों की संपत्ति की जांच करा लें, हम किसी भी कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हम जांच संस्थाओं का सम्मान करते हैं, जब हमें बुलाया जाएगा हम अपनी बातों को उनके सामने रखेंगे.
क्या है मामलाः 14 नवंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, रणधीर कुमार सिंह, डॉ नीरा यादव, लुईस मरांडी और नीलकंठ सिंह मुंडा के विरुद्ध प्रत्यानुपातिक धनार्जन की अग्रतर जांच हेतु पी.ई. दर्ज करने के लिए मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग को निर्देश दिया. मालूम हो कि W.P. (PIL) 316/ 2020 पंकज कुमार यादव बनाम झारखंड राज्य एवं अन्य के संबंध में मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग द्वारा पूर्व सरकार के मंत्रियों के विरुद्ध आई.आर. दर्ज कर गोपनीय सत्यापन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का अनुरोध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, रांची से किया गया. जिसमें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रांची द्वारा पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, पूर्व मंत्री रणधीर कुमार सिंह, पूर्व मंत्री डॉ. नीरा यादव, पूर्व मंत्री लुईस मरांडी एवं पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा पर परिवादी द्वारा लगाए गए प्रत्यानुपातिक धनार्जन के आरोप के लिए अब तक के गोपनीय सत्यापन से पुष्टि होने का उल्लेख करते हुए उनके विरुद्ध अलग-अलग पी.ई. दर्ज करने हेतु अनुमति की मांग की गई है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रांची के सत्यापन प्रतिवेदन के उपरांत मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (समन्वय) द्वारा मुख्यमंत्री से पूर्व मंत्रियों के विरुद्ध प्रत्यानुपातिक धनार्जन कि अग्रतर जांच हेतु पी.ई. दर्ज करने के बिंदु पर अनुरोध किया गया था.