बोकारो: भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष और चंद्रपुरा जिला परिषद सदस्य नीतू सिंह बीएंडके और कथारा क्षेत्र में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी हैं. उन्होंने स्पॉट ई ऑक्सन के माध्यम से कोयला का आवंटन नहीं करने पर प्रबंधन का विरोध किया है. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह और सीसीएल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
प्रबंधन की तानाशाही नहीं चलेगी
भाजपा नेता नीतू सिंह ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन कोयला व्यवसायियों, लदनी मजदूरों और ट्रक ऑनरो के खिलाफ मनामाना रवैया अपना रही है. जिससे समस्याएं दिन ब दिन बद से बदतर होती जा रही है. प्रबंधन की ओर से लागातार तानाशाही फरमान जारी किये जा रहे हैं. जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं. उन्होने कहा कि अब प्रबंधन की मनमानी हरगिज नहीं मानी जाएगी. हम लोग तो भूख से मर ही रहे हैं, यहां पर सीसीएल कार्यालय के सामने अपनी जान दे देंगे.
आत्मदाह की दी चेतावनी
कोयला व्यवसायी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि बेरमो दुग्धा और बोकारो गुड साइड में कोयला जा रहा है. अच्छे कोयला को अलग डंप कर, सस्ता से सस्ता कोयला को रिजेक्ट में मिलाकर रैक से भेजा दिया जाता है. अच्छे कोयले को मार्केट में बेच दिया जाता है. पावर सेक्टर के जितने भी लिफ्टर हैं, उनके मैनेजमेंट की मिलीभगत से यह होता है. वहीं हम लोग तो भूख से मर रहे हैं, तो घर में भूख से मरने से अच्छा है कि यहां पर सीसीएल कार्यालय के सामने अपनी जान दे दें.
क्या है पूरा मामला
वहीं सीसीएल के ढोरी जीएम ने कहा कि ई ऑक्शन के माध्यम से पिछले महीना और इस महीना भी कोयला दिया गया है. अगर माइंस में उत्पादन कम हो रहा है, जब तक माइंस खुलेगा नहीं, कोयला निकलेगा नहीं तो ई ऑक्शन कैसे हो सकता है. मगर सवाल यह भी है कि पावर सेक्टर को ज्यादा से ज्यादा कोयला चाहिए. क्योंकि सरकार को घर घर बिजली 24 घंटे पहुंचानी है. बोरी एरिया से 35लाख टन कोयला चाहिए मगर आधा साल बीत चुका है और लगभग 2लाख टन कोयला उपलब्ध हो पाया. ऐसे में पहली प्राथमिकता पावर सेक्टर को दी जाएगी. अगर कुछ लोग कहते हैं तो कि पत्थर और कोयला मिलाकर रैक के माध्यम से पावर प्लांट पहुंचा दिया जाता है तो वह जमाना चला गया.