बोकारोः एक तरफ झारखंड सरकार स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोलकर विद्यालयों को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है. सरकार का यह प्रयास है कि राज्य में बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था हो. लेकिन निचली कड़ी सरकार की साख पर बट्टा लगा रहे हैं, चाहे वो विद्यालय के प्राचार्य हों या शिक्षक. ऐसा मामला बोकारो के जरीडीह प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय जरीडीह में देखने को मिला है.
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स्कूल के भीतर गंदगी का अंबारः वैसे तो स्कूल में अमुमन साफ-सफाई रहती है. लेकिन जरीडीह के उत्क्रमित उच्च विद्यालय में फैली गंदगी स्कूल की व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है. क्लास के एक कमरे में पानी फैला हुआ है, वहीं दूसरे कमरे में एक तख्ती के ऊपर किताबों का ढेर पड़ा है, जो पूरी तरह से धूल से अटा हुआ है. क्लास रूम में लगे पंखे के डैने टेढ़ें हैं, स्वीच बोर्ड भी टूटा हुआ है. ऐसे में इस भीषण गर्मी में बच्चे पसीने से तरबतर हो रहे हैं.
विद्यालय में शौचालय तो है लेकिन देखकर ऐसा लगता है कि ये किसी इस्तेमाल के लायक है. क्योंकि यहां पानी नहीं है, नल तो लगे हैं लेकिन वो टूटे पड़े हैं. शौचालय में लगे सैनेटरी आइटम भी टूट-फूट चुके हैं. ऐसे में यहां बच्चों को शौचालय के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ना पानी, ना शौचालय और ना ही सफाई की मुकम्मल व्यवस्था, आखिर स्कूल की ऐसी दुर्दशा क्यों और कैसे हो गयी.
इसको लेकर सहायक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ज्योति खलखो ने स्कूल का निरीक्षण किया. विद्यालय का हाल और यहां मौजूद खामियों को देखकर वो बिफर गयीं. उन्होंने मौके पर ही स्कूल के प्रिंसिपल रचना भगत को जमकर फटकार लगाई. इसके साथ ही जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने स्कूल की व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच प्रतिवेदन अपने पदाधिकारी को सौंपेगी, उसके बाद कार्रवाई होगी.
पंचायत के मुखिया विद्यालय की अव्यवस्था के संबंध में बताया कि प्रिंसिपल को बार बार बोलने के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. स्कूल में पढ़ाई का स्तर गिर रहा है. स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मान सिंह ने कहा कि विद्यालय की स्थिति बहुत ही दयनीय है. यहां पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की दुर्दशा हो रही है. पढ़ाई से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी चौपट हो गई हैं.