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बोकारोः जराडीह गांव लाया गया अमृत महतो का शव, उत्तराखंड आपदा में गई थी जान - glacier blast in chamoli

उत्तराखंड के चमोली में हुई त्रासदी में बोकारो के जराडीह गांव के अमृत महतो का शव एंबुलेंस से उसके पैतृक गांव जराडीह पहुंचा. पूरे गांव में मातम पसरा है. गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद, बीडीओ शैलेंद्र चौरसिया, सीओ प्रणव अंबष्ठ, बीजेपी नेता गुणानंद महतो ने गांव पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की.

Amrit Mahato body reached Bokaro
बोकारो के जराडीह गांव पहुंचा अमृत महतो का शव
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Published : Feb 25, 2021, 1:20 PM IST

बोकारो: अमृत महतो के परिजन और गांव के सभी लोग पिछले 17 दिनों से शव के आने का इंतजार कर रहे थे. गुरुवार को अमृत का शव पैतृक गांव पहुंचते ही गांव में मातम पसर गया. परिवार को ढांढस बंधाने के लिए गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद, बीडीओ शैलेंद्र चौरसिया, सीओ प्रणव अंबष्ठ, बीजेपी नेता गुणानंद महतो पहुंचे और शोक संवेदना व्यक्त की. पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने सरकार की तरफ से मिलने वाली मुआवजा राशि दिलाने का भी आश्वासन दिया है.

देखें पूरी खबर

हादसे ने छीने अपने लोग

7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिला अंतर्गत तपोवन टनल से झारखंड के तीन श्रमिकों के शव बरामद हुया थे. हादसे की खबर मिलने के बाद से ही झारखंड सरकार और जिला प्रशासन मजदूरों के शव को सम्मान से लाने के लिए लगातार मॉनिटरिंग करती रही है.

परिजनों को मिलेगा मुआवजा

पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने जानकारी दी है कि झारखंड सरकार की ओर से 1 लाख 50 हजार रुपये और श्रम विभाग से 1 लाख रुपये देने का घोषणा की गई है. इसके अलावा एनटीपीसी की तरफ से 20 लाख और पेंशन दिया जाएगा. स्थानीय स्तर पर भी मृतक के आश्रितों को हरसंभव मदद की जाएगी.

ये भी पढ़ें- BCCL की भूमिगत खदान धंसी, मलबे में दबकर दो मजदूरों की मौत

रोजगार के लिए जद्दोजहद कब तक!

पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने पलायन के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि झारखंड में पलायन एक गंभीर समस्या है, जो लंबे समय से चली आ रही है. सरकार इस ओर काम कर रही है. क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार की व्यवस्था सरकार कर रही है. झारखंड की अर्थव्यवस्था, नोटबंदी और कोरोना काल में सरकार के सामने कई चुनौतियां आई हैं. सरकार पलायन को लेकर भी चिंतित है. इस पर भी काम किया जाएगा.

बोकारो: अमृत महतो के परिजन और गांव के सभी लोग पिछले 17 दिनों से शव के आने का इंतजार कर रहे थे. गुरुवार को अमृत का शव पैतृक गांव पहुंचते ही गांव में मातम पसर गया. परिवार को ढांढस बंधाने के लिए गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद, बीडीओ शैलेंद्र चौरसिया, सीओ प्रणव अंबष्ठ, बीजेपी नेता गुणानंद महतो पहुंचे और शोक संवेदना व्यक्त की. पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने सरकार की तरफ से मिलने वाली मुआवजा राशि दिलाने का भी आश्वासन दिया है.

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हादसे ने छीने अपने लोग

7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिला अंतर्गत तपोवन टनल से झारखंड के तीन श्रमिकों के शव बरामद हुया थे. हादसे की खबर मिलने के बाद से ही झारखंड सरकार और जिला प्रशासन मजदूरों के शव को सम्मान से लाने के लिए लगातार मॉनिटरिंग करती रही है.

परिजनों को मिलेगा मुआवजा

पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने जानकारी दी है कि झारखंड सरकार की ओर से 1 लाख 50 हजार रुपये और श्रम विभाग से 1 लाख रुपये देने का घोषणा की गई है. इसके अलावा एनटीपीसी की तरफ से 20 लाख और पेंशन दिया जाएगा. स्थानीय स्तर पर भी मृतक के आश्रितों को हरसंभव मदद की जाएगी.

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रोजगार के लिए जद्दोजहद कब तक!

पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने पलायन के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि झारखंड में पलायन एक गंभीर समस्या है, जो लंबे समय से चली आ रही है. सरकार इस ओर काम कर रही है. क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार की व्यवस्था सरकार कर रही है. झारखंड की अर्थव्यवस्था, नोटबंदी और कोरोना काल में सरकार के सामने कई चुनौतियां आई हैं. सरकार पलायन को लेकर भी चिंतित है. इस पर भी काम किया जाएगा.

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