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भारत-बांग्लादेश सीमा पर हिंसा में कमी के लिए प्रतिबद्ध : बीएसएफ प्रमुख - बीजीबी मेजर जनरल शफीनुल इस्लाम

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) महानिदेशक राकेश अस्थाना ने भारत-बांग्लादेश की सीमा पर मानवाधिकारों के अनुपालन पर जोर दिया है. उन्होंने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक भी की. दोनों पक्षों की बैठक में सीमा पर अपराधियों को मारे जाने के दौरान होने वाली हिंसा पर लगाम लगाने पर सहमति व्यक्त की. संयुक्त प्रयासों की जरूरत दोहराते हुए दोनों पक्ष सीमा पर अतिरिक्त एहतियाती उपाय अपनाने पर भी राजी हुए हैं.

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राकेश अस्थाना
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Published : Sep 20, 2020, 6:49 AM IST

Updated : Sep 20, 2020, 12:56 PM IST

ढाका/नई दिल्ली : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने शनिवार को कहा कि भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपराधियों को मारने की घटनाओं को निकट भविष्य में कम किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि बीएसएफ की ओर से गोली तभी चलती है जब सीमापार से आए अवांछित तत्वों से जवानों को जान का खतरा होता है.

अस्थाना ने ढाका में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारियों के साथ चार दिवसीय द्विवार्षिक वार्ता के अंतिम दिन यह बात कही. बैठक में बीजीबी के दल की अध्यक्षता मेजर जनरल शफीनुल इस्लाम कर रहे थे.

दिल्ली में जारी एक वक्तव्य में बीएसएफ के प्रवक्ता ने कहा बीएसएफ प्रमुख ने कहा कि सीमा पर अपराधियों को पकड़ते या मारते समय उनकी नागरिकता नहीं देखी जाती. साथ ही उन्होंने कहा कि बीएसएफ कर्मी गैर-घातक हथियारों से आत्मरक्षा में तभी गोली चलाते हैं जब उन्हें डाह (चाकू) जैसे हथियार लिए बदमाशों द्वारा घेर लिया जाता है और जवानों की जान को खतरा होता है.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर : घुसपैठ रोकने के लिए तैनात किए गए तीन हजार अतिरिक्त जवान

सीमा पर हिंसा रोकने के प्रयास किए जाने की जरूरत
वक्तव्य में कहा गया डीजी बीएसएफ ने आश्वासन दिया कि सीमा पर मौत की घटनाओं को निकट भविष्य में बहुत हद तक कम किया जाएगा. अस्थाना ने कहा कि मानवाधिकारों की रक्षा और सीमा पर हिंसा को रोकने के लिए संयुक्त रूप से प्रयास किए जाने की जरूरत है.

भारत में होगी अगली वार्ता
उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष सीमा पर अतिरिक्त सावधानी बरतने, जन जागरूकता के कार्यक्रम चलाने, सामाजिक-आर्थिक विकास के कार्यक्रम चलाने और सूचनाएं साझा करने पर सहमत हुए. दोनों पक्षों के बीच महानिदेशक स्तर की यह 50वीं बैठक थी. अगली बार वार्ता भारत में होगी.

2018 में सीमा पर 15 लोग मारे गए
बीजीबी के अनुसार, इस साल अगस्त तक सीमा पर 33 बांग्लादेशी मारे गए थे. मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सालिश केंद्र (एएसके) ने कहा कि 2018 में सीमा पर 15 लोग मारे गए थे और पिछले साल यह संख्या 43 हो गई. संगठन ने कहा कि इस साल के पहले सात महीनों में 29 लोग मारे गए थे.

पढ़ें: एनआईए ने किया अलकायदा मॉड्यूल का भंडाफोड़, 9 आतंकी गिरफ्तार

मानव जीवन की हानि को रोकने का भरसक प्रयास
बीजीबी के महानिदेशक इस्लाम ने कहा कि उनके भारतीय समकक्ष ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह मानव जीवन की हानि को रोकने का भरसक प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत के साथ बांग्लादेश की 4,427 किलोमीटर लंबी सीमा है जिसमें कई नदियां, दलदल, पहाड़ियां और मैदान हैं.

बीजीबी ने सीमा के प्रत्येक पांच किलोमीटर के दायरे में चौकियां बना रखी हैं. दोनों पक्ष मानव तस्करी के पीड़ितों को सहायता देने प्रति सहमत हुए.

ढाका/नई दिल्ली : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने शनिवार को कहा कि भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपराधियों को मारने की घटनाओं को निकट भविष्य में कम किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि बीएसएफ की ओर से गोली तभी चलती है जब सीमापार से आए अवांछित तत्वों से जवानों को जान का खतरा होता है.

अस्थाना ने ढाका में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अधिकारियों के साथ चार दिवसीय द्विवार्षिक वार्ता के अंतिम दिन यह बात कही. बैठक में बीजीबी के दल की अध्यक्षता मेजर जनरल शफीनुल इस्लाम कर रहे थे.

दिल्ली में जारी एक वक्तव्य में बीएसएफ के प्रवक्ता ने कहा बीएसएफ प्रमुख ने कहा कि सीमा पर अपराधियों को पकड़ते या मारते समय उनकी नागरिकता नहीं देखी जाती. साथ ही उन्होंने कहा कि बीएसएफ कर्मी गैर-घातक हथियारों से आत्मरक्षा में तभी गोली चलाते हैं जब उन्हें डाह (चाकू) जैसे हथियार लिए बदमाशों द्वारा घेर लिया जाता है और जवानों की जान को खतरा होता है.

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सीमा पर हिंसा रोकने के प्रयास किए जाने की जरूरत
वक्तव्य में कहा गया डीजी बीएसएफ ने आश्वासन दिया कि सीमा पर मौत की घटनाओं को निकट भविष्य में बहुत हद तक कम किया जाएगा. अस्थाना ने कहा कि मानवाधिकारों की रक्षा और सीमा पर हिंसा को रोकने के लिए संयुक्त रूप से प्रयास किए जाने की जरूरत है.

भारत में होगी अगली वार्ता
उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष सीमा पर अतिरिक्त सावधानी बरतने, जन जागरूकता के कार्यक्रम चलाने, सामाजिक-आर्थिक विकास के कार्यक्रम चलाने और सूचनाएं साझा करने पर सहमत हुए. दोनों पक्षों के बीच महानिदेशक स्तर की यह 50वीं बैठक थी. अगली बार वार्ता भारत में होगी.

2018 में सीमा पर 15 लोग मारे गए
बीजीबी के अनुसार, इस साल अगस्त तक सीमा पर 33 बांग्लादेशी मारे गए थे. मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सालिश केंद्र (एएसके) ने कहा कि 2018 में सीमा पर 15 लोग मारे गए थे और पिछले साल यह संख्या 43 हो गई. संगठन ने कहा कि इस साल के पहले सात महीनों में 29 लोग मारे गए थे.

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मानव जीवन की हानि को रोकने का भरसक प्रयास
बीजीबी के महानिदेशक इस्लाम ने कहा कि उनके भारतीय समकक्ष ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह मानव जीवन की हानि को रोकने का भरसक प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत के साथ बांग्लादेश की 4,427 किलोमीटर लंबी सीमा है जिसमें कई नदियां, दलदल, पहाड़ियां और मैदान हैं.

बीजीबी ने सीमा के प्रत्येक पांच किलोमीटर के दायरे में चौकियां बना रखी हैं. दोनों पक्ष मानव तस्करी के पीड़ितों को सहायता देने प्रति सहमत हुए.

Last Updated : Sep 20, 2020, 12:56 PM IST
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