न्यूयॉर्क/नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि वाशिंगटन लद्दाख क्षेत्र में 'बेहद खराब हालात' से उबरने के उपायों पर भारत और चीन से बात कर रहा है, हालांकि यह पूछे जाने पर कि क्या बीजिंग का भारत के प्रति धौंस जमाने वाला रुख रहा है, तो इस बात का उन्होंने गोलमोल जवाब दिया.
उन्होंने शुक्रवार को वाशिंगटन में एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम चीन और भारत के सम्मान के लिए मदद के लिए तैयार हैं. अगर हम कुछ भी कर सकते हैं तो हमें इसमें शामिल होना होगा और मदद करनी होगी और हम दोनों देशों से इस बारे में बात कर रहे हैं.
उन्होंने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों पक्षों के बीच टकराव के बारे में कहा कि यह बहुत ही बुरी स्थिति है, बहुत खराब स्थिति है. जहां भारत के अनुसार, चीन ने अपने सैनिकों की मौजूदगी और गतिविधियां बढ़ाई हैं.
एक रिपोर्टर द्वारा पूछे जाने पर कि क्या चीन भारत पर धौंस जमा रहा है तो उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि ऐसा नहीं है. लोग जितना समझ रहे हैं, उससे कहीं ज्यादा वे निश्चित रूप से इस मामले में अधिक मजबूती से जा रहे हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को चीन पर अपने पड़ोसियों को धमकाने, धौंस जमाने का आरोप लगाया था.
पोम्पियो ने कहा था कि ताइवान जलडमरूमध्य से लेकर हिमालय और उससे आगे तक, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी स्पष्ट रूप से अपने पड़ोसियों को धमकाने में लगी हुई है.
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ट्रंप इससे पहले, मई में मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं, जिसे भारत-चीन दोनों ने ठुकरा दिया था.
हालांकि, ट्रंप कई मुद्दों पर चीन के आलोचक रहे हैं और यहां तक कहा है कि यह अमेरिका के लिए एक वैश्विक खतरा है, लेकिन उन्होंने भारत-चीन संघर्ष पर एक निश्चित रुख अपनाने में संकोच किया है.
दोनों (भारत-चीन) परमाणु संपन्न देशों के बीच जून से लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध जारी है.