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झारखंड के किसान और मजदूर BJP को काराएंगे पलायन, भाजपा को एंटी इनकंबेंसी का भय: विजय हांसदा

पाकुड़ में प्रचार के दौरान जेएमएम प्रत्याशी विजय हांसदा ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिस तरह बीजेपी किसान और बेरोजगार को पलायन पर मजबूर की है, ठीक उसी तरह जनता भी बीजेपी को झारखंड से पलायन करने पर मजबूर करेगी.

विजय हांसदा का बयान
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Published : May 2, 2019, 12:59 PM IST

पाकुड़: लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. पाकुड़ में प्रचार के दौरान जेएमएम प्रत्याशी विजय हांसदा ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिस तरह बीजेपी किसान और बेरोजगार को पलायन पर मजबूर की है, ठीक उसी तरह जनता भी बीजेपी को झारखंड से पलायन करने पर मजबूर करेगी.

विजय हांसदा का बयान


चुनावी जनसंपर्क अभियान के दौरान हांसदा ने कहा कि चुनाव लड़ना सभी का मौलिक अधिकार है, लेकिन जिस तरह राजमहल संसदीय सीट पर कुछ लोग बतौर प्रत्याशी खड़े हुए हैं. उनका मकसद वोट काटना है न कि जीत हासिल करना. उन्होंने कहा कि वैसे भी इन वोटकटवा एवं सूटकेस पार्टी के लोगों की मानसिकता को क्षेत्र की जनता भली-भांति समझ रही है. हांसदा ने कहा कि जो मजदूर रोजगार के अभाव में रोजी-रोटी के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर चुके हैं. वह चुनाव के पहले मतदान करने आएंगे क्योंकि उन्हें भी अपनी उपेक्षा का मलाल है.


विजय हांसदा ने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग महागठबंधन में शामिल विपक्षी दलों पर विकास विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि 5 साल से भाजपा की सरकार ही राज्य एवं देश में चल रही है. उन्होंने कहा कि एंटी इनकंबेंसी का भय महागठबंधन को नहीं बल्कि भाजपा वालों को है. क्योंकि उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक को नए-नए कानून बनाकर एवं कानूनों में संशोधन कर जमीन से बेदखल करने आपस में लड़ाने और परेशान करने का काम किया है.

पाकुड़: लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. पाकुड़ में प्रचार के दौरान जेएमएम प्रत्याशी विजय हांसदा ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिस तरह बीजेपी किसान और बेरोजगार को पलायन पर मजबूर की है, ठीक उसी तरह जनता भी बीजेपी को झारखंड से पलायन करने पर मजबूर करेगी.

विजय हांसदा का बयान


चुनावी जनसंपर्क अभियान के दौरान हांसदा ने कहा कि चुनाव लड़ना सभी का मौलिक अधिकार है, लेकिन जिस तरह राजमहल संसदीय सीट पर कुछ लोग बतौर प्रत्याशी खड़े हुए हैं. उनका मकसद वोट काटना है न कि जीत हासिल करना. उन्होंने कहा कि वैसे भी इन वोटकटवा एवं सूटकेस पार्टी के लोगों की मानसिकता को क्षेत्र की जनता भली-भांति समझ रही है. हांसदा ने कहा कि जो मजदूर रोजगार के अभाव में रोजी-रोटी के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर चुके हैं. वह चुनाव के पहले मतदान करने आएंगे क्योंकि उन्हें भी अपनी उपेक्षा का मलाल है.


विजय हांसदा ने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग महागठबंधन में शामिल विपक्षी दलों पर विकास विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि 5 साल से भाजपा की सरकार ही राज्य एवं देश में चल रही है. उन्होंने कहा कि एंटी इनकंबेंसी का भय महागठबंधन को नहीं बल्कि भाजपा वालों को है. क्योंकि उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक को नए-नए कानून बनाकर एवं कानूनों में संशोधन कर जमीन से बेदखल करने आपस में लड़ाने और परेशान करने का काम किया है.

Intro:बाइट : विजय हांसदा, झामुमो केंद्रीय उपाध्यक्ष सह राजमहल प्रत्याशी
पाकुड़ : झारखंड प्रदेश एवं केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने किसानों और मजदूरों को रोजगार देने के बजाय उन्हें गांव से पलायन करने के लिए मजबूर जिस तरीके से किया है ठीक उसी तर्ज पर संथाल परगना प्रमंडल की तीनों लोकसभा सीटों पर भाजपा को भी पलायन का सामना करना पड़ेगा। क्षेत्र के लोगों ने महागठबंधन को गोड्डा, राजमहल एवं दुमका में जीत दिलाने का मन बना लिया है। उक्त बातें झारखंड मुक्ति मोर्चा केंद्रीय उपाध्यक्ष राजमहल संसदीय क्षेत्र के महागठबंधन समर्थित झामुमो प्रत्याशी विजय हांसदा ने कही।


Body:चुनावी जनसंपर्क अभियान के दौरान श्री हांसदा ने कहा कि चुनाव लड़ना सभी का मौलिक अधिकार है परंतु जिस तरह राजमहल संसदीय सीट पर कुछ लोग बतौर प्रत्याशी खड़े हुए हैं उनका मकसद वोट काटना है ना कि जीत हासिल करना। उन्होंने कहा कि वैसे भी इन वोटकटवा एवं सूटकेस पार्टी के लोगों की मानसिकता को क्षेत्र की जनता भली-भांति समझ रही है कि लोकसभा चुनाव में उनकी मंशा क्या है। श्री हांसदा ने कहा कि जो मजदूर रोजगार के अभाव में रोजी रोटी के लिए दूसरे राज्यों में पलायन किया है वह चुनाव के पहले मतदान करने आएंगे क्योंकि उन्हें भी अपनी उपेक्षा का मलाल है।


Conclusion:जनसंपर्क अभियान के दौरान श्री हांसदा ने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग हम महागठबंधन में शामिल विपक्षी दलों पर विकास विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि 5 साल से भाजपा की सरकार ही राज्य एवं देश में चल रही है। उन्होंने कहा कि एंटीकंबेंसी का भय महागठबंधन को नहीं बल्कि भाजपा वालों को है, क्योंकि उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक को नए नए कानून बनाकर एवं कानूनों में संशोधन कर जमीन से बेदखल करने आपस में लड़ाने एवं परेशान करने का काम किया है।
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