धनबाद: जिले में लोकसभा का चुनाव इस बार बड़ा ही दिलचस्प होने वाला है. एक तरफ कांग्रेस नेता ददई गुट के कार्यकर्ता कांग्रेस प्रत्याशी कीर्ति आजाद का विरोध कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ग्रामीण क्षेत्रों में बसे ग्रामीणों की नाराजगी बीजेपी प्रत्याशी सांसद पीएन सिंह को झेलना पड़ रहा है. दोनों उम्मीदवारों के लिए रास्ता इतना आसान नहीं है.
लोकसभा चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे प्रत्याशी लोगों को अपने पक्ष में करने में लगे हैं साथ ही प्रत्याशी भगवान की शरण मे भी जाना नहीं भूल रहे हैं. महावीर जयंती के मौके पर धनबाद लोकसभा से बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशी भगवान की शरण मे माथा टेकने पहुंचे. इसके बाद अपने-अपने जनसंपर्क में जुट गए. इस बार लोकसभा चुनाव में धनबाद के बीजेपी प्रत्याशी के लिए जीत की राह आसान नहीं होगी. पीएन सिंह इस बात से भली भांति वाकिफ है.
ददई दुबे को मनाने में जुटे पीएन सिंह
इसलिए पीएन सिंह कांग्रेस से नाराज चल रहे कांग्रेस नेता चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे को अपने पक्ष में करने में लगे हैं. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े झरिया बीजेपी विधायक संजीव सिंह के भाई सिद्धार्थ गौतम द्वारा किए जा रहे डैमेज को कंट्रोल करने के लिए ददई दुबे को अपने पक्ष में करने में जुटे हैं. पीएन सिंह ने कहा है कि वह बाबा का आशीर्वाद जरूर लेंगे. आशीर्वाद लेने के लिए वे बोकारो ददई दुबे के आवास पर गए, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हुई है.
सकारात्मक ऊर्जा मिल रही है: कीर्ति
वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी कीर्ति आजाद चुनाव कैंपेनिंग में जोर-शोर से लगें है. कांग्रेस प्रत्याशी कीर्ति आजाद का कहना है कि लोगों से सकारात्मक ऊर्जा मिल रही है. साथ ही कहा कि यहां के सांसद के खिलाफ लोगों में गुस्सा है. जिसका फायदा उन्हें चुनाव में मिलेगा. उन्होंने कहा कि शनिवार को नॉमिनेशन के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और जेएमएम कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी और आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगे.
धनबाद का विकास नहीं हुआ: सिद्धार्थ
चुनावी मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े झरिया बीजेपी विधायक संजीव सिंह के भाई सिद्धार्थ गौतम ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवाद के मुद्दे के सामने धनबाद का मुद्दा नहीं छुपने देंगे. धनबाद देश का ही अंग है. यहां से 10 हजार करोड़ की रॉयल्टी हर साल जाती है, लेकिन धनबाद का विकास जितना होना चाहिए वह नहीं हुआ है.