रांची: स्वराज अभियान के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने शनिवार को कहा कि सीएए के मार्फत केंद्र सरकार देश के एक समुदाय विशेष के लोगों को दोहरी नागरिकता के जाल ने फंसाना चाहती है. उन्होंने कहा कि आनेवाले समय मे लोगों के घर का दरवाजा खटखटाया जाएगा और उनसे उनके पूर्वजों का डिटेल मांगा जाएगा. इतना ही नहीं उससे जुड़े डॉक्यूमेंट भी मांगे जाएंगे. हैरानी तब होगी जब वैसे लोग घर के बुजुर्गों से उनके जन्म का प्रमाण पत्र और शादी की सर्टिफिकेट मांगेंगे.
राजधानी के कई इलाके में हज हाउस के बाहर सीएए और एनआरसी के विरोध में चल रहे महिलाओं के अनिश्चितकालीन धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि इस एक्ट के बहाने केंद्र सरकार समुदाय विशेष के लोगों को टारगेट कर रही है. उन्होंने कहा कि यह एक्ट देश की आत्मा के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि परेशानी तब और बढ़ेगी जब तहसीलदार के दफ्तर में कुछ नाम के आगे मार्क कर दिया जाएगा. यह स्थिति तब आएगी जब ऐसे लोगों के खिलाफ किस तरह का कोई शिकायत दर्ज कराया जाएगा. उसका मतलब यह होगा कि वैसे लोग संदेहास्पद हैं.
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शनिवार को रात में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आसाम में जैसे ही एनआरसी लागू हुई. वहां लोगों ने अनुभव किया कि न तो आधार कार्ड माना जा रहा था और न वोटर कार्ड. ऐसी स्थिति में लोग परेशानी झेलने लगे और उसका विरोध तेजी से शुरू हो गया. उन्होंने कहा कि दरअसल सीएए नोटबंदी के जैसा है इसमें आम लोग पिसेंगे.