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रांची: लोक आस्था का महापर्व छठ के मौके पर उत्साह का माहौल, अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य - रांची में छठ गाइडलाइन

इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण कई पाबंदियां है. इसके बावजूद महामारी पर आस्था भारी दिख रहा है. राजधानी रांची के तमाम छठ तालाबों के साथ करम टोली स्थित इस छठ घाट में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है.

Worship on the third day of Chhath Puja in Ranchi
रांची में छठ पूजा
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Published : Nov 20, 2020, 5:50 PM IST

रांची: चार दिवसीय महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. लोक आस्था का महापर्व छठ पूजन में अस्ताचलगामी-उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिए जाने की परंपरा है. भगवान भुवन भास्कर की इस पर्व में आराधना की जाती है. जलाशयों में व्रतियों की ओर से विशेष अनुष्ठान किया जाता है. हिन्दू धर्म मे इस पर्व का महत्व काफी है. हालांकि, इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण कई पाबंदियां है. इसके बावजूद महामारी पर आस्था भारी दिख रहा है. राजधानी रांची के तमाम छठ तालाबों के साथ करम टोली स्थित इस छठ घाट में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है.

देखिए पूरी खबर

कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार छठ महापर्व को देखते हुए विभिन्न राज्यों में अलग-अलग गाइडलाइन जारी है. कहीं कुछ पाबंदियां है तो कहीं कुछ छूट भी मिली है. झारखंड में पहले इस महापर्व को लेकर एक विशेष गाइडलाइन जारी किया गया था, लेकिन जन दबाव को देखते हुए राज्य सरकार ने गाइडलाइन में संशोधन किया और अब व्रती छठ घाटों में पहुंचकर भगवान भुवन भास्कर को अर्घ्य देते दिखे. हालांकि, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लोगों की भीड़ छठ घाटों में कम है, क्योंकि कोरोना के कारण लोग अपने घरों और सोसाइटी में ही कृत्रिम तालाब का निर्माण कर छठ महापर्व मना रहे हैं.

राजधानी रांची के करम टोली चौक स्थित इस तालाब में भी प्रत्येक वर्ष हजारों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचते थे, लेकिन इस बार इस तालाब में पंहुचने वालों की संख्या कम है. इसके बावजूद महामारी में आस्था भारी दिख रहा है. छठ पूजा में सरकार की ओर से कहा गया था कि लोग घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल करते हुए मास्क लगाकर पहुंचे, लेकिन इस महापर्व में परिवार परिजनों के साथ ही लोग घाटों पर पहुंचते हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना मुमकिन नहीं दिख रहा है. इसके बावजूद लोग कुछ हद तक सुरक्षात्मक कदम उठा रहे हैं, लेकिन यह साफ-साफ दिख रहा है कि इस महापर्व में आस्था कोरोना पर भारी है. राजधानी रांची के लोगों ने अस्ताचलगामी भगवान भुवन भास्कर को अर्पित कर मनोवांछित फल की कामना की.

ये भी पढ़ें: NDRF के बोट पर ईटीवी भारत की टीम ने बड़ा तालाब घाट की तैयारी का लिया जायजा

करम टोली चौक स्थित छठ घाट को बेहतरीन तरीके से सजाया गया है. प्रकाश साज-सज्जा की गई है. हर तरफ लाइट लगाया गया है. इस छठ घाट में मनोरम दृश्य नजर आ रहा है. मानो भगवान भुवन भास्कर खुद पृथ्वी पर उतर आए हो. जनकल्याण और समृद्धि के लिए की जाने वाली लोक आस्था के इस पर्व को लेकर राजधानी रांची समेत राज्य के तमाम जिलों में उत्साह और आस्था का माहौल देखा जा रहा है. राजधानी रांची के करम टोली चौक स्थित इस छठ घाट पर व्यवस्थाएं मुकम्मल ही दिखी. छठ घाट में प्रवेश करने के लिए तीन एंट्री प्वाइंट बनाया गया था. तमाम जगह पर व्यवस्था में लगे लोगों द्वारा सेनेटाइजर और मास्क भी बांटा जा रहा था. हालांकि, लोक आस्था के इस पर्व में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा सका.

रांची: चार दिवसीय महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. लोक आस्था का महापर्व छठ पूजन में अस्ताचलगामी-उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिए जाने की परंपरा है. भगवान भुवन भास्कर की इस पर्व में आराधना की जाती है. जलाशयों में व्रतियों की ओर से विशेष अनुष्ठान किया जाता है. हिन्दू धर्म मे इस पर्व का महत्व काफी है. हालांकि, इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण कई पाबंदियां है. इसके बावजूद महामारी पर आस्था भारी दिख रहा है. राजधानी रांची के तमाम छठ तालाबों के साथ करम टोली स्थित इस छठ घाट में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है.

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कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार छठ महापर्व को देखते हुए विभिन्न राज्यों में अलग-अलग गाइडलाइन जारी है. कहीं कुछ पाबंदियां है तो कहीं कुछ छूट भी मिली है. झारखंड में पहले इस महापर्व को लेकर एक विशेष गाइडलाइन जारी किया गया था, लेकिन जन दबाव को देखते हुए राज्य सरकार ने गाइडलाइन में संशोधन किया और अब व्रती छठ घाटों में पहुंचकर भगवान भुवन भास्कर को अर्घ्य देते दिखे. हालांकि, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लोगों की भीड़ छठ घाटों में कम है, क्योंकि कोरोना के कारण लोग अपने घरों और सोसाइटी में ही कृत्रिम तालाब का निर्माण कर छठ महापर्व मना रहे हैं.

राजधानी रांची के करम टोली चौक स्थित इस तालाब में भी प्रत्येक वर्ष हजारों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचते थे, लेकिन इस बार इस तालाब में पंहुचने वालों की संख्या कम है. इसके बावजूद महामारी में आस्था भारी दिख रहा है. छठ पूजा में सरकार की ओर से कहा गया था कि लोग घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल करते हुए मास्क लगाकर पहुंचे, लेकिन इस महापर्व में परिवार परिजनों के साथ ही लोग घाटों पर पहुंचते हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना मुमकिन नहीं दिख रहा है. इसके बावजूद लोग कुछ हद तक सुरक्षात्मक कदम उठा रहे हैं, लेकिन यह साफ-साफ दिख रहा है कि इस महापर्व में आस्था कोरोना पर भारी है. राजधानी रांची के लोगों ने अस्ताचलगामी भगवान भुवन भास्कर को अर्पित कर मनोवांछित फल की कामना की.

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करम टोली चौक स्थित छठ घाट को बेहतरीन तरीके से सजाया गया है. प्रकाश साज-सज्जा की गई है. हर तरफ लाइट लगाया गया है. इस छठ घाट में मनोरम दृश्य नजर आ रहा है. मानो भगवान भुवन भास्कर खुद पृथ्वी पर उतर आए हो. जनकल्याण और समृद्धि के लिए की जाने वाली लोक आस्था के इस पर्व को लेकर राजधानी रांची समेत राज्य के तमाम जिलों में उत्साह और आस्था का माहौल देखा जा रहा है. राजधानी रांची के करम टोली चौक स्थित इस छठ घाट पर व्यवस्थाएं मुकम्मल ही दिखी. छठ घाट में प्रवेश करने के लिए तीन एंट्री प्वाइंट बनाया गया था. तमाम जगह पर व्यवस्था में लगे लोगों द्वारा सेनेटाइजर और मास्क भी बांटा जा रहा था. हालांकि, लोक आस्था के इस पर्व में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा सका.

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