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मां लक्ष्मी को प्रिय है नई धान की बाली और कमल के फूल, 50 साल बाद बन रहा है शुभ संयोग - 50 साल बाद ऐसा योग

मां लक्ष्मी को कमल का फूल और नई धान की बाली अति प्रिय है. धार्मिक मान्यता ऐसी है कि कमल के फूल और नई धान की बाली मां के चरणों में अर्पित करने से मां प्रसन्न होती है और भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखती है.

धान की बाली और कमल के फूल
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Published : Oct 27, 2019, 12:37 PM IST

रांची: कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इस मौके पर मां लक्ष्मी को कमल का फूल और नई धान की बाली अति प्रिय है. धार्मिक मान्यता ऐसी है कि कमल के फूल और नई धान की बाली मां के चरणों में अर्पित करने से मां प्रसन्न होती है और भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखती है.

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नई धान की बाली मां की प्रिय
इससे दरिद्रता दूर होती है, धन, दौलत वैभव और समृद्धि प्रदान करती है. इसलिए नूतन दीपावली के दौरान धान की बाली और कमल के फूल का काफी महत्व माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना के समय होता है. माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा अर्चना में फूलों का काफी महत्व होता है. नई धान की बाली की भी इस विशेष पूजा अर्चना में खासा महत्व है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि माता लक्ष्मी को कमल के फूल अति प्रिय हैं. जबकि नई धान की बाली भी माता लक्ष्मी को भाती है. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक माह के दौरान धान की बाली तैयार हो जाती है और सबसे पहले माता लक्ष्मी को अर्पित करने की परंपरा है. ऐसे में शहर के बाजारों में भी रांची के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीण धान की बाली लेकर बाजारों में पहुंचे हैं और इसकी बिक्री कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रपति, PM और राज्यपाल ने दी दीपावली की शुभकामनाएं, मोदी बोले- HAPPY DEEPAWALI

धान की बाली और कमल फूल की मांग
धान की बाली की बिक्री 10 रुपये प्रति मुट्ठी हो रही है. वहीं कमल के फूल 10 रुपये में दो मिल रहे हैं.मान्यता ऐसी भी है कि भगवान गणेश को लाल रंग अति प्रिय है. लाल रंग मंगल का प्रतीक है. इसलिए लाल रंग का फूल उन्हें चढ़ाया जाता है, इसके मद्देनजर लाल कमल के फूलों की बिक्री रांची के बाजारों में जोरों पर है और माता लक्ष्मी पर अर्पित करने के लिए नई धान की बाली की भी खूब मांग है और इस मांग को पूरा करने में रांची के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीण जुटे हैं.

50 साल बाद ऐसा योग
जानकार कहते हैं लगभग 50 साल बाद दीपावली पर रविवार को लक्ष्मी योग बन रहा है. विद्या, बुद्धि, विवेक धन-धान्य, सुख-शांति और समृद्धि के मंगल योग के बीच देवी भगवती का आगमन हो रहा है. इसलिए इस वर्ष दीपावली के अवसर पर माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करना काफी फलदायक है.

रांची: कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इस मौके पर मां लक्ष्मी को कमल का फूल और नई धान की बाली अति प्रिय है. धार्मिक मान्यता ऐसी है कि कमल के फूल और नई धान की बाली मां के चरणों में अर्पित करने से मां प्रसन्न होती है और भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखती है.

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नई धान की बाली मां की प्रिय
इससे दरिद्रता दूर होती है, धन, दौलत वैभव और समृद्धि प्रदान करती है. इसलिए नूतन दीपावली के दौरान धान की बाली और कमल के फूल का काफी महत्व माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना के समय होता है. माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा अर्चना में फूलों का काफी महत्व होता है. नई धान की बाली की भी इस विशेष पूजा अर्चना में खासा महत्व है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि माता लक्ष्मी को कमल के फूल अति प्रिय हैं. जबकि नई धान की बाली भी माता लक्ष्मी को भाती है. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक माह के दौरान धान की बाली तैयार हो जाती है और सबसे पहले माता लक्ष्मी को अर्पित करने की परंपरा है. ऐसे में शहर के बाजारों में भी रांची के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीण धान की बाली लेकर बाजारों में पहुंचे हैं और इसकी बिक्री कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रपति, PM और राज्यपाल ने दी दीपावली की शुभकामनाएं, मोदी बोले- HAPPY DEEPAWALI

धान की बाली और कमल फूल की मांग
धान की बाली की बिक्री 10 रुपये प्रति मुट्ठी हो रही है. वहीं कमल के फूल 10 रुपये में दो मिल रहे हैं.मान्यता ऐसी भी है कि भगवान गणेश को लाल रंग अति प्रिय है. लाल रंग मंगल का प्रतीक है. इसलिए लाल रंग का फूल उन्हें चढ़ाया जाता है, इसके मद्देनजर लाल कमल के फूलों की बिक्री रांची के बाजारों में जोरों पर है और माता लक्ष्मी पर अर्पित करने के लिए नई धान की बाली की भी खूब मांग है और इस मांग को पूरा करने में रांची के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीण जुटे हैं.

50 साल बाद ऐसा योग
जानकार कहते हैं लगभग 50 साल बाद दीपावली पर रविवार को लक्ष्मी योग बन रहा है. विद्या, बुद्धि, विवेक धन-धान्य, सुख-शांति और समृद्धि के मंगल योग के बीच देवी भगवती का आगमन हो रहा है. इसलिए इस वर्ष दीपावली के अवसर पर माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करना काफी फलदायक है.

Intro:रांची।

कार्तिक मास की अमावस्या की तिथि को माता लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना की जाती और माता लक्ष्मी को कमल के फूल और नई धान की बाली अति प्रिय है. धार्मिक मान्यता ऐसी है कि कमल के फूल और नई धान की बाली मां के चरणों में अर्पित करने से मां प्रसन्न होती है और भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं .दरिद्रता दूर होती है. धन दौलत वैभव समृद्धि प्रदान करती है .इसलिए नूतन धान की बाली और कमल के फूल का काफी महत्व दीपावली के दौरान माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना के समय है.


Body:माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा अर्चना में फूलों की काफी महत्व होता है .नई धान की बाली की भी इस विशेष पूजा अर्चना में खासा महत्व है .ऐसी धार्मिक मान्यता है कि माता लक्ष्मी को कमल के फूल अति प्रिय है .जबकि नई धान की बाली भी माता लक्ष्मी को भाता है .ऐसी मान्यता है कि कार्तिक माह के दौरान धान की बाली तैयार हो जाती है और सबसे पहले माता लक्ष्मी को अर्पित करने की परंपरा है .ऐसे में शहर के बाजारों में भी रांची के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीण धान की बाली लेकर बाजारों में पहुंचे हैं और इसकी बिक्री कर रहे हैं .10 रुपये प्रति मुट्ठी धान की बाली की बिक्री हो रही है. वहीं कमल के फूल 10 रुपये में दो मिल रहे हैं .मान्यता ऐसी भी है कि भगवान गणेश को लाल रंग अतिप्रिय है .लाल रंग मंगल का प्रतीक है .इसलिए लाल रंग का फूल उन्हें चढ़ाया जाता है .इसी के मद्देनजर लाल कमल के फूलों की बिक्री रांची के बाजारों में जोरों पर है और माता लक्ष्मी पर अर्पित करने के लिए नई धान की बाली की भी खूब मांग है और इस मांग को पूरा करने में रांची के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीण जुटे हैं.


Conclusion:विद्वान कहते हैं लगभग 50 साल बाद दीपावली पर रविवार को लक्ष्मी योग बन रहे हैं विद्या बुद्धि विवेक धन-धान्य सुख शांति और समृद्धि के मंगल योग के बीच देवी भगवती का आगमन हो रहा है .इसलिए इस वर्ष दीपावली के अवसर पर माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करना काफी फलदायक है. रांची में इस विशेष पूजा अर्चना को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है .माता लक्ष्मी की आराधना को लेकर शहर भक्तिमय है।


byte- स्थानीय, ग्रामीण।
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