रांचीः श्रमिकों के लिए अगर सबसे बड़ा भगवान कोई होता है तो वह भगवान विश्वकर्मा को ही माना जाता है. क्योंकि उनके आशीर्वाद से ही मजदूर अपना और अपने परिवार का पाल-पोषण कर पाते हैं. इसी को लेकर राजधानी के एचईसी प्लांट में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर मजदूरों ने पूजा-अर्चना की.
इसे भी पढ़ें- महंगाई और बरसात ने मूर्तिकारों की तोड़ी कमर, विश्वकर्मा पूजा के दौरान भी नहीं बिक रही मूर्ति
भगवान विश्वकर्मा की पूजा के पावन अवसर पर एचईसी के तमाम मजदूरों के अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारी और यूनियन के सभी बड़े नेता शामिल हुए. एचईसी के पुराने दिन वापस लाने के लिए विश्वकर्मा के पूजा के दिन मजदूरों ने प्रार्थना की ताकि जल्द से जल्द मजदूरों के भी दिन बेहतर हो सके.
पूजा-अर्चना के बाद भारतीय मजदूर संघ के संयोजक रमाशंकर ने बताया कि एचईसी में विश्वकर्मा पूजा की परंपरा वर्ष 1962 से चली आ रही है. मजदूर धूमधाम से भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं. क्योंकि एचईसी में लगाए गए सभी हैवी मशीन लोहे से बनाए गए हैं और सबसे ज्यादा काम भी लोहे और स्टील से ही होता है. इसीलिए एचईसी में विश्वकर्मा भगवान का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता है.
वहीं एचईसी के सबसे वरिष्ठ यूनियन नेता पूर्व कर्मचारी राणा संग्राम सिंह बताते हैं कि एचईसी को मदर कंपनी कहा जाता है इसीलिए इसका बंद होना असंभव. लेकिन वर्तमान में इसकी स्थिति वाकई में खराब हो रही है, इसके जीर्णोधार की जरूरत है जिसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार अपना ध्यान आकृष्ट करें.
इसे भी पढ़ें- HEC Upgradation! सरकारी सुविधा और आधुनिकीकरण का अभाव, आश्वासन के बावजूद तंगहाली की मार झेल रहा एचईसी
एचईसी में काम करने वाले मजदूरों ने कहा कि आज की तारीख में सबसे ज्यादा परेशानी वेतन को लेकर ही है, मजदूर काम तो कर रहे हैं लेकिन उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है. इसलिए विश्वकर्मा पूजा के दिन अधिकारियों एवं प्रबंधन के लोगों से आग्रह किया कि मजदूरों की परेशानी को देखते हुए उन्हें समय पर वेतन दिया जाए.
एक वक्त था जब एचईसी खनन, इस्पात, रेलवे, बिजली, रक्षा,अंतरिक्ष अनुसंधान में अहम योगदान देता रहा. लेकिन मौजूदा वक्त में एचईसी से जैसे बड़े संस्थान सरकारी सुविधा की कमी और आधुनिकीकरण की कमी की मार झेल रहा है.