ETV Bharat / city

हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति कर लेता है आत्महत्या, जानिए आखिर क्यों हार जाते हैं जिंदगी की जंग

आत्महत्या की घटनाएं दुनियाभर में होती हैं और यह किसी भी उम्र में हो सकती है. आंकड़ों के अनुसार 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों में आत्महत्या की दर सबसे अधिक है. हालांकि भारत जैसे देशों में सबसे अधिक आत्महत्या युवा वर्ग कर रहा है.

डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Sep 10, 2019, 5:24 PM IST

Updated : Sep 10, 2019, 6:18 PM IST

रांची: जिंदगी ईश्वर की दी हुई सबसे अनमोल चीज मानी जाती है, लेकिन बदलते परिवेश और बढ़ते तनाव के कारण छोटी-छोटी बातों पर लोग अपनी जान दे देते हैं. आंकड़ों की माने तो विश्व में हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या जैसे कदम उठाता है. आखिर ऐसी कौन सी वजह होती है जिस वजह से ईश्वर की सबसे अनमोल चीज जीवन को भी लोग खत्म कर लेते हैं, इसके बचाव क्या हैं?

मनोचिकित्सक से बातचीत करते संवाददाता

कैसे हम जानें कि हमारे परिवार के बीच रहने वाला सदस्य या कोई हमारा दोस्त क्यों अपने जीवन को समाप्त करने की सोचने लगता है? इन सारे मुद्दों पर ईटीवी भारत की टीम के साथ रांची रिनपास के मनोचिकित्सक सिद्धार्थ सिन्हा ने विस्तार से बात की.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी के रांची दौरे की तैयारी पूरी, वन-धन और किसान मानधन सहित कई योजनाओं की देंगे सौगात

दरअसल, विश्व भर में हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर डॉ सिद्धार्थ सेना ने आत्महत्या की वजह उनकी रोकथाम के बारे में ईटीवी भारत की टीम के साथ अपने अनुभव को शेयर किया. वर्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन डे का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में जागरूकता को बढ़ाना है, ताकि आत्महत्या को रोका जा सके.

भारत में युवा वर्ग करते हैं सबसे ज्यादा खुदकुशी
डॉक्टर सिद्धार्थ के अनुसार, आत्महत्या की घटनाएं दुनियाभर में होती हैं और यह किसी भी उम्र में हो सकती है. आंकड़ों के अनुसार 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों में आत्महत्या की दर सबसे अधिक है. हालांकि भारत जैसे देशों में सबसे अधिक आत्महत्या युवा वर्ग कर रहा है. 15 से 29 वर्ष के बीच यह दर सबसे अधिक होता है.

ये भी पढ़ें- रांची: सड़क की दावेदारी को लेकर सेना और ग्रामीणों के बीच झड़प, पुलिस ने मामले को कराया शांत

सुसाइड के बारे में सोचने वाले ऐसे देते हैं संकेत
डॉक्टर सिद्धार्थ बताते हैं कि सुसाइड के बारे में सोचने वाले व्यक्ति कुछ न कुछ ऐसे संकेत देता है जिसे अगर समय से पहचान लिया जाए तो उसे बचाया जा सकता है. डॉक्टर सिद्धार्थ के अनुसार आत्महत्या की कई वजह होती हैं. जिसमें पढ़ाई, बिजनेस में असफलता, प्यार में धोखा, नौकरी छूट जाना शामिल है. रिश्तो में किसी के खोने का भाव और पारिवारिक कलह इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. कुछ मामलों में मेडिकल कंडिशन यानी जब किसी बीमारी में ठीक होने की संभावनाएं नजर नहीं आती हैं तब भी इंसान आत्महत्या जैसे कदम उठाता है.

कैसे होते हैं संकेत

  • जब किसी व्यक्ति के अंदर अचानक अकारण रोने की भावना उत्पन्न होने लगे.
  • जब कोई व्यक्ति आत्महत्या के तरीके और उसे कैसे अंजाम दिया जाता है यह चर्चा करने लगे.
  • बंद कमरे में अकेले रहने की कोशिश करे, अत्यधिक नशा करने लगे.

क्या कहते हैं डॉक्टर
डॉ सिद्धार्थ के अनुसार, यदि आपके परिवार में रहने वाला सदस्य या फिर आपका कोई दोस्त हमेशा चुपचाप सा अकेला रहता है तो उसे भावनात्मक सपोर्ट दें. ऐसे व्यक्ति की समस्या के समाधान के लिए नए विकल्पों की तलाश करनी चाहिए. यदि कोई ब्रेकअप की वजह से और अवसाद में है तो उसे वर्तमान रिश्तों के बारे में समझाएं. कैसे समझाएं कि उसके मां-बाप, भाई-बहन भी उसके सहारे जीवित हैं. जीवन सिर्फ एक ब्रेकअप से खत्म नहीं हो जाता.

ये भी पढ़ें- 'विधायक का काम करते हैं, वर्दी की इज्जत करता हूं' बोल, भिड़ गए पुलिस से, जानिए फिर क्या हुआ

ऐसे लक्षण में भी तुरंत दिखाएं
वहीं, अगर कोई व्यक्ति अवसाद सिजोफ्रेनिया या दूसरे मानसिक विकार से ग्रसित है तो उसे तुरंत मनोचिकित्सक से इलाज करवाना चाहिए. डॉक्टर बताते हैं कि अगर किसी भी व्यक्ति में अवसाद के लक्षण या संकेत दिखाई दे तो उसे 15 दिन के अंदर मनोचिकित्सक के पास ले जाना चाहिए.

यंगस्टर्स के आत्महत्या करने के कारण

  • रिलेशनशिप या करीबी दोस्ती खत्म होना.
  • एक नौकरी खोने या बेरोजगार होने और स्थिर आय का पर्याप्त स्रोत खोजने में असमर्थ होने पर.
  • वित्तीय समस्याएं, सामाजिक स्थिति खोना. अपमानित होना भी सुसाइड का एक कारण है.
  • गिरफ्तार होना या जेल जाना.

रांची: जिंदगी ईश्वर की दी हुई सबसे अनमोल चीज मानी जाती है, लेकिन बदलते परिवेश और बढ़ते तनाव के कारण छोटी-छोटी बातों पर लोग अपनी जान दे देते हैं. आंकड़ों की माने तो विश्व में हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या जैसे कदम उठाता है. आखिर ऐसी कौन सी वजह होती है जिस वजह से ईश्वर की सबसे अनमोल चीज जीवन को भी लोग खत्म कर लेते हैं, इसके बचाव क्या हैं?

मनोचिकित्सक से बातचीत करते संवाददाता

कैसे हम जानें कि हमारे परिवार के बीच रहने वाला सदस्य या कोई हमारा दोस्त क्यों अपने जीवन को समाप्त करने की सोचने लगता है? इन सारे मुद्दों पर ईटीवी भारत की टीम के साथ रांची रिनपास के मनोचिकित्सक सिद्धार्थ सिन्हा ने विस्तार से बात की.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी के रांची दौरे की तैयारी पूरी, वन-धन और किसान मानधन सहित कई योजनाओं की देंगे सौगात

दरअसल, विश्व भर में हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर डॉ सिद्धार्थ सेना ने आत्महत्या की वजह उनकी रोकथाम के बारे में ईटीवी भारत की टीम के साथ अपने अनुभव को शेयर किया. वर्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन डे का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में जागरूकता को बढ़ाना है, ताकि आत्महत्या को रोका जा सके.

भारत में युवा वर्ग करते हैं सबसे ज्यादा खुदकुशी
डॉक्टर सिद्धार्थ के अनुसार, आत्महत्या की घटनाएं दुनियाभर में होती हैं और यह किसी भी उम्र में हो सकती है. आंकड़ों के अनुसार 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों में आत्महत्या की दर सबसे अधिक है. हालांकि भारत जैसे देशों में सबसे अधिक आत्महत्या युवा वर्ग कर रहा है. 15 से 29 वर्ष के बीच यह दर सबसे अधिक होता है.

ये भी पढ़ें- रांची: सड़क की दावेदारी को लेकर सेना और ग्रामीणों के बीच झड़प, पुलिस ने मामले को कराया शांत

सुसाइड के बारे में सोचने वाले ऐसे देते हैं संकेत
डॉक्टर सिद्धार्थ बताते हैं कि सुसाइड के बारे में सोचने वाले व्यक्ति कुछ न कुछ ऐसे संकेत देता है जिसे अगर समय से पहचान लिया जाए तो उसे बचाया जा सकता है. डॉक्टर सिद्धार्थ के अनुसार आत्महत्या की कई वजह होती हैं. जिसमें पढ़ाई, बिजनेस में असफलता, प्यार में धोखा, नौकरी छूट जाना शामिल है. रिश्तो में किसी के खोने का भाव और पारिवारिक कलह इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. कुछ मामलों में मेडिकल कंडिशन यानी जब किसी बीमारी में ठीक होने की संभावनाएं नजर नहीं आती हैं तब भी इंसान आत्महत्या जैसे कदम उठाता है.

कैसे होते हैं संकेत

  • जब किसी व्यक्ति के अंदर अचानक अकारण रोने की भावना उत्पन्न होने लगे.
  • जब कोई व्यक्ति आत्महत्या के तरीके और उसे कैसे अंजाम दिया जाता है यह चर्चा करने लगे.
  • बंद कमरे में अकेले रहने की कोशिश करे, अत्यधिक नशा करने लगे.

क्या कहते हैं डॉक्टर
डॉ सिद्धार्थ के अनुसार, यदि आपके परिवार में रहने वाला सदस्य या फिर आपका कोई दोस्त हमेशा चुपचाप सा अकेला रहता है तो उसे भावनात्मक सपोर्ट दें. ऐसे व्यक्ति की समस्या के समाधान के लिए नए विकल्पों की तलाश करनी चाहिए. यदि कोई ब्रेकअप की वजह से और अवसाद में है तो उसे वर्तमान रिश्तों के बारे में समझाएं. कैसे समझाएं कि उसके मां-बाप, भाई-बहन भी उसके सहारे जीवित हैं. जीवन सिर्फ एक ब्रेकअप से खत्म नहीं हो जाता.

ये भी पढ़ें- 'विधायक का काम करते हैं, वर्दी की इज्जत करता हूं' बोल, भिड़ गए पुलिस से, जानिए फिर क्या हुआ

ऐसे लक्षण में भी तुरंत दिखाएं
वहीं, अगर कोई व्यक्ति अवसाद सिजोफ्रेनिया या दूसरे मानसिक विकार से ग्रसित है तो उसे तुरंत मनोचिकित्सक से इलाज करवाना चाहिए. डॉक्टर बताते हैं कि अगर किसी भी व्यक्ति में अवसाद के लक्षण या संकेत दिखाई दे तो उसे 15 दिन के अंदर मनोचिकित्सक के पास ले जाना चाहिए.

यंगस्टर्स के आत्महत्या करने के कारण

  • रिलेशनशिप या करीबी दोस्ती खत्म होना.
  • एक नौकरी खोने या बेरोजगार होने और स्थिर आय का पर्याप्त स्रोत खोजने में असमर्थ होने पर.
  • वित्तीय समस्याएं, सामाजिक स्थिति खोना. अपमानित होना भी सुसाइड का एक कारण है.
  • गिरफ्तार होना या जेल जाना.
Intro:
जिंदगी ईश्वर की दी हुई सबसे अनमोल चीज मानी जाती है। लेकिन बदलते परिवेश और बढ़ते तनाव के कारण छोटी-छोटी बातों पर लोग अपनी जान दे देते हैं। आंकड़ों की माने तो विश्व में हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या जैसे कदम उठाता है। आखिर ऐसी कौन सी वजह होती है जिस वजह से ईश्वर की सबसे अनमोल चीज जीवन को भी लोग खत्म कर लेते हैं , इसके बचाव क्या है ? कैसे हम जाने कि हमारे परिवार के बीच रहने वाला सदस्य या कोई हमारा दोस्त क्यों अपने जीवन को समाप्त करने की सोचने लगता है ? इन सारे मुद्दों पर ईटीवी भारत की टीम के साथ रांची रिनपास के मनोचिकित्सक सिद्धार्थ सिन्हा ने विस्तार से बात की । दरअसल विश्व भर में हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर डॉ सिद्धार्थ सेना ने आत्महत्या की वजह उनकी रोकथाम के बारे में ईटीवी भारत की टीम के साथ अपने अनुभव को शेयर किया। वर्ल्ड सुसाइड प्रीवेंशन डे का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में जागरूकता को बढ़ाना है ताकि आत्महत्या को रोका जा सके।

डॉक्टर सिद्धार्थ के अनुसार आत्महत्या की घटनाएं दुनियाभर में होती है और यह किसी भी उम्र में हो सकती है। आंकड़ों के अनुसार 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों में आत्महत्या की दर सबसे अधिक है। हालांकि भारत जैसे देशों में सबसे अधिक आत्महत्या युवा वर्ग के द्वारा अंजाम दिया जाता है। 15 से 29 वर्ष के बीच यह दर सबसे अधिक होता है।

डॉक्टर सिद्धार्थ के अनुसार सुसाइड के बारे में सोचने वाले व्यक्ति कुछ ना कुछ ऐसे संकेत देता है जिसे अगर समय से पहचान लिया जाए तो उसे बचाया जा सकता है। डॉक्टर सिद्धार्थ के अनुसार आत्महत्या की कई वजहें होती हैं जिसमें पढ़ाई बिजनेस में असफलता प्यार में धोखा नौकरी छूट जाना शामिल है। रिश्तो में किसी के खोने का भाव और पारिवारिक कलह इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। कुछ मामलों में मेडिकल कंडीशन यानी जब किसी बीमारी में ठीक होने की संभावनाएं नजर नहीं आती हैं तब भी इंसान आत्महत्या जैसे कदम को उठाता है।

कैसे होते है संकेत



जब किसी व्यक्ति के अंदर अचानक अकारण रोने की भावना उत्पन्न होने लगे
जब कोई व्यक्ति आत्महत्या के तरीके और उसे कैसे अंजाम दिया जाता है यह चर्चा करने लगे
बंद कमरे में अकेले रहने की कोशिश करें
अत्यधिक नशा करने लगे

डॉ सिद्धार्थ के अनुसार यदि आपके परिवार में रहने वाला सदस्य या फिर आपका कोई दोस्त हमेशा चुपचाप सा अकेला रहता है तो उसे भावनात्मक सपोर्ट दे ।ऐसे व्यक्ति की समस्या के समाधान के लिए नए विकल्पों की तलाश करनी चाहिए। यदि कोई ब्रेकअप की वजह से और अवसाद में है तो उसे वर्तमान रिश्तो के बारे में समझाएं। कैसे समझाएं कि उसके मां बाप भाई बहन भी उसके सहारे जीवित है जीवन सिर्फ एक ब्रेकअप से खत्म नहीं हो जाता।
वहीं अगर कोई व्यक्ति अवसाद सिजोफ्रेनिया या दूसरे मानसिक विकार से ग्रसित है तो उसे तुरंत मनोचिकित्सक से इलाज करवाना चाहिए। डॉक्टर सिद्धार्थ के अनुसार अगर किसी भी व्यक्ति में अवसाद के लक्षण या संकेत दिखाई दे तो उसे 15 दिन के अंदर मनोचिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।





Body:no


Conclusion:no
Last Updated : Sep 10, 2019, 6:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.