रांची: हृदय हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है और इसके सेहत को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. इसी को लेकर आज (29 सितंबर) वर्ल्ड हार्ट-डे मनाया जा रहा है. जिसमें कई कार्यक्रम चलाकर लोगों को हृदय से जुड़ी कई बीमारियों को लेकर अवेयर किया जा रहा है.
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कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक गंभीर समस्या
रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर हेमंत नारायण बताते हैं कि हार्ट अटैक की समस्या यूरोपियन देश और अन्य देशों में 55 से 60 साल की उम्र में देखी जाती है. लेकिन भारत में 40 से 45 साल की आयु में हार्ट अटैक की समस्या सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि भारत में 30 साल से कम उम्र के लोगों को भी हार्ट अटैक हो रहा है. जिसका मुख्य कारण धूम्रपान है. हेमंत नारायण कहते हैं कि हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण परिवारिक इतिहास भी है. पारिवारिक कारणों की वजह से पुरूषों में हार्ट अटैक की समस्या होती है, वहीं महिलाओं में 65 से कम से उम्र में यह समस्या देखने को मिलती है.
डॉक्टर हेमंत नारायण ने कहा कि झारखंड में हृदय रोग से ग्रसित मरीजों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं नहीं हैं, लेकिन रांची और जमशेदपुर जैसे शहरों में कुछ ऐसे अस्पताल हैं जहां पर झारखंड के लोगों के हृदय की सेहत का ख्याल रखा जाता है. उन्होंने बताया कि राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में 100 से अधिक ओपन हार्ट सर्जरी हो चुके हैं. जिसमें तीन वॉल्व ऑपरेशन, बायपास सर्जरी और कोरोना मरीजों को दिल के दौरे पड़ने के बाद भी सर्जरी की गई है.
2010 में कार्डियोलॉजी विभाग की हुई थी शुरुआत
2010 में 4 बेड के साथ का कार्डियोलॉजी विभाग की शुरुआत हुई थी और अभी कुल 100 बेडों का अस्पताल बन चुका है. उम्मीद जताई जा रही थी धीरे-धीरे इस विभाग को और भी विकसित किया जाएगा. रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन 125 से डेढ़ सौ मरीज अपना इलाज के लिए पहुंचते हैं. विभाग के डॉक्टरों की माने तो कोलेस्ट्रॉल की अधिकता और डायबिटीज हार्टअटैक की प्रमुख वजह है.
नशीली पदार्थों के सेवन से बढ़ता है हृदय रोग
नशीली पदार्थों के सेवन के कारण झारखंड में भी हृदय रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या काफी देखने को मिल रही है. डॉक्टरों के मुताबिक हृदय रोग से बचने के लिए प्रतिदिन एक घंटे तक व्यायाम करना चाहिए और इसके अलावे नशीली पदार्थों का सेवन नहीं के बराबर करना चाहिए.